पेशेंट्स रहेंगे safe

लीनियर एक्सीलिरेटर मशीन पेशेंट्स  के साथ डॉक्टर्स के लिए खासी सेफ साबित होगी। इससे रेडियेशन का खतरा बहुत कम रहता है। रेडियो थिरेपी एवं रेडियेशन मेडिसीन डिपार्टमेंट के प्रो। एके अस्थाना ने बताया कि अभी तक इस्तेमाल हो रही कोबाल्ट मशीन से रेडियेशन का खतरा बहुत अधिक होता है और इससे रोग का सही इलाज करने में भी दिक्कत आती है लेकिन अब हम इस नयी मशीन के जरिये पेशेंट्स को बेहतर और सस्ता इलाज उपलब्ध करा सकेंगे।

30 बेड्स का नया ward

इस मशीन को लगाने के लिए बीएचयू के वीसी ने खुद पहल की थी। इसके अलावा हॉस्पिटल में 30 बेड्स का एक कैंसर वॉर्ड भी बनाने की योजना पर काम चल रहा है। मशीन को स्थापित करने के लिए बनी बिल्डिंग में दीवारें स्पेशल टेक्नोलॉजी से बनायी जा रही हैं जिससे कि वे रेडियेशन को रोकने में पूरी तरह से सक्षम साबित हो सकें। लगभग आठ करोड़ से अधिक की कॉस्ट वाली इस मशीन की सुविधा किसी गवर्नमेंट हॉस्पिटल में बनारस के बाद लखनऊ में ही उपलब्ध मिलेगी।