- आए दिन सड़क पर वाहन चेकिंग में कागज वाले डीएल को लेकर होती है कहासुनी

- अभी भी काफी लोगों ने नहीं बनवाया है स्मार्ट कार्ड, नहीं हो पाती असली-नकली की पहचान

GORAKHPUR: भाई गाड़ी रोको, कागज दिखाओ। इतना सुनकर जनाब ने जेब से लंबा चौड़ा लाइसेंस निकाला और ट्रैफिक पुलिस को पकड़ा दिया। इसको देख ट्रैफिक पुलिस ने कहा कि भाई साहब अब ये कागज वाला लाइसेंस नहीं चल रहा है। इसे आप फौरन स्मार्ट कार्ड में कनवर्ट करा लें। फिलहाल ये तो एक मामला था लेकिन ऐसी प्रॉब्लम हर दिन शहर के अंदर गाड़ी चेकिंग के दौरान देखने को मिल जाएगी। चेकिंग में ट्रैफिक पुलिस, आरटीओ या फिर पुलिस को ऐसे लाइसेंस की पड़ताल करने में प्रॉब्लम का सामना करना पड़ता है। ऐसे में कई बार कहासुनी भी होती रहती है।

चेकिंग में मिलते फर्जी डीएल

सूत्रों की मानें तो कागज वाले लाइसेंस 50 से 100 रुपए में फर्जी भी तैयार किए जाते हैं। चेकिंग के दौरान कागज को चालान करने के बाद पता चलता है कि ऐसा कोई लाइसेंस आरटीओ ऑफिस से जारी ही नहीं हुआ है। इसलिए कागज वाले लाइसेंस पर अधिकारी विश्वास नहीं करते हैं।

कई का तो आरटीओ में भी नहीं डाटा

शहर हाईटेक हो रहा है। यहां के सरकारी दफ्तरों के डॉक्युमेंट की डिटेल अब कंप्यूटर में लोड की जा रही है जिससे कहीं बैठकर उसके असली-नकली होने का पता आसानी से किया जा सके। आरटीओ ऑफिस में कई लाइसेंस ऐसे हैं जो बेहद पुराने हैं। उन्हें काफी पहले ही कंप्यूटर में लोड कर लेना था। लेकिन इसके बाद भी अभी तक ऐसा नहीं हो सका। इस वजह से ऐसे लाइसेंस के पकड़े जाने पर इनका डाटा आरटीओ में भी आसानी से नहीं मिलता है। कई पुराने डीएल की डिटेल तो आप खोजते रह जाएंगे।

काफी पहले लगी थी आग

आरटीओ में काफी पहले आग लगी थी। जिसमें डीएल से संबंधित फाइलें जल कर राख हो गई थीं। इसके बाद कई साल तक आरटीओ दफ्तर में जले हुए रिकॉर्ड को फिर से कंप्यूटर में लोड किया गया। साथ ही खबर के द्वारा सभी लोगों को अपना लाइसेंस अपडेट करवाने का निर्देश भी दिया गया था। जिसके बाद अधिकतर लोगों ने अपना लाइसेंस अपडेट करवाया। इसमें टाइम पीरियड भी था कि इतने समय के अंदर ही लाइसेंस अपडेट करवाना है लेकिन ऐसा नहीं हो सका।

आग का हवाला देकर बनवा रहे डीएल

सूत्रों की मानें तो आग में जली फाइलों का हवाला देकर आज भी लोग अपना लाइसेंस बनवा रहे हैं। इस काम को आरटीओ के कुछ कर्मचारी की मिलीभगत से बहुत ही आसानी से अंजाम दिया जा रहा है। इससे लोगों को वर्षो पुराना लाइसेंस आसानी से मिल जाता है।

-आरटीओ में हर दिन डीएल के आते आवेदन-250-300

-डीएल बनवाने के लिए टेस्ट-50-70

- गाडि़यों का रजिस्ट्रेशन- 100-150

- दफ्तर में आते लोग- 1 हजार से अधिक

वर्जन

जिन लोगों ने भी अभी तक अपने पुराने डीएल को कार्ड में कनवर्ट नहीं कराया है उन्हें जल्द से जल्द कार्ड बनवा लेना चाहिए। इससे वे परेशानी से बचेंगे।

- श्याम लाल, आरटीओ प्रशासन