- जिले के प्रभारी ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने सिटी के लोगों से किया वादा

- दैनिक जागरण आई नेक्स्ट के ऑफिस में सिटी के इंडस्ट्रियलिस्ट बिजनेसमैन और एजुकेशनिस्ट के साथ की बातचीत

बरेली। दिसंबर 2021 तक बरेली को स्मार्ट बनाकर दिखाएंगे। इसके लिए राज्य सरकार प्लान तैयार कर चुकी है। इसे लेकर सिटी में जल्द ही आपको काम होता हुआ दिखाई पड़ेगा। बरेली के लोगों से यह प्रॉमिस जिले के प्रभारी पॉवर मिनिस्टर श्रीकांत शर्मा ने किया। अफसरों के साथ योजनाओं की समीक्षा करने के बाद श्रीकांत शर्मा ने दैनिक जागरण आई नेक्स्ट के ऑफिस में इंडस्ट्रियलिस्ट, बिजनेसमैन और एजुकेशनिस्ट से मिले। सिटी के विकास के लिए उन्होंने इनके सुझाव सुने और फिर सरकार के विजन को इन लोगों से साझा किया।

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ऐसा होगा विकास का मॉडल

डेवलपमेंट: जीरो से शुरुआत

पॉवर मिनिस्टर ने बताया कि सिटी का डेवलेपमेंट जीरो से कर रहे हैं। सीवर लाइन का काम भी शुरू हुआ है।

वेस्ट मैनेजमेंट : कूड़े का निस्तारण सिटी की सबसे बड़ी समस्या है। इसके लिए जमीन तलाशी जा रही है। अभी जो जमीन मिली है, वह विवादित है। जमीन मिलते ही कूड़ा निस्तारण की समस्या दूर कर दी जाएगी।

स्मार्ट पार्क : शहर के 26 पाकरें का सौन्दर्यीकरण होगा। साथ ही फैसिलिटीज भी बढ़ेंगी। ओपन जिम के अलावा लोगों के लिए यहां तमाम सुविधाएं दी जाएंगी। अब आगे से अवैध कॉलोनी नहीं बसने दी जाएंगी।

क्विक सर्विस : मिनिस्टर ने कहा कि अफसर पब्लिक को सुविधाएं दे। उनके लिए असुविधाएं पैदा न करें। लोगों की समस्याओं को जल्द से जल्द ईमानदारी से निपटाएं। पब्लिक की अपेक्षाओं पर खरा उतरें। किसी व्यक्ति का उत्पीड़न न हो।

करप्शन पर चोट : उन्होंने कहा कि लोग अपनी हर समस्या के लिए टोल फ्री नंबर पर शिकायत कर सकते हैं। सरकार इस पर क्विक एक्शन लेगी। इससे करप्शन पर लगाम लगेगी। फीडबैक भी आएं तो विकास में जो भी अड़चनें आएंगी, उसे दूर किया जाएगा।

रिसोर्सेज का मैक्सिमम यूज :

योजनाओं को लागू करने में कोताही बरतने पर कोई अफसर स्टाफकी कमी का बहाना नहीं बना सकता। आने वाले समय में भर्तियां भी होंगी। लेकिन अभी जो संसाधन है, उसमें बेहतर क्या कर कर सकते हैं उस पर सोचने की जरूरत है।

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सुझावों को सराहा

- बरेली-लखनऊ हाईवे पर फरीदपुर में अधूरी पड़ी सड़क के कारण हादसे बढ़ रहे हैं। यहां अधूरा पड़ा टोल प्लाजा भी हादसों की बड़ी वजह है। सड़क को जल्द ठीक कराया जाए, तभी हादसों पर लगाम लग सकेगी।

मुकेश गुप्ता, चेयरमैन फ्यूचर ग्रुप

- बरेली में जरी और बेंत के परंपरागत काम को फिर अपने पैर पर खड़ा करने के लिए सरकार पहल करे। इसके लिए एनजीओ भी मदद करें। इससे रोजगार के अवसर बढ़ेंगे।

किशोर कटरू, डिस्ट्रिक्ट गवर्नर रोटरी क्लब

- पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए सरकार की तरफ से सुविधाएं मिलनी चाहिए। अगर कोई पर्यटन या इंडस्ट्री के विकास के लिए वन विभाग से परमिशन लेना जाता है तो कानून का हवाला देकर रोड़े अटकाए जाते हैं। रूल्स इतने हैं कि इन्हें फॉलो करना ही मुश्किल है। सरकार को आसान नीति बनानी चाहिए।

अनिल अग्रवाल, डायरेक्टर फनसिटी

- शहर में इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए प्रयास आधे अधूरे हैं। कॉलोनियों में सड़क पर दुकानें आ गई हैं। जबकि होना यह चाहिए कि कॉलोनियों में शॉप्स के लिए अलग स्पेस होना चाहिए। जिससे हर चीज व्यवस्थित हों। विकास के लिए विजन के साथ काम हो।

आदित्यमूर्ति, एसआरएमएस

- सिटी में टेक्निकल इंस्टीट्यूट तो बहुत हैं और यहां से टैलेंट भी निकल रहा है। लेकिन उस लेवल की इंडस्ट्री नहीं हैं, जिससे यह टैलेंट बाहर चला जा रहा है। यहां पर नई इंडस्ट्रीज लगाए जाने की जरूरत है।

सचिन भसीम, शोरूम ओनर हुंडई

शहर में आवारा पशुओं की बड़ी समस्या है। कॉलोनी में बिजली नहीं आए तो इन्वर्टर लगा सकते हैं, लेकिन आवारा पशुओं से छुटकारा पाने के लिए सरकार पर ही निर्भर रह सकते हैं। इस समस्या से जल्द से जल्द छुटकारा मिलना चाहिए।

डालिमा अग्रवाल, इंटीरियर डिजायनर