- बर्फबारी के कारण 50 से ज्यादा गांव पड़े हैं अलग-थलग

- संडे को मौसम साफ रहने से मिली राहत, 12 सड़कें अभी भी बंद

DEHRADUN: उत्तरकाशी, चमोली, रुद्रप्रयाग, पिथौरागढ़ और देहरादून के जौनसार-बावर क्षेत्र में बर्फबारी के कारण 50 से ज्यादा गांव अलग-थलग पड़े हैं। कुछ सड़कों पर आवागमन बहाल कर दिया गया है, बावजूद इसके 12 सड़कें बर्फ से बंद हैं। चमोली के औली में सड़क से बर्फ हटाने के लिए प्रशासन ने सेना की मदद मांगी है। संडे को मौसम साफ रहने से लोगों को राहत मिली। जनजीवन को पटरी पर लाने के लिए प्रशासन द्वारा प्रयास किए जा रहे हैं।

संडे को धूप ने दी राहत

संडे को धूप खिलने के साथ ही सरकारी मशीनरी बर्फबारी से बंद सड़कों को खोलने में जुटी रही। भारी बर्फबारी के कारण 11 दिनों से बंद जोशीमठ-औली मार्ग को खोलने में प्रशासन के संसाधन नाकाफी हैं। पांच किलोमीटर लंबे मार्ग पर केवल दो किलोमीटर हिस्से को ही साफ किया जा सका है। जोशीमठ के एसडीएम योगेंद्र सिंह ने बताया कि सड़क साफ करने के लिए अब सेना से मदद मांगी गई है। उत्तरकाशी के जिलाधिकारी डॉ.आशीष चौहान ने बताया कि गंगोत्री और यमुनोत्री हाईवे को खोलने के प्रयास जारी हैं। सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) की टीम दोनों हाईवे पर लगातार कार्य कर रही है, लेकिन गंगोत्री और यमुनोत्री के पास मार्ग पर भारी मात्रा में बर्फ जमा है। इसे साफ करने में मुश्किल आ रही है। इसके अलावा चमोली और रुद्रप्रयाग में भी मार्ग खोलने का कार्य जारी है। इस बीच प्रभावित इलाकों में लोग गांवों के संपर्क मार्गो की सफाई में जुटे रहे। देहरादून स्थित राज्य मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक बिक्रम सिंह ने बताया कि सोमवार को भी मौसम साफ रहेगा। मैदानी इलाकों में कोहरा छाने की संभावना है। उन्होंने कहा कि ट्यूजडे से मौसम में बदलाव आ सकता है। इस दौरान भारी बारिश और बर्फबारी की आशंका को देखते हुए रेड अलर्ट जारी किया गया है।

गंगोत्री में 12 दिन फंसे रहे दो विदेशी पर्यटक

ञ्जञ्जन्क्त्रयन्स्॥ढ्ढ: गंगोत्री आए दो विदेशी पर्यटकों को भारी बर्फबारी के बाद 12 दिनों तक वहीं फंसे रहे। बेल्जियम के 27 वर्षीय ए। थॉमस अपनी मित्र स्पेन की मेरीसेल के साथ अपनी वैन से 21 जनवरी को गंगोत्री पहुंचे। इसी दिन गंगोत्री में जबरदस्त हिमपात के बाद हाईवे बंद हो गया। 26 जनवरी तक वे गंगोत्री में अपनी वैन में ही रहे, लेकिन जब खाने-पीने का सामान खत्म होने लगा तो उन्होंने पुलिस कर्मियों से मदद मांगी। पुलिस कर्मियों ने एक आश्रम में दोनों के ठहरने की व्यवस्था की। एक फरवरी को सीमा सड़क संगठन के जवानों ने दोनों को हर्षिल पहुंचा सेना के गेस्ट हाऊस में ठहराया। शनिवार को सेना के जवान उन्हें लेकर उत्तरकाशी पहुंचे।