-शहर में 153 स्कूल को स्मार्ट बनाने की नगर निगम की थी प्लानिंग

-अभी तक सिर्फ कागजों में चल रही योजना, लेकिन धरातल पर भी नहीं उतरी

 

BARIELLY : शहर के सरकारी स्कूलों में स्मार्ट क्लासेस शुरू कराने के लिए नगर निगम के अफसर योजना बनाते रहे। जबकि शहर से लगभग 35 किमी। दूर मीरगंज के गांव चुरई दलपतपुर के जूनियर हाईस्कूल में बच्चों ने स्मार्ट क्लासेस से मंडे को ज्ञान हासिल किया। पहले दिन स्मार्ट क्लास में पढ़ाई के दौरान बच्चे काफी उत्सुक दिखे। स्कूल के प्रधानाचार्य डॉ। रोहिताश कुमार गंगवार ने बताया कि जूनियर हाईस्कूल में स्मार्ट क्लासेस बनाने का काम रोटरी इंटरनेशनल ने किया है।

विषयों को समझने का मनोरंजन पूर्ण प्रयास
स्मार्ट क्लासेस का इनॉग्रेशन खंड शिक्षाधिकारी शेर सिंह ने किया। उन्होंने बच्चों को प्रोजेक्टर के माध्यम से पढ़ाने के बाद जानकारी भी ली। इसके बाद बच्चों से क्वेश्चन भी पूछे तो बच्चों ने उत्साह से आंसर भी बताए। उन्होंने कहा कि प्रोजेक्टर के माध्यम से विषय को समझने का मनोरंजन पूर्ण प्रयास है। इस मौके पर पहुंचे एबीआरसी ने लाल बहादुर गंगवार ने बताया कि इस तरह अन्य संस्थाओं से मदद ली जाएगी ताकि अन्य विद्यालय भी स्मार्ट हो सकें। बच्चों से पूछताछ के बाद उन्होंने बताया कि स्मार्ट क्लासेस से न केवल विषय रुचिकर हो जाता है बल्कि विषय का ज्ञान भी बच्चों को स्थायी हाे जाता है।

बजट का रोया रोना
वहीं जब बेसिक शिक्षा विभाग के अफसरों से इस बारे में बात की गई तो उन्होंने बताया कि शहर के स्कूलों में भी जल्द स्मार्ट क्लास शुरू हो जाएंगे। इसके लिए कोशिश की जा रही है, लेकिन बजट के आभाव में देरी हो गई, नहीं तो देहात से पहले शहर के भी स्कूल स्मार्ट हो जाते। शहर के सरकारी स्कूलों में स्मार्ट क्लास शुरू नहीं की जा सकी है। क्योंकि विभाग के पास बजट का अभाव है। जल्द ही आधा दर्जन स्कूलों में प्रोजेक्टर लगवाकर स्मार्ट क्लास शुरू कराए जाएंगे।

एबीआरसी सिटी देवेश राय

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-स्मार्ट क्लास में पढ़ाई के दौरान बच्चे ध्यान से समझते हैं। बच्चे स्मार्ट क्लास को मनोरंजन की तरह समझ रहे हैं और सीख भी रहे हैं।

डॉ। रोहिताश प्रधानाचार्य चुरई दलपतपुर जूनियर हाईस्कूल

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स्टूडेंट्स की बात

-क्लास में बहुत अच्छा लगा और जो दिखाया गया वह याद भी हो गया। इसी तरह के क्लास में पढ़ाई अच्छी लगती है।

रवि, कक्षा छह

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-पढ़ाई स्मार्ट क्लास में प्रोजेक्टर से कराई तो आसानी से सब समझ में आ गया। इस तरह रोज पढ़ाई हो तो जल्दी याद हो जाएगा। क्योंकि इससे बगैर पढ़े देखकर ही याद हो जाता है।

फिजा, कक्षा आ

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पेरेंट्स की बात

-स्कूल में बच्चों ने सुना था कि बरेली के स्कूल में स्मार्ट क्लास से पढ़ाई होती है लेकिन अब वह गांव में ही खुद स्मार्ट क्लास में पढ़ाई करेंगे। यह बहुत ही अच्छी बात है।

हामिद

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-विभाग तो जल्दी बेसिक स्कूलों में प्रोजेक्टर आदि नहीं लगवाता, लेकिन संस्था ने बच्चों के लिए स्मार्ट क्लास शुरू किया है। अच्छी बात है।

राम सिंह