समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार अदालत ने कहा, "अगर श्रीनिवासन पद से नहीं हटेंगे, तो हमें आदेश जारी करना पड़ेगा".
चेन्नई सुपर किंग्स टीम के मालिक और बीसीसीआई प्रमुख श्रीनिवासन के दामाद गुरुनाथ मेयप्पन उन तमाम अधिकारियों, खिलाड़ियों और सट्टेबाज़ों में शामिल हैं, जिनके ख़िलाफ़ आईपीएल में स्पॉट फिक्सिंग के तहत धोखाधड़ी और आपराधिक साजिश के आरोप हैं और जांच जारी है.
पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट के पूर्व चीफ़ जस्टिस मुकुल मुद्गल की अध्यक्षता में आईपीएल 2013 के दौरान स्पॉट फ़िक्सिंग मामले की जांच के लिए तीन सदस्यीय समिति बनाई गई थी जिसने अपनी रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट को सौंप दी है.
सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस एके पटनायक और जस्टिस फकीर मोहम्मद इब्राहिम कलीफुल्ला की सदस्यता वाली अदालत में इस जांच रिपोर्ट पर सुनवाई जारी है.
समाचार एजेंसियों के अनुसार मंगलवार को अदालत में सुनवाई के दौरान जजों ने बीसीसीआई के वकील से कहा कि, "आप एन श्रीनिवासन से कहें कि वो मामले में निष्पक्ष जांच के लिए अपना पद छोड़ दें".
पिछले वर्ष अक्तूबर महीने में सुप्रीम कोर्ट ने एन श्रीनिवासन को बीसीसीआई अध्यक्ष का कामकाज संभालने की इजाज़त तो दे दी थी लेकिन साथ ही निर्देश दिए थे कि वो स्पॉट फ़िक्सिंग मामले की जांच से दूर रहें.
मामला
आईपीएल-6 के दौरान स्पॉट फ़िक्सिंग का मामला उस समय सामने आया था, जब राजस्थान रॉयल्स के तीन खिलाड़ियों शांतकुमारन श्रीसंत, अंकित चव्हाण और अजीत चंडीला को दिल्ली पुलिस ने गिरफ़्तार किया था.
श्रीसंत, अंकित चव्हाण और अजीत चंडीला को गत 16 मई को 16 सटोरियों समेत दिल्ली पुलिस ने गिरफ़्तार किया था. उन पर धारा 420 और 120बी के तहत आपराधिक मामला दर्ज किया गया था.
उनके साथ-साथ कई सटोरियों को भी पुलिस ने गिरफ़्तार किया.
इसके बाद मुंबई पुलिस ने मेयप्पन और फ़िल्म कलाकार विंदू दारा सिंह को गिरफ़्तार किया.
बीसीसीआई ने फ़िक्सिंग मामले में श्रीसंत और अंकित चव्हाण पर आजीवन पाबंदी लगाई गई है.
मेयप्पन और विंदू दारा सिंह को बाद में ज़मानत पर रिहा किया गया था और मामले की जांच जारी है.
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