पं राजीव शर्मा (ज्योतिषाचार्य)। Solar Eclipse 2022 : 25 अक्टूबर मंगलवार अमावस्या तिथि को खंडग्रास ग्रस्तास्त सूर्यग्रहण पड़ रहा है। यह साल का दूसरा व आखिरी सूर्यग्रहण सम्पूर्ण भारत में ग्रस्तास्त होगा। ग्रहण का पर्वकाल सूर्यास्त के साथ ही समाप्त होगा। कार्तिक अमावस को सूर्य ग्रहण घटित होने से इस दिन तीर्थस्नान,दान, तर्पण, श्राद्ध आदि का विशेष अनंत महातम्य होगा। इसके साथ ही अलग-अलग राशियों पर अलग-अलग प्रभाव होगा।


ग्रहण काल में क्या करें, क्या न करें
ग्रहण के सूतक और ग्रहण काल में स्नान, दान, जप - पाठ, मंत्र, स्तोत्र पाठ एवं अनुष्ठान, तीर्थ स्नान, ध्यान, हवनादि शुभ कार्य करना कल्याणकारी होता है।
जब ग्रहण का प्रारम्भ हो, तो स्नान,जप,मध्यकाल में होम, देव पूजा और ग्रहण का मोक्ष समीप होने पर दान तथा पूर्ण मोक्ष होने पर स्नान करना चाहिए।
सूर्य ग्रहण काल में भगवान सूर्य की पूजा, आदित्य हृदय स्तोत्र, सूर्याष्टाक स्तोत्र आदि सूर्य स्तोत्रों का पाठ करना चाहिए। पका हुआ अन्न, कटी हुई सब्ज़ी ग्रहण काल में दूषित हो जाती है परन्तु तेल या घी में पका अन्न, घी, तेल, दूध, दही, लस्सी, मक्खन, पनीर अचार, चटनी, मुरब्बा आदि में तेल या कुशा रखने से यह ग्रहण काल में दूषित नहीं होते। सूखे खाद्य पदार्थों में तिल अथवा कुशा डालने की आवश्यकता नहीं। ग्रहण काल में सोना, खाना-पीना, तैल-मर्दन, मैथुन, मूत्र, पुरीशोत्सर्ग वर्जित है, नाख़ून भी नहीं काटने चाहिए।
ग्रहण वेळा में सभी जलों का महत्व गंगाजल समान माना गया है।जो गंगा, यमुना आदि पवित्र स्थलों में न जा सकें वे अपने गृह पर ही गंगा आदि के स्मरण पूर्वक स्नान कर अन्य पूजादि धर्म कृतयों को संपन्न कर सकते हैँ।सूर्य ग्रहण पर हरिद्वार, कुरुक्षेत्र, प्रयाग आदि तीर्थ पर स्नान, दान, तर्पण आदि का विशेष महात्मय होता है।

ग्रहण राशि फल
यह ग्रहण स्वाति नक्षत्र तथा तुला राशि में घटित होगा। अतएव इस राशि में उत्पन्न लोगों के लिए यह विशेष अशुभफल करक होगा।अतः इस राशि वालों को ग्रहण-दान,पाठ,आदित्यहृदय स्तोत्र, सूर्याष्ठक स्तोत्र का पाठ विशेष रूप से करना चाहिए। स्मृतिनिर्णय के अनुसार सूर्य ग्रहण में सूर्य का जप व दान और चंद्र ग्रहण में चंद्र एवं राहू का जप व दान करना चाहिए।

ग्रहण का फल
मेष राशि: स्त्री/पति कष्ट
वृष राशि : रोग/गुप्त चिंता
मिथुन राशि : कार्यों में विलम्ब
कर्क राशि : कार्य सिद्दी
सिंह राशि : धन लाभ
कन्या राशि : हानि
तुला राशि : घात
वृश्चिक राशि : हानि
धनु राशि : लाभ, उन्नति
मकर राशि : सुख
कुम्भ राशि : अपमान
मीन राशि : कष्ट
ग्रहण का अन्य फल : सूर्य ग्रहण ग्रास्तोदय अथवा ग्रस्तास्त हो तो श्रेष्ठ एवं उत्तम राजा को भी भय।
यह सूर्य ग्रहण कार्तिक अमावस्या, मंगलवार को स्वाति नक्षत्र, प्रीति योग तथा तुला राशिकालीन घटित हो रहा है। देश में दूरभिक्ष का भय रहे।
नक्षत्र फल : स्वाति नक्षत्र में ग्रहण होने से व्यापारी वर्ग एवं सोना-चांदी के व्यापारी को लाभ होग़ा।
वार फल : मंगलवार को ग्रहण होने से कपास, सूत आदि में भारी तेजी।

Solar Eclipse 2022 : 25 अक्टूबर को है ग्रस्ताग्रस्त सूर्य ग्रहण, जानें ग्रहण के आरंभव व मोक्ष काल का समय