कानपुर (इंटरनेट डेस्क)। Spam Calls Relief: टेलीकॉम डिपार्टमेंट ने टेलीमार्केटिंग मैसेज और कॉल्स के लिए अलग से 160 से शुरु होने वाली 10 नंबर की सीरीज जारी करने का फैसला लिया हैं। मंगलवार को विभाग ने एक मेमोरेंडम जारी कर इसकी जानकारी दी, जिसमें नंबर सीरीज को इस तरह डिजाइन किया गया कि यूजर्स को टेलीकॉम ऑपरेटर और कॉल करने वाले की जगह के बारे में जानकारी मिल सके। इस नंबर के जारी होने से बैंक इंश्योरेंस कंपनी, बीमा कंपनी और राज्य के बैंक, क्रेडिट कार्ड और पेंशन प्रोवाइडर कंपनियां अब इन्हीं नंबरों का इस्तेमाल करेंगी। वहीं मैसेज भेजने के लिए इन कंपनियों को 180 या 140 सीरीज वाले नंबरों का इस्तेमाल करना होगा। इससे यूजर्स को फर्जी कॉल्स को पहचानने में मदद मिलेगी कि, कॉल या मैसेज किसी टेलीमार्केटिंग कंपनी ये आया है या फिर किसी फ्रॉड से।

इस नए कदम से यहां कर सकेंगे शिकायत
काफी समय से इन कॉल्स से फाइनेंशियल फ्रॉड किया जा रहा था और कई बार इन कॉल्स की वजह से लोग जरुरी कॉल्स को नहीं ले पाते है। जिसके कारण सरकार इससे सख्ती से निपटने के लिए 160*** नंबर सीरीज को मेजर इंस्टिट्यूशन की सेवा,लेन-देन संबंधी वॉयस कॉल के लिए जारी करेंगी, जिससे आम लोगों को कॉल्स को पहचानने में आसानी हो जाएगी। किसी भी संदिग्ध धोखाधड़ी वाले कम्युनिकेशन के लिए सिटीजन कम्युनिकेशन पार्टनर (www.sancharsaathi.gov.in) पर इसकी रिपोर्ट करने की सलाह दी जाएंगी। टेलीकॉम डिपार्टमेंट यूजर्स को भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के डू नॉट डिस्टर्ब (डीएनडी) एक्टिवेट करने के लिए प्रोत्साहित करता है। जिससे स्पैम प्रमोशनल कॉल्स को रोका जा सके।

सर्विस कॉल, ट्रांजेक्शनल कॉल या प्रमोशनल कॉल क्या होती हैं?

सर्विस कॉल-
जिसका मतलब रिसीवर को उसकी मंजूरी से रजिस्टर्ड टेम्पलेट के यूज से की गई वॉयस कॉल है। जिसका प्राइमरी फोकस कमर्शियल लेनदेन को आसान बना कर कंफर्म या पूरा करना होता है। जिसके लिए रिसीवर ने पहले से ही सेंड करने वाले के साथ आने की सहमति दी होती है। इसका उद्देश्य रिसीवर के इस्तेमाल किए गए या खरीदे गए कमर्शियल प्रोडक्ट या सर्विस के बारे में जानकारी देना होता है।

प्रमोशनल कॉल- कमर्शियल ब्रॉडकास्ट वॉयस कॉल जिसके लिए रिसीवर ने कोई स्पष्ट सहमति नहीं दी होती है। ये एडवर्टाइजमेंट के साथ-साथ ऑफर्स की भी जानकारी देती हैं।

ट्रांजेक्शनल कॉल- जिसका सीधा कनेक्शन वॉयस कॉल से है जो एडवरटाइजमेंट टाइप की नहीं है ये अपने कस्टमर्स या अकाउंट होल्डर्स को अलर्ट करने के मकसद से होती है। वहीं इसमें दी जाने वाली इंफॉर्मेशन रियल टाइम के नजरिये से अहम होती है।