-बेसिक शिक्षा विभाग की 34वीं जनपदीय खेलकूद प्रतियोगिता में बड़ी लापरवाही उजागर

- स्पो‌र्ट्स स्टेडियम में प्रतियोगिता के दौरान कई बच्चे रह गए आधा पेट तो कई भूखे

BAREILLY:

बेसिक शिक्षा विभाग की 34वीं जनपदीय खेल प्रतियोगिता में बीएसए ने एक बड़ा खेल कर दिया। खिलाडि़यों को इन हाईजेनिक खाना परोसा गया, वह भी आधा पेट। तो कई खिलाडि़यों को अन्न का एक दाना भी नसीब नहीं हुआ। वह खाली पेट रह गए। इतना ही नहीं स्टेडियम के कंकरीले ट्रैक पर खिलाडि़यों को नंगे पांव दौड़ा दिया गया। हद तो तब हो गई, जब खेल में बेइमानी हो गई और इसको लेकर टीचर्स भड़क गए।

नंगे पांव ही दौड़ा दिए खिलाड़ी

प्रतियोगिता में लापरवाही की हद ही हो गई। छोटे-छोटे खिलाडि़यों को संचालकों ने ट्रैक पर नंगे पांव ही दौड़ा दिया। हालांकि शिक्षा विभाग की इस बात की कोई जिम्मेदारी नहीं बनती कि वो बच्चों का दौड़ने के लिए जूते प्रोवाइड कराएं। एडी बेसिक ने बताया कि यदि कोई स्कूल या खंड शिक्षा अधिकारी चाहे तो वह किसी भी बजट से बच्चों को जूते प्रोवाइड करा सकता है, लेकिन वह इसके लिए बाध्य नहीं है।

रेफरी से हुई नोकझोक

प्रतियोगिता के दौरान दौड़ को लेकर भी हंगामा शुरू हो गया। दमखोदा और शेरगढ़ के टीचर्स ने कहा कि रेफरी ने तीन-तीन बार बच्चों दौड़ाकर पहले उनका स्टेमिना खराब किया। जिसके बाद धोखे से व्हीशल बजाकर सभी को दौड़ा दिया। जो बच्चे भागे ही नहीं पाएं उन्हें पहले ही हारा हुआ घोषित कर दिया।

कबड्डी में बेइमानी के आरोप

मीरगंज और बिथरी चैनपुर ब्लॉक के बीच कबड्डी प्रतियोगिता में भी हंगामा हुआ। बिथरी चैनपुर ब्लॉक के पूर्व माध्यमिक विद्यालय धौंरेरा माफी के बच्चे और हेड मास्टर ने रेफरी पर आरोप लगाना शुरू कर दिए। उन्होने कहा कि प्रतियोगिता में बेईमानी कराई गई है। हमारे स्कूल के बच्चे जीते थे, लेकिन मीरगंज के बच्चों को विजेता घोषित कर दिया गया। हेड मास्टर मलिका सिंह का कहना था कि जिस लिस्ट पर उनके स्कूल का नाम लिखा था उस पर मीरगंज के प्वाइंट और जिस पर मीरगंज के प्वाइंट चढ़ने थे उस पर उनके स्कूल के प्वाइंट चढ़ा दिए गए।

खाने के नाम पर लूट

प्रतियोगिता में दूर-दूर से आए खिलाडि़यों के लिए शिक्षा विभाग खाने तक का इंतजाम नहीं कर पाया। उन्हें खाने के लिए इधर उधर भटकना पड़ रहा था। प्रतियोगिता में खाने के लिए नगर क्षेत्र में एमडीएम बांटने वाली एनजीओ को ही सभी खिलाडि़यों को खाने की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। प्रतियोगिता में करीब 1600 खिलाडि़यों ने प्रतिभाग किया, लेकिन एनजीओ की ओर से मात्र 880 पैकेट खाने का ही इंतजाम किया गया। बाकी बच्चों को भूखा ही घूमना पड़ रहा था। जब टीचर्स ने शिकायत की तो कुछ बच्चों को लाइन लगाकर खाना बांटने लगे लेकिन यह खाना भी कुछ ही बच्चों में बंटने के बाद खत्म हो गया। लाइन लगाकर खाना बांटने पर कई शिक्षकों ने एतराज भी जताया। जब मामला अफसरों तक पहुंचा तो बीएसए प्रभारी ने एनजीओ को तत्काल तहेरी बनाकर भेजने को कहा। जिसके चलते बच्चे करीब 3:30 बजे तक भूखे घूमते रहे।

सभी बच्चों को बाद में खाना मिल गया था। ऐसी कोई समस्या नहीं हुई थी। कल भी प्रतियोगिता होगी उसके लिए अभी से तैयारी शुरू कर दी है।

देवेश राय खंड शिक्षा अधिकारी

खिलाडि़यों को पूड़ी तो नहीं देना चाहिए था। पूड़ी की जगह कुछ ऐसा देना चाहिए था जिससे खिलाड़ी को कुछ एनर्जी मिल सके। पूड़ी जगह ब्रेड बटर, ऐग या फिर केले दे देना चाहिए था।

शमीम, कोच