चाइल्ड लाइन में इतनी कॉल्स

-1098 चाइल्ड लाइन का हेल्पलाइन नंबर

-24 घंटे सुविधा उपलब्ध है हेल्पलाइन नंबर की

-18 साल तक की ऐज के बच्चे ले सकते हैं हेल्प

-60 से ज्यादा कॉल्स अब आ रही हैं हर महीने

-5 से 6 कॉल्स पहले आती थीं हर महीने

-12 से अधिक कॉल्स नीड और प्रोटेक्शन की आ रही हैं हर महीने

केस:-1 दाल में सिर्फ पानी रहता है

बिशारतगंज के पूर्व माध्यमिक विद्यालय के एक बच्चे ने 1098 नम्बर पर ट्यूजडे दोपहर में कॉल की। बच्चे ने बताया कि उसके स्कूल में जो मिड-डे मील मिलता है, वह अच्छा नहीं है। दाल में पानी ज्यादा होता है, जिसे वह और उसके साथी खाना नहीं चाहते हैं। ऐसे में उसकी हेल्प की जाए। बच्चे से बात होने के बाद चाइल्ड लाइन की टीम मौके पर पहुंची तो जो बताया वह ठीक था। इस पर टीम ने टीचर से सही मिड डे मील देने को कहा और इसकी जानकारी अफसरों को दी।

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केस:- 2 दूसरे बच्चे करते हैं परेशान

शहर के एक निजी स्कूल में पढ़ने वाले एक बच्चे को दूसरे बच्चे तंग करते था। इसकी कंप्लेन उसने टीचर्स से की तो उन्होंने ध्यान नहीं दिया। बच्चे का कहना था कि वह काफी समय से परेशान है। उसकी टीसी भी काट दी है और फीस भी वापस नहीं कर रहे थे। इस पर उसने चाइल्ड लाइन के हेल्पलाइन नंबर पर कंप्लेन की तो टीम ने बच्चे और प्रिंसिपल से बात की। हालांकि पि्रंसिपल ने जिस बच्चे की टीसी काटी थी उसकी पूरी फीस को चेक के थ्रू रिटर्न किया था। ताकि वह दूसरी जगह एडमिशन ले सके। इस बात पर परिजन भी सहमत थे।

केस नम्बर:-3 पापा से मम्मी से करते हैं झगड़ा

मेरे पापा मां से झगड़ा करते हैं जिससे मेरा पढ़ने में मन नहीं लगता है। अब बताओ मैं क्या करु। यह कंप्लने चाइल्ड लाइन के नंबर पर पीलीभीत रोड स्थित एक लड़की ने की। जिस पर टीम मौके पर पहुंची और बच्ची और उसके पेरेंट्स से बात की। काउंसलिंग की गई तो पता चला कि बच्ची के पिता नशा करने के बाद मारपीट भी करते है। टीम ने समझाया और बच्ची के साथ पेरेंट्स की काउंसिलिंग की तो अब ठीक है।

केस नम्बर-4 सबको मिली बुक्स पर मुझे नहीं मिली

शहर के कैंट स्थित एक स्कूल में पढ़ने वाले बच्चे ने 1098 पर एक सप्ताह पहले कॉल की। बच्चे ने बताया कि वह क्लास 8 का स्टूडेंट है। स्कूल में उसे बुक्स नहीं मिली है तो वह कैसे पढ़ाई करें। जबकि सभी को फ्री बुक्स मिलती है। चाइल्ड लाइन ने बच्चे की कॉल पर स्कूल में विजिट किया तो पता चला कि उसके स्कूल में उसे बुक्स नहीं मिल पाई थी। टीम ने मामले को प्रिंसिपल से कहा तब कहीं जाकर उसे बुक्स मिल सकी।

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बरेली: बरेली में नई पीढ़ी के बच्चे अब स्मार्ट हो गए है। क्योंकि चाइल्ड लाइन के नंबर पर पहले जहां सिर्फ बच्चों के खोने और मिलने की सूचनाएं आती थीं। वहीं पिछले एक महीने से बच्चे अपनी प्रॉब्लम्स के सॉल्यूशन के लिए खुद ही कॉल कर रहे हैं। चाइल्ड लाइन के टॉल फ्री नंबर 1098 पर जुलाई महीने में सर मेरे मम्मी पापा झगड़ा करते हैंआप किसी तरह समझा दो। सर मेरे स्कूल में मिड-डे मील खराब मिलता और टीचर ने बिजली कनेक्शन कटवा दिया, सर मेरे स्कूल में दूसरे बच्चे मुझे परेशान करते हैं, मेरी मदद करो कुछ इस तरह की कंप्लेन बच्चों ने की। बच्चों की कंप्लेन के बाद चाइल्ड लाइन के अधिकारी मौके पर पहुंचे तो सारी कंप्लेन सही पाई गई। अधिकारियों ने सभी कंप्लेन को सॉल्व किया। जिस पर बच्चे काफी खुश हुए।

चाइल्ड लाइन का यह है फायदा

केंद्र सरकार की ओर से 24 घंटे चलाई जाने वाले चाइल्ड हेल्पलाइन 1098 का फायदा 18 साल तक के बच्चे उठा सकते हैं। बच्चे टॉल फ्री नंबर पर कॉल करके अपनी कोई भी प्रॉब्लम बता सकते हैं। यह है एक निशुल्क सेवा है, जिसका फायदा गुमशुदा, बाल विवाह, बाल मजदूरी और अन्य समस्याओं से परेशान बच्चे ले सकते हैं। वहीं ऐसे बच्चे भी कंप्लेन कर सकते हैं जिनको सेहत, शिक्षा, खाने पीने आदि की सुविधाएं या न्याय न मिल रहा हो।

नीड केयर प्रोटक्शन की जहां से भी कॉल्स आती है, तो टीम मौके पर पहुंचकर मदद के लिए भेजी जाती है। मिसिंग चाइल्ड के लिए भी टीम लगातार वर्क कर रही है।

अनीश अहमद खां जहांगीर, डायरेक्टर चाइल्ड लाइन