- हज कमेटी के नाम पर खादिम के लिए वसूल रहे हैं पैसे

- ईपीएफओ ने भी पैसा न देने के लिए जारी किया अलर्ट

- रेलवे में भी गोरखपुर ज्वाइनिंग के लिए पहुंच गए कैंडिडेट

केस - 1

हज कमेटी ऑफ इंडिया ने एक सर्कुलर जारी किया है। इसमें उन्होंने साफ किया है कि गलत न्यूज फेसबुक और व्हाट्सएप के जरिए फैलाई जा रही है, जिसमें हाजियों के लिए हज कमेटी 'हाजी वालंटियर' तलाश रही है, जिन्हें मुफ्त में या काफी कम पैसे में हज के मुकद्दस सफर पर जाने का मौका मिलेगा। यह खबर पूरी तरह से गलत है और हज कमेटी ले ऐसा कोई सर्कुलर नहीं निकाला है।

केस - 2

एंप्लाई प्रोविडेंट फंड ऑर्गनाइजेशन 'ईपीएफओ' ने ट्वीट कर अपने यूजर्स को खबरदार किया है कि सोशल मीडिया, वेबसाइट, टेलीकॉल, एसएमएस या मेल के जरिए अगर आपको कोई आपसे कॉन्टैक्ट कर रहा है। वह क्लेम सैटेलमेंट, एडवांस, हायर पेंशन या ईपीएफओ की दूसरी सर्विस प्रोवाइड कराने के लिए पैसा जमा करने के लिए कह रहा है, तो ऐसा बिल्कुल न करें। ऐसे कुछ मामले सामने आए हैं, जिसमें लोगों से पैसे ऐंठ लिए गए हैं।

केस - 3

कौन बनेगा करोड़पति में शामिल करने के नाम पर फ्राड्स्टर्स ने व्हाट्सएप के जरिए संपर्क किया। अपनी पहचान को पुख्ता कराने के लिए उसने बाकायदा अपना आईकार्ड और साथ में अपना अकाउंट नबंर भी भेज दिया। लोगों ने यकीन कर उसके अकाउंट में 16 हजार रुपए जमा कर दिए। इसके बाद से उसका व्हाट्सएप तो ऑन है, लेकिन मोबाइल पर संपर्क नहीं हो पा रहा है।

GORAKHPUR: यह तो कुछ एग्जामपल भर हैं। ऐसे दर्जनों केस रोजाना पुलिस रिकॉर्ड में दर्ज हैं, जिसमें लोगों को ठगों ने अपना शिकार बनाया है। इन केसेज में एक बड़ी तादाद सोशल मीडिया के जरिए संपर्क करने वालों की भी है। अफवाहों के बाजार को सोशल मीडिया ने तगड़ी हवा दी है। न्यूज फेक हो या ओरिजनल, चंद मिनट में ही यह सारे देश के सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर तैरती नजर आने लग रही हैं। हालत यह है कि इन अफवाहों पर लोग भरोसा भी कर ले रहे हैं और कई बार इसकी वजह से उन्हें भारी कीमत चुकानी पड़ जा रही है। इन दिनों सोशल मीडिया एक बार फिर फ्रॉड डेस्टिनेशन बन गया है, जहां हर रोज एक फेक न्यूज दौर रही है और इसका शिकार ढेरों लोग हो रहे हैं। एक्सप‌र्ट्स का कहना है कि सोशल मीडिया पर आने वाली न्यूज को क्रॉस चेक जरूर कर लें, वरना बाद में आपको ही नुकसान उठाना पड़ेगा।

ओरिजनल वेबसाइट जरूर करें चेक

अगर आपके पास भी सोशल मीडिया के जरिए कंप्लेन आई है या फिर फ्रॉडस्टर्स ने पैसे की डिमांड की है, तो आप बजाए तत्काल रिएक्ट करने के इसके लिए पहले संबंधित की वेबसाइट पर जाकर सर्च कर लें और इस स्कीम के बारे में जांच पड़ताल कर लें। कोई भी गवर्नमेंट ऑर्गनाइजेशन अपने सभी नोटिफिकेशन को वेबसाइट पर जरूर अपडेट करता है। अगर वहां इसकी सूचना नहीं है, तो यह फेक न्यूज है। वहीं अगर नोटिफिकेशन होता है, तो उसकी डीटेल्स को कंप्लीट पढ़ने के बाद ही आगे प्रोसीड करें।

