552 बसें हैं बरेली रीजन में

4 डिपो हैं बरेली रीजन में

44 बसें रोडवेज को नई मिलीं

41 बसें 12 को जाएंगी कुंभ

280 बसें 30 को जाएंगी कुंभ

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- सिर्फ नई बसों में ही लगकर आए स्पीड गवर्नर, पुरानी में लगाने की कवायद भी शुरू नहीं

- अफसर बोले जल्द लगवाए जाएंगे स्पीड गवर्नर, तब तक नट बोल्ट से चला रहे काम

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BAREILLY :

तेज रफ्तार की वजह से होने वाले हादसों पर लगाम लगाने के लिए कॉमर्शियल वाहनों में स्पीड गवर्नर लगाना अनिवार्य है। इस संबंध में सितंबर 2018 में शासनादेश जारी हुआ था। इसके बावजूद अब तक इस आदेश पर पूरी तरह अमल शुरू नहीं हुआ है। हद तो तब है, जब रोज हजारों लोगों को सफर कराने वाले यूपी परिवहन निगम ने ही इसे फॉलो नहीं किया है। सड़क पर दौड़ रहीं बरेली रीजन के चार डिपो की 552 में केवल 44 बसों में ही स्पीड गवर्नर लगे हैं। ये भी नई आई हैं। पुरानी बसें तो स्पीड गवर्नर पर नहीं बल्कि जुगाड़ के सहारे हैं।

पुरानी बसों में नहीं है सिस्टम

वर्कशॉप कर्मचारियों का कहना है कि पुरानी बसों में स्पीड गर्वनर लगाने के लिए पूरा सिस्टम ही बदलना पड़ेगा। इसके बाद ही इसे लगाया जा सकता है। लेकिन पुरानी बसों की स्पीड को नियंत्रण में रखने के लिए विभाग ने जुगाड़ निकाल लिया है। विभाग ने एक्सीलेटर पैडल के नीचे वेल्डिंग कर नट कस दिया है। इससे जरूरत के अनुसार टाइट या ढीला किया जा सकता है।

क्या है स्पीड गवर्नर

स्पीड गर्वनर डिवाइस वाहनों की गति को कंट्रोल करने के लिए होता है। इसे वाहनों में इंजन के साथ लगाया जाता है, जिससे ड्राइवर तय गति से अधिक तेजी से गाड़ी नहीं चला सकता है। इस तरह के डिवाइस डिस्ट्रिक्ट के सभी कॉमर्शियल वाहनों में लगाया जाना है।

ऐसे करता है काम

स्पीड गवर्नर में एक चिप और सोलोनाइड और रिले (स्पीड कंट्रोलर डिवाइस) होती है। मानक से ज्यादा स्पीड होने पर सोलोनाइड और रिले चिप को एक्टिवेट करते हैं। इससे फ्यूल इंजेक्शन पंप (एफआइपी) काम करना बंद कर देता है। जिससे वाहन की स्पीड नहीं बढ़ती।

छेड़छाड़ की तो फिटनेस निरस्त

जांच के दौरान स्पीड गर्वनर से छेड़छाड़ का खुलासा होने पर वाहन का फिटनेस सर्टिफिकेट निरस्त हो सकता है। इसके अलावा वाहन की विंडस्क्रीन पर वाहन की गति तथा क्यूआर कोड भी लिखा एक स्टीकर लगाना भी अवाश्यक है। उपकरण की यूनिक आईडी व ऑनलाइन फीडिंग भी कराना अनिवार्य है।

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अभी नई बसों में ही स्पीड गर्वनर लगा हुआ आया है। पुरानी बसों में सिस्टम बनाने के बाद ही स्पीड गर्वनर लगाए जा सकते हैं। तब तक के लिए पुरानी बसों में स्पीड कंट्रोल करने के लिए एक नट बैल्डिंग कर व्यवस्था करा दी गई है।

अमरनाथ मेहता, वर्कशॉप मैनेजर

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स्पीड गर्वनर सभी कामर्शियल वाहनों में लगाया जाना है। इसके लिए आदेश जारी हो चुका है। इसके लिए अभियान चलाकर भी लोगों को अवेयर किया जाएगा, स्पीड गर्वनर नहीं लगवाने वालों की चेकिंग कराई जाएगी।

आरपी सिंह, एआरटीओ प्रशासन

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बॉक्स : वाहनों की स्पीड

स्कूल बस : 40

छोटे कॉमर्शियल वाहन : 60

बड़े कॉमर्शियल वाहन : 80

आपातकालीन सेवाओं वाले वाहनों को छूट।

(स्पीड किमी/घंटा में)