नई दिल्ली (एएनआई)। पूर्व भारतीय कप्तान और वर्तमान बीसीसीआई अध्यक्ष सौरव गांगुली ने खुलासा किया है कि सचिन तेंदुलकर ने कभी क्रिकेट मैच की पहली गेंद पर स्ट्राइक क्यों नहीं ली। गांगुली ने सलामी बल्लेबाज मयंक अग्रवाल से बातचीत में कहा, "हां, उन्होंने हमेशा मुझे स्ट्राइक लेने के लिए कहा। उनके पास हमेशा एक जवाब होता था, मैं उनसे कहता था कि कभी-कभी आप भी पहली गेंद का सामना कर लिया करो।' गांगुली और मयंक की यह बातचीत BCCI के आधिकारिक ट्विटर हैंडल द्वारा पोस्ट की गई।

सचिन के पास थी इसकी दो वजह

सचिन के स्ट्राइक न लेने की वजह बताते हुए गांगुली ने कहा, 'उनके (सचिन के) पास दो जवाब थे, एक अगर उनका फॉर्म अच्छा था, तो उनका मानना ​​था कि यह जारी रहना चाहिए और उन्हें नॉन-स्ट्राइकर के अंत में होना चाहिए, और अगर वह फॉर्म से बाहर थे, तो वे कहते थे कि उन्हें नाॅन स्ट्राइक एंड पर रहना चाहिए, इससे दबाव कम हो जाएगा।' हालांकि गांगुली ने बताया कि तेंदुलकर ने एक या दो बार स्ट्राइक लेनी पड़ी, वो भी दादा के चालाकी करने पर।

एक बार गांगुली कर गए चालाकी

गांगुली ने आगे बताया, 'सचिन के पास अच्छी और बुरी दोनों फाॅर्म का जवाब रहता है। मगर एक दो बार मैंने उन्हें पहली बाॅल खेलने पर मजबूर किया। मैदान पर जाते वक्त मैं सीधे नाॅन स्ट्राइक पर खड़ा हो गया। चूंकि टीवी का कैमरा सचिन की तरफ होता था, तो उन्हें मजबूरी में पहली बाॅल खेलनी पड़ी। गांगुली और तेंदुलकर ने 47.55 की औसत के साथ वनडे में मेन इन ब्लू के लिए 176 पारियों में 8,227 रन बनाए। एकदिवसीय मैचों में एक साथ किसी भी जोड़ी ने 6,000 रन भी पार नहीं किए हैं।

क्रिकेट के भगवान हैं सचिन

तेंदुलकर ने खेल के सबसे लंबे प्रारूप में सबसे अधिक रन बनाए हैं। टेस्ट में इस दिग्गज बल्लेबाज के नाम 15,921 रन हैं। वहीं तेंदुलकर ने किसी भी खिलाड़ी द्वारा सबसे अधिक 51 टेस्ट शतक बनाए। वनडे क्रिकेट की बात करें तो तेंदुलकर इस प्रारूप में सबसे अधिक रन बनाने की सूची में सबसे ऊपर हैं। उन्होंने वनडे में 18,426 रन बनाए हैं, जिसमें 49 शतक शामिल हैं। तेंदुलकर ने 24 वर्षों तक चलने वाले अपने करियर के दौरान छह विश्व कप में देश का प्रतिनिधित्व किया। वह 2011 विश्व कप विजेता टीम का हिस्सा थे।

गांगुली बने भारत के बेहतर कप्तान

दूसरी ओर, गांगुली सबसे सफल भारतीय कप्तान में से एक बन गए। उनके नेतृत्व में, भारत ने पाकिस्तान को पहली बार टेस्ट सीरीज़ में हराया।उन्होंने 2003 के क्रिकेट विश्व कप के फाइनल में भी भारत का मार्गदर्शन किया। गांगुली ने 113 टेस्ट और 311 एकदिवसीय मैच खेले। बाएं हाथ के बल्लेबाज ने अपने अंतरराष्ट्रीय करियर में सभी प्रारूपों में 18,575 रन बनाए। अक्टूबर 2019 में, गांगुली बीसीसीआई के अध्यक्ष बने।

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