डीएवी इंटर कॉलेज परिसर में श्रीमद्भागवत कथा का पांचवां दिन

ALLAHABAD: ओउम अक्षर अविनाशी स्वरुप है। यह संपूर्ण जगत का ही उपव्याख्यान है। जो हो चुका है, जो है और जो होने वाला है। यह सबका सब जगत ओंकार है। यह बातें प्रख्यात कथावाचक पं। देवकीनंदन ठाकुर ने श्रीमद्भागवत कथा के पांचवें दिन डीएवी इंटर कालेज परिसर में कही। उन्होंने ओउम की महत्ता बताते हुए पाश्चात्य संस्कृति पर प्रहार किया। पॉप म्यूजिक आंतरिक व्यक्तित्व को कुंठित और निम्न भावनाओं को बढ़ाने का कारण बनता है।

पाश्चात्य संस्कृति का त्याग करें

बोलो राधा-रानी की जय का जयकारा लगवाते हुए उन्होंने कहा कि पाश्चात्य संस्कृति को त्यागना होगा। क्योंकि भारतीय संगीत जीवन में संतुलन और उदात्त भावनाओं को विकसित करने का माध्यम है। तभी हमारी संस्कृति को संरक्षित किया जा सकता है। उन्होंने श्रीकृष्ण जन्म के प्रसंग की सांगितिक प्रस्तुति देकर उपस्थित भक्तों को तालियां बजाने पर मजबूर कर दिया। इस मौके पर अंतरिक्ष शुक्ला, प्रमोद पुरवार, प्रकाश डालमिया, अशोक शुक्ला, राजन सिंह, रोहित कुमार मिश्रा, आकाश श्रीवास्तव आदि मौजूद रहे।