- दो साल से मेडिकल कॉलेज में रखी स्वाइन फ्लू की जांच करने वाली मशीन, बजट नहीं मिलने स नहीं शुरू हो पा रही जांच

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यन्हृक्कक्त्र: स्वाइन फ्लू फैलने पर सबसे बड़ी प्रॉब्लम उसकी जांच की होती है। इसका सैंपल स्वास्थ्य विभाग लखनऊ स्थित लैब में भेजता है। जबकि जीएसवीएम में इसकी जांच करने वाली पीसीआर मशीन दो साल से माइक्रोबायोलॉजी डिपार्टमेंट में धूल खा रही है। बजट और कुछ तकनीकी दिक्कतों की वजह से यह जांच शुरू नहीं हो पा रही है। इस वजह से शहर में मरीजों स्वाइन फ्लू के सही इलाज का फैसला करने में समस्या आ रही है। लखनऊ की लैब से आने वाली रिपोर्ट में काफी समय लगता है। बीते साल कई पेशेंट्स को स्वाइन फ्लू की पुष्टि उनकी मौत के बाद हुई।

जांच रिपोर्ट में देरी बड़ी प्रॉब्लम

स्वाइन फ्लू की पुष्टि के लिए होने वाली आरटी पीसीआर जांच की सुविधा शहर में सिर्फ एक प्राइवेट पैथालॉजी मुहैया कराती है उसका सैंपल भी जांच के लिए दिल्ली भेजा जाता है इस वजह से जांच काफी महंगी होती है।

वहीं स्वास्थ्य विभाग आरटी पीसीआर जांच के लिए सैंपल लखनऊ भेजता है जहां से रिपोर्ट दो से तीन दिन में आती है। ऐसे में मरीज को सही इलाज मिलने में देरी होती है। माइक्रोबायोलॉजी विभाग के डॉ। अतुल गर्ग बताते हैं कि मशीन तो है लेकिन जांच किट और उसे चलाने के लिए स्टॉफ की प्रॉब्लम है।