ऐसे कर रहे हैं खेल

- गवर्नमेंट की नई स्कीम का फायदा दिलाने के नाम पर मांगते हैं डीटेल्स।

- बैंक या फिर किसी सरकारी विभाग के अधिकारी बनकर कर वेरीफिकेशन के नाम पर करते हैं कॉन्टैक्ट।

- आधार से लिंक न होने का हवाला देते हुए बैंक अकाउंट बंद करने की बात कहते हुए डराते हैं शातिर।

- बिजली विभाग में आधार लिंक न होने से बिजली कनेक्शन कट जाने का भी दिखाते हैं डर।

- गैस कनेक्शन आधार से लिंक कराने और सब्सिडी अकाउंट में ट्रांसफर कराने के नाम पर लगा रहे हैं चूना।

- कुछ मामलों में मोबाइल सिम बंद करने का हवाला देते हुए भी हासिल कर रहे हैं जानकारियां।

- बिजली कनेक्शन को आधार से लिंक कराने के नाम पर गांव में कैम्प लगाया फिर जानकारियां लेकर खाली कर दिया कई लोगों क ा अकाउंट।

- नौकरी दिलाने, पीएफ का पैसा निकलवाने, पेंशन बनवाने के नाम पर भी कर रहे हैं ठगी।

बरतें सावधानी

- किसी भी अंजान व्यक्ति को आधार कार्ड नंबर, एटीएम का कार्ड नंबर और पासवर्ड न बताएं।

- मोबाइल पर आने वाली कॉल के दौरान अगर नंबर मांगने के बाद ओटीपी की डिमांड होती है, तो तत्काल इसकी कंप्लेन करें।

- बैंक अधिकारी बनकर अगर कोई फोन करके अपकी अकाउंट डीटेल मांगता है तो कभी न दें, क्योंकि सरकारी व्यवस्था में फोन से डाटा नहीं मांगा जाता।

- एटीएम और ऑनलाइन बैंकिंग का पासवर्ड हर दो माह में जरूर बदल दें।

- अगर आपके खाते से बैलेंस निकाला गया है, तो टोल फ्री नंबर पर फोन कर कार्ड ब्लॉक करवा दें।

- सिर्फ अपने सिस्टम पर नेट बैंकिंग का इस्तेमाल करें, अगर किसी दूसरे सेट पर मजबूरी में यूज करना पड़ जाए तो उसमें वर्चुअल कीबोर्ड यूज करें।

बॉक्स -

गवर्नमेंट न्यूज का करें फैक्टचेक

अगर किसी सेंट्रल गवर्नमेंट न्यूज को लेकर कोई कंफ्यूजन है, तो इसको आप पीआईबी फैक्टचेक के जरिए दूर कर सकत हैं। पीआईबी ने फेक न्यूज पर लगाम कसने के लिए व्हाट्सएप नंबर 8788711259 जारी किया है, जिसके जरिए आप किसी भी सेंट्रल गवर्नमेंट न्यूज की हकीकत के बारे में जानकारी कर सकते हैं। आपको सिर्फ सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म यानि ट्वीटर और फेसबुक पर चल रही न्यूज की स्नैप शॉट या फिर उसका लिंक भेजना है। इसके बाद आपको उस न्यूज की रियल्टी वॉट्सएप के बॉक्स में ि1मल जाएगी।

वर्जन

इलेक्ट्रॉनिक ट्रांजेक्शन में हैकिंग के खतरे रहते हैं। कुकीज का इस्तेमाल कर हैकर आपके डाटा हासिल कर सकता है। इसलिए जिस सिस्टम पर नेट बैंकिंग का इस्तेमाल करें, उसके ब्राउजिंग डाटा क्लीयर कर दें। क्योंकि कंप्यूटर पर ऐसे सॉफ्टवेयर आते हैं, जिनके थ्रू सिस्टम में यूजर आईडी और पासवर्ड सेव हो जाते हैं। इसलिए ध्यान देकर कदम बढ़ाने की जरूरत है।

-मोहम्मद राशिद सिद्दीकी, टेक एक्सपर्ट