-शील हॉस्पिटल में इलाज के दौरान हो गई थी मौत

-मृतका के पिता ने निष्पक्ष जांच कराने की उठाई मांग

बरेली। नोएडा में तैनात रही पेटीएम कंपनी की सॉफ्टवेयर इंजीनियर आयुषी सारस्वत की मौत का मामला उर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा तक पहुंच गया। मामले में पुलिस की जांच पर मृतका के पिता राकेश कुमार सारस्वत ने संदेह जाहिर करते हुए निष्पक्ष जांच की गुहार लगाई है। साथ ही कहा कि मेरी बेटी तो चली गई अब हर बेटी को बचाना ही मेरे जीवन का मकसद है। बेटियों के लिए आज ही अपनी बेटी का सारा सामान अनाथालय में दान कर दिया।

यह है पूरा मामला

द्वारिकापुरम् निवासी आयुषी 14 अगस्त को नोएडा से घर आई थी। यहां बुखार होने पर परिजन उसे शील हॉस्पिटल ले गए, जहां डॉ। महेश गुप्ता ने बिना जांच के ही दवा दे दी। इसके बाद 18 अगस्त को उसे सांस लेने में परेशानी हुई तो फिर उसे लेकर हॉस्पिटल गए, जहां अगले दिन उसकी मौत हो गई। आरोप है कि डाक्टर इलाज करने की बजाए फिल्म देखने चले गए और वापस आकर सो गए। इसकी शिकायत मृतका के पिता ने समाधान दिवस में की तो कमिश्नर के आदेश पर केस दर्ज हुआ था।

बिना कनेक्शन भेजा 86 हजार का बिल

ऊर्जा मंत्री के सामने एक चौंकाने वाला मामला आया। खजुरिया सम्पत निवासी रामबाबू ने बताया कि उसने कभी बिजली कनेक्शन लिया ही नहीं, इसके बावजूद बिजली विभाग ने 86 हजार 555 रुपए का बिल भेज दिया।