- 2 भागों में तैयार किया गया प्रोजेक्ट

- 15 बिंदु ग्रुप ए में शामिल किये गये

- 10 बिंदु ग्रुप बी में शामिल किये गये

- 90.62 करोड़ टोटल कॉस्ट ग्रुप ए की

- 28.27 करोड़ टोटल कॉस्ट ग्रुप बी की

- शहर में बनेगा प्रदेश स्तरीय सर्विलांस सिस्टम, पेलिकन सिग्नल भी लगेंगे

- विभिन्न बिंदुओं को लेकर करीब 118.89 करोड़ का है प्रोजेक्ट

निगम की ओर से टेंडर निकाले जा रहे
abhishek mishra@inext.co.in
LUCKNOW: स्मार्ट सिटी के तहत शहर की ट्रैफिक व्यवस्था को नई जिंदगी देने के लिए तैयारियां शुरू कर दी गई हैं। जो प्रोजेक्ट तैयार किया गया है, उससे साफ है कि शहर में प्रदेश स्तरीय सर्विलांस सिस्टम को स्थापित करने के साथ-साथ पेलिकन सिग्नल भी लगाए जाएंगे। इससे सड़क पार करने के दौरान होने वाले हादसों की संख्या न के बराबर हो जाएगी। प्रोजेक्ट में कई अन्य बिंदुओं को भी शामिल किया गया है। इन बिंदुओं को शुरू करने के लिए निगम की ओर से टेंडर निकाले जा रहे हैं।

दो भाग, 25 बिंदु
जानकारी के अनुसार, ट्रैफिक व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए दो भागों में प्रोजेक्ट को तैयार किया गया है। पहले गु्रप ए में 15 बिंदु शामिल किए गए हैं, जबकि दूसरे ग्रुप बी में 10 बिंदुओं को शामिल किया गया है। पहले गु्रप की टोटल कॉस्ट करीब 90.62 करोड़ तथा दूसरे गु्रप की टोटल कॉस्ट करीब 28.27 करोड़ रखी गई है। कुल मिलाकर पूरे प्रोजेक्ट पर खर्च का लक्ष्य 118.89 करोड़ रखा गया है।

प्रोजेक्ट एक नजर में पार्ट ए

बिंदु कॉस्ट (करोड़ में)

ट्रैफिक सिग्नल 35.42

जंक्शन इंपू्रवमेंट्स 12.3

सिटी ट्रैफिक मैनेजमेंट सेंटर 0.08

पेलिकन सिग्नल 3.75

कॉरिडोर इंपू्रवमेंट 0.5

एरिया ट्रैफिक कंट्रोल सिस्टम 9.49

वैरियेबल मैसेज साइन 11.17

कम्यूनिकेशन बैकबोन 5.53

ट्रैफिक सर्विलांस कैमरा 5.83

आएलवीडी कैमरा 3.05

ट्रेनिंग प्रोग्राम 0.5

स्टेट लेवल ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम 3.00

प्रोजेक्ट एक नजर में पार्ट बी

बिंदु कॉस्ट (करोड़ में)

एज डिवाइसेस 3.36

डाटा सेंटर 13.06

आईटी इंफ्रास्ट्रक्चर 0.14

पिक्चर इंटेलीजेंस यूनिट 2.58

स्टेट लेवल सर्विलांस सेंटर 6.87

कुल खर्च करीब 118.89 करोड़

व्यस्त मार्गो पर लगेंगे सिग्नल
जानकारी के अनुसार, पेलिकन सिग्नलों को शहर के व्यस्त मार्गो और चौराहों पर लगाया जाएगा। इस तरह के सिग्नल सिस्टम में एक कंट्रोल पैनल होता है। जिसमें बटन होते हैं। जिनके माध्यम से पैदल सड़क पार करने वाला व्यक्ति अपनी सुविधानुसार सिग्नल ग्रीन कर सकता है। प्रोजेक्ट में यह भी साफ है कि व्यस्त चौराहों और मार्गो पर हाई सेंसर वाले कैमरे भी लगाए जाएंगे। जिससे सड़क पर निर्धारित मानक से अधिक रफ्तार में दौड़ने वाले वाहनों पर लगाम लगाई जा सकेगी।

यह बात सही है कि स्मार्ट सिटी के तहत शहर में इंटीग्रेटेड ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम लागू किया जाएगा। इस दिशा में कार्य योजना तैयार कर ली गई है और कितना खर्च आएगा, उसका भी विवरण तैयार कर लिया गया है। टेंडर निकालने का काम शुरू किया जा रहा है।
एसके जैन, प्रोजेक्ट मैनेजर, स्मार्ट सिटी