अफ्रीका दौरा

दक्षिण अफ्रीका दौरे के लिए भारतीय टेस्ट टीम में चुने गए दूसरे विकेटकीपर रिद्धीमान साहा का मानना है कि अगर उन्हें दौरे पर खेलने का मौका नहीं भी मिलता है, तो भी उनके लिए दक्षिण अफ्रीका में सीखने के लिए काफी कुछ होगा. 29 वर्षीय बंगाल का विकेटकीपर अच्छी तरह जानता है कि जब तक कुछ गलत नहीं होता, उन्हें अंतिम एकादश में जगह नहीं मिलेगी. इसके बावजूद उनका कहना है कि दक्षिण अफ्रीका और ऑस्ट्रेलिया में नेट गेंदबाजों का सामना करने से ही उन्हें काफी कुछ सीखने को मिलेगा क्योंकि यह गेंदबाज भारत में प्रथम श्रेणी में खेलने वाले गेंदबाजों के समान ही हैं.

140 kmph

सेना के खिलाफ रणजी मैच में खेलने दिल्ली आए साहा ने कहा कि रणजी में आपको कितनी बार 140 किमी प्रति घंटा से ज्यादा गति की गेंदबाजी खेलने का मौका मिलता है. शायद एकाध बार शीर्ष टीमों के खिलाफ या फिर किसी भी टीम के खिलाफ नहीं. दक्षिण अफ्रीकी में नेट में ही गेंदबाजों के सामने बल्लेबाजी करने से आप बेहतर होते हो. वहां के नेट गेंदबाज भी यहां रणजी में खेल सकते हैं. टीम में चयन मेरे हाथ में नहीं है, लिहाजा मैं वही कर सकता हूं जो मेरे हाथ में है. जमकर अभ्यास करूं और अपना शत-प्रतिशत देने के लिए तैयार रहूं.

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