- सिटी में प्रचलन से बाहर होते जा रहे छोटे सिक्के

- दुकानदार नहीं लेना चाहते एक रुपए के सिक्के, बैंक भी करते आनाकानी

बाकी बड़े सिक्के ही चलन में
Gorakhpur@inext.co.in
GORAKHPUR: नोटबंदी के दौरान करेंसी के अकाल को पूरा करने के लिए तेजी से चलन में आए सिक्के अब गोरखपुराइट्स के लिए समस्या खड़ी कर रहे हैं। दस व पांच के सिक्के तो फिर भी चलन में हैं लेकिन एक व दो के सिक्के लेने में दुकानदार व ग्राहक दोनों झिझक रहे हैं। इनमें भी एक रुपए का छोटा सिक्का इस कदर उपेक्षित है कि जिसके पास जितना भी है वो डंप पड़ा हुआ है। छोटे दुकानदार, रेहड़ी-खोमचे वाले व किराना व्यापारी इस समस्या से बुरी तरह प्रभावित हैं। सिक्कों को रखने में हो रही असुविधा का आलम यह है कि बैंक भी लोगों से कैश स्वीकार नहीं कर रहे हैं। शहर में इन दिनों करीब 10 करोड़ सिक्के हैं, लेकिन इनका 50 प्रतिशत हिस्सा बैंक या लोगों के पास डंप पड़ा हुआ है। बाकी बड़े सिक्के ही चलन में हैं।

व्यापारियों के लिए मुसीबत
छोटे दुकानदारों को बिक्री के दौरान सिक्के सबसे अधिक मिलते हैं। वह थोक व्यापारियों को वही सिक्के देकर माल खरीदते हैं। चूंकि एक थोक व्यापारी कई छोटे दुकानदारों को माल देता है, इसलिए उनके पास ज्यादा सिक्के जमा हो गए हैं। यह व्यापारी जब बैंक में सिक्के ले जाते हैं तो बैंक मना कर देते हैं। बैंक का तर्क है कि अगर कर्मचारी सिक्के गिनने में लग जाएंगे तो बाकी काम प्रभावित हो जाएगा। यही वजह है कि वह केवल एक हजार रुपए के सिक्के ही प्रतिदिन स्वीकार करते हैं जिससे सिक्के रखना व्यापारियों के लिए मुसीबत बन गया है।

वॉटर एटीएम नहीं ले रहा एक का सिक्का
सिविल लाइंस स्थित नगर निगम का वॉटर एटीएम करीब दस दिन पहले तक एक के छोटे सिक्के स्वीकार कर रहा था। लेकिन इस समय शहर के किसी भी वॉटर एटीएम में एक के छोटे सिक्के नहीं लिए जा रहे हैं। ऑपरेटर्स का कहना है कि जो सिक्के हमें लोगों से प्राप्त हो रहे थे उसे कोई नहीं ले रहा था। इसकी वजह से हमारे पास छोटे सिक्के बड़ी मात्रा में इक्ट्ठे हो गए थे जिसके चलते मजबूरी में हमें सिक्के लेना बंद करना पड़ा।

सिक्कों से भर गया करेंसी चेस्ट
वहीं, सिक्कों के चलन में नहीं होने के कारण बैंकों के करेंसी चेस्ट सिक्कों से भर गए हैं। बैंक करेंसी चेस्ट से उन्हें निकाल नहीं पा रहे हैं और न ही आरबीआई को वापस कर पा रहे हैं। आरबीआई ने बैंकों को दो टूक कह दिया है कि करेंसी आप लोगों को चलाने के लिए दी गई है, वापस करने के लिए नहीं। नतीजा यह है कि किसी बैंक में 10 तो किसी में 20 लाख रुपए के सिक्के पड़े हुए हैं। अकेले एसबीआई बैंक के करेंसी चेस्ट में 35 लाख रुपए के सिक्के पड़े हुए हैं।

आरबीआई की ओर से जारी सभी सिक्के प्रचलन में हैं। किसी पर पाबंदी नहीं लगाई गई है। बैंक भी सिक्कों को ले रहे हैं।
- महेश गुप्ता, मैनेजर, लीड बैंक