सावन में रखें खानपान का खास ख्याल
कढ़ी और राजमा, बिगाड़ सकता है हाजमा
- बैक्टिरियल इंफेक्शन का खतरा बढ़ जाता है
- वायुजनित रोग की बढ़ती है आशंका
आई स्पेशल
मेरठ। शिवालयों में घंटे-घंटियालों की आवाजें, शिवमंत्रों की ध्वनि, बम-बम भोले की गूंज, भक्तजनों में उमड़ा आस्था का सैलाबसावन माह की शुरूआत हो गई है। ग्रेगोरियन कैलेंडर के अनुसार सावन माह जुलाई-अगस्त के महीने में पड़ता है। पश्चिमी ज्योतिष व (लूनार) कैलेंडर के अनुसार, जब सूर्य सिंह राशि में प्रवेश करता है तो सावन माह का शुभारंभ होता है।
परहेज की सलाह
एक्सपर्ट्स के मुताबिक सावन में खान-पान का खास ख्याल रखना होता है। बहुत सी चीजों को इस मौसम में खाना सेहत के लिए नुकसानदायक हो सकता है। ऐसे में इन्हें खाने से परहेज करने की सलाह दी जाती है।
सावन में क्या न खाएं
-उड़द , राजमा, छोले, अरबी, भिंडी, गोभी, बैंगन, नया अनाज, कढ़ी, आठ घंटे से ज्यादा देर तक रखा हुआ भोजन, मट्ठा, सत्तू, दूध, खमीर से बनने वाले फूड प्रॉडक्ट्स व मिठाइयां। तेलयुक्त व मसालेदार खाने से भी बचना चाहिए।
क्या खाएं।
-पुराना अनाज, बेहद हल्का खाना, काली मिर्च, सौंठ
-पाचन तंत्र को अच्छा रखने के लिए खानपान शाकाहारी ही रखें।
यह प्रॉब्लम हो सकती है
इस मौसम में वायुजनित रोग व परेशानी बढ़ने लगती है, जो फूड प्रॉडक्ट्स शरीर में वायु तत्व को बढ़ाते हैं उनका परहेज करना चाहिए। इस मौसम में आर्थोराइटिस, गैस की प्राब्लम, एसिडिटी, नींद न आना जैसी परेशानी हो जाती है। इस मौसम में हार्टअटैक, माइग्रेन, सिरदर्द जैसी समस्याएं भी अधिक होने लगती है।
सावन में शरीर में जठराग्नि कम हो जाती है। जिसकी वजह से हमारा पाचन तंत्र कमजोर व नाजुक हो जाता है। जल जनित रोग मानव और जानवरों में मानसून के दौरान अधिक तेजी से फैलते हैं।
-डा। सोनिका गोयल, धन्वंतरी अस्पताल
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सावन में बैक्टिरियल इंफेक्शन का खतरा बहुत ज्यादा होता है। एनिमल्स के जरिए भी वायरस फैलता है ऐसे में कुछ चीजों का खाना वर्जित माना जाता है।
-डा। विभू साहनी, सीएमएस, मेडिकल कॉलेज