भूमि अधिग्रहण के लिए कमेटी के समक्ष नहीं रखा गया एलाइंगमेंट

विभिन्न विभागों से एनओसी को लेकर भी नहीं हो रहे प्रयास

Meeerut : दिल्ली-मेरठ रैपिड रेल ट्रांजिट सिस्टम (आरआरटीएस) कॉरीडोर पर नेशनल कैपिटल रीजन ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन की धीमी पड़ी रफ्तार भारी पड़ रही है। मेरठ में रैपिड रेल को लेकर भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया जनवरी 2019 से आरंभ होनी जबकि अभी तक कमेटी के पास प्रोजेक्ट का लेआउट नहीं है। डीएम के निर्देशन में गठित यह कमेटी योजना के लिए मेरठ जनपद में प्रस्तावित 45 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण कराएगी।

डीएम ने गठित की कमेटी

रैपिड रेल के लिए भूमि अधिग्रहण के संबंध में डीएम अनिल ढींगरा ने गत दिनों एक कमेटी का गठन किया है। इस कमेटी में विभिन्न प्रशासनिक अधिकारियों के साथ विभागों के अधिकारियों को भी शामिल किया गया है। अधिग्रहण के दौरान आने वाली परेशानियों के मद्देनजर डीएम ने इस कमेटी का गठन किया तो वहीं एनसीआरटीसी को निर्देश दिए कि वे कमेटी के समक्ष प्रोजेक्ट की डिटेल्ट रिपोर्ट और एलाइंगमेंट रखें जिससे कि अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू की जा सके। जबकि एनसीआरटीसी द्वारा अभी तक प्रोजेक्ट का एलाइंगमेंट कमेटी के समक्ष नहीं रखा गया जिससे अधिग्रहण की प्रक्रिया प्रभावित हो रही है और रैपिड रेल कॉरीडोर के निर्माण की रफ्तार थीमी पड़ रही है।

सरकार नहीं करेगी अधिग्रहण

एडीएम भूमि अध्याप्ति ज्ञानेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि रैपिड रेल के भूमि का अधिग्रहण सरकार नहीं करेगी बल्कि किसान सीधे एनसीआरटीसी को लैंड देंगे। जिला प्रशासन, निबंधन विभाग, पुलिस एवं अन्य विभागों की भूमिका किसानों और एनसीआरटीसी के बीच जमीन अधिग्रहण कानून के अनुपालन में सेटेलमेंट कराना है। गौरतलब है कि किसान से सीधे जमीन का अधिग्रहण करने से प्रोजेक्ट की राह आसान होगी और विवाद भी कम होंगे। एनसीआरटीसी, किसानों के साथ सीधा एग्रीमेंट करेंगी।

45 हेक्टेयर भूमि का होगा अधिग्रहण

मेरठ जनपद में एनसीआरटीसी करीब 45 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण करेगी। जनपद सीमा में एलीवेटेड और अंडरग्राउंड कॉरीडोर के लिए 15 हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण होगा जबकि 30 हेक्टेयर में मोदीपुरम में एनसीआरटीसी डिपो बनाएगी। एडीएम भूमि अध्याप्ति ने कहा कि एनसीआरटीसी की ओर से प्रोजेक्ट की डीपीआर और एलाइंगमेंट मिलने के साथ ही अधिग्रहण की कार्यवाही शुरू कर दी जाएगी।