कानपुर (इंटरनेट डेस्क)। Somavati Amavasya 2021: हिंदू धर्म में सोमवती अमावस्या का विशेष महत्व माना जाता है। इस दिन दान और स्नान का बहुत महत्व माना जाता है। इस साल 12 अप्रैल को साल की पहली सोमवती अमावस्या पड़ रही है। सोमवती अमावस्या पर महिलाएं व्रत रखने के साथ संतान और जीवनसाथी की लंबी आयु के लिए पीपल के पेड़ की पूजा करती हैं। इसके अलावा महिलाएं पीपल पेड़ के नीचे 7, 14, 21 या फिर 108 बार धागा लपेट कर परिक्रमा भी करती है।
वंश में वृद्धि व परिवार में खुशी का माहौल रहता
मान्यता है सोमवती अमावस्या के दिन पीपल पेड़ की पूजा करने से वंश में वृद्धि व परिवार में खुशी का माहौल रहता है। इस संबंध ज्योतिषाचार्य डाॅक्टर त्रिलोकीनाथ कहते हैं कि पीपल के वृक्ष के मूल भाग में भगवान विष्णु जी का, अग्रभाग में ब्रह्मा जी का और तने में भगवान शिव जी का वास माना जाता है। इसलिए सोमवती अमावस्या के दिन पीपल के पेड़ के नीचे बैठकर भगवान शनि के मंत्रों का जाप करने से लाभ होता है। इस दिन पितरों के नाम से दान भी किया जाता है।

कई धार्मिक केवल अमावस्या तिथि में होते
नए चन्द्रमा के दिन को अमावस्या कहाता है। हिंदू धर्म में कई धार्मिक कृत्य केवल अमावस्या तिथि के दिन ही किए जाते हैं। वैसे तो हर अमावस्या की तिथि पड़ती है लेकिन जो सोमवार को पड़ती है तो उसका महत्व और प्रभाव बढ़ जाता है। इसे सोमवती अमावस्या के नाम से पुकारा जाता है। कालसर्प दोष निवारण की पूजा करने के लिए भी अमावस्या का दिन उपयुक्त होता है। अमावस्या के दिन, भक्त भगवान शिव, देवी पार्वती, भगवान गणेश, कार्तिकेय, और नंदी की पूजा करते हैं।

Somvati Amavasya 2021: 12 अप्रैल को है साल की पहली सोमवती अमावस्या, जानें इसका महत्व