प्रधानमंत्री ने की तारीफ  
यमुना किनारे विश्व सांस्कृतिक कार्यक्रम का शानदार आगाज हुआ। इस शानदार कार्यक्रम में देश और दुनिया एक मंच पर इकठ्ठा हुई। इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत के पास वो मानवीय विरासत है जिसकी तलाश दुनिया को है। पीएम ने कहा कि दुनिया को देने के लिए भारत के पास क्या कुछ नहीं हैं। हम एक समृद्ध देश हैं जिसके पास अनोखी विरासत है। चाहे वो आध्यत्म हो या मानवीय संवेदनाओं की समझ हर क्षेत्रों में भारत ने अपनी काबिलियत का लोहा मनवाया है। इस कार्यक्रम से देश की दुनिया में अलग पहचान बनी है। हम दुनिया को मानवीय मुल्य दे सकते हैं। पीएम ने कार्यक्रम की तारीफ करते हुए कहा कि ये कला का कुंभ मेला है। संगीत दुनिया को डोला सकती है। भारतीय संगीत में वो ताकत है। मन को डोलाने वाला संगीत भारत में भरा है। सुविधा के बीच रहना ऑर्ट ऑफ लिविंग नहीं है। संकटों से जुझने के लिए ऑर्ट ऑफ लिविंग चाहिए। मैं से टूट कर हम की तरफ आगे बढ़ने की कला ऑर्ट ऑफ लिंविग है। इस देश ने उपनिषद से उपग्रह तक की यात्रा की है

हां मेरी प्राईवेट पार्टी
कार्यक्रम के उद्धाटन पर बोलते हुए श्री श्री रविशंकर ने कहा कि कुछ लोग आरोप लगाते हैं कि ये गुरुजी की प्राइवेट पार्टी है। मैं कहता हूं कि ऐसा ही है अगर पूरी दुनिया मेरा परिवार है तो ये कार्यक्रम एक प्राइवेट पार्टी है। इस कार्यक्रम में जहां देशभर के कलाकार अपने हुनर का प्रदर्शन कर रहे हैं। वहीं दुनिया के अलग अलग कलाओं में हुनर दिखाने वाले भी हिस्सा ले रहे हैं।13 मार्च तक चलने वाले इस कार्यक्रम में दुनियाभर से करीब 35 लाख लोगों के जुटने की उम्मीद है।155 देशों के प्रतिनिधि इसमें शामिल हो रहे हैं।

धूमधाम से शुरू हुआ श्री श्री का विश्व सांस्कृतिक कार्यक्रम,आज दूसरा दिन

विश्व सांस्कृतिक महोत्सव की खास बातें
इस कार्यक्रम के लिए 1000 हजार एकड़ में कई पंडाल बने हैं, जबकि कार्यक्रमों की प्रस्तंुति के लिए भव्य मंच सात एकड़ में बना है। ये ऑर्ट ऑफ लिविंग के 35 साल पूरे होने पर किया जाने वाला आयोजन है। कार्यक्रम में शामिल होने के लिए 20 हजार विदेशी मेहमान आए हैं। इस कार्यक्रम में 36 हजार कलाकार अपनी प्रस्तुति दे रहे हैं। कार्यक्रम को विशिष्ठ बनाने के लिए 50 अलग अलग वाद्य यंत्रों के जरिए संगीत ध्वनि सुनायी गयी।

राष्ट्रपति ने किया आने से इंकार
वैसे तो राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को ही कार्यक्रम का समापन करना था, लेकिन अंतिम समय में उन्होंने इसके लिए मना कर दिया। वित्तमंत्री अरुण जेटली, सड़क व राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी समेत कई केंद्रीय मंत्री विश्व नेतृत्व मंच के तहत होने वाले सेमिनारों में हिस्सा लेंगे। इसके साथ ही आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव समेत विभिन्न राज्यों के कई मंत्री भी हिस्सा लेंगे।

धूमधाम से शुरू हुआ श्री श्री का विश्व सांस्कृतिक कार्यक्रम,आज दूसरा दिन

विदेशी वक्ता भी शामिल हुए
आयोजकों के अनुसार विदेशी वक्ताओं में स्लोवेनिया के पूर्व प्रधानमंत्री आलोज पितरले, श्रीलंकाई संसद के स्पीकर देशबंधु कारू जयसूर्या, पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री युसूफ रजा गिलानी, नार्वे के पूर्व प्रधानमंत्री जेल माग्नेबौद्धिक और अफगानिस्तान की सांसद नाहिद फरीद समेत सैकड़ों बुद्धिजीवी और नेता महाउत्सव को गरिमा प्रदान करेंगे। इस बीच पता चला है कि सुबह से दिल्ली में बारिश हो रही है और इसकी वजह से सुबह होने वाले कुछ कार्यक्रम रद्द करने पड़े हैं।

25 लाख का जुर्माना भरा, शेष चार हफ्तों में
इस बीच एनजीटी ने यमुना खादर में आयोजित हो रहे महोत्सव के आयोजक आर्ट ऑफ लिविंग को पांच करोड़ रुपये जुर्माने में से 25 लाख तुरंत जमा करने को कहा। न्यायाधिकरण के आदेश के बाद आयोजकों ने 25 लाख जुर्माना तुरंत भर दिया। शेष 4.75 करोड़ की रकम किश्तों में जमा करने के लिए इसे तीन सप्ताह का समय दिया गया है। उल्लेखनीय है कि एनजीटी ने आर्ट ऑफ लिविंग पर पर्यावरण क्षतिपूर्ति के तौर पर पांच करोड़ रुपये जुर्माना लगाया है। शुक्रवार की सुनवाई के दौरान आयोजकों ने पांच करोड़ रुपये तत्काल भुगतान करने में असमर्थता जताई और चार सप्ताह का समय मांगा। इसे न्यायमूर्ति स्वतंत्र कुमार की अध्यक्षता वाली प्रधान पीठ ने खारिज कर दिया। पीठ ने कहा कि आदेश की गरिमा बनाए रखने के लिए संस्था को कुछ राशि तो जमा करनी पड़ेगी। पीठ ने आयोजकों से पूछा कि वे कितनी राशि कार्यक्रम शुरू होने से पहले जमा करना चाहते हैं? इस पर संस्था के अधिवक्ताओं ने कहा कि वे 25 लाख रुपये जमा कर सकते हैं।

पीठ ने शेष राशि तीन सप्ताह में जमा करने का आदेश दिया। साथ ही कहा कि अगर आर्ट ऑफ लिविंग 25 लाख रुपये भुगतान नहीं करता है, तो उसे सरकार से मिलने वाले 2.5 करोड़ रुपये के अनुदान को अटैच कर दिया जाएगा। पीठ ने पूछा कि क्या आयोजकों को सरकार से ढाई करोड़ रुपये अनुदान मिला है। इस पर आर्ट ऑफ लिविंग के अधिवक्ता ने बताया कि अब तक सिर्फ 1.68 करोड़ रुपये की राशि जारी हुई है।

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