स्टॉफ सेलेक्शन कमीशन ने की राजभाषा को बढ़ावा देने की पहल

प्रतियोगियों को अंग्रेजी के साथ हिन्दी में भी मिलेगी संपूर्ण जानकारी

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स्टॉफ सेलेक्शन कमीशन ने की राजभाषा को बढ़ावा देने की पहल

प्रतियोगियों को अंग्रेजी के साथ हिन्दी में भी मिलेगी संपूर्ण जानकारी

vikash। gupta@inext.co.in

ALLAHABAD: vikash। gupta@inext.co.in

ALLAHABAD: हिन्दी भाषी छात्रों के लिए अंग्रेजी हमेशा से ही बड़ी बाधा रही है। खासकर, उन युवा प्रतियोगियों के लिए जिन्होंने सरकारी नौकरी के लिए नई नई तैयारी शुरू की है। इनके सामने सबसे बड़ी समस्या अवेयरनेस की होती है। शुरुआत में इनके लिए यही चैलेंज होता है कि नौकरी के लिए कौन सा फार्म कहां से आ रहा है? आवेदन रिजेक्ट न हो, इसके लिए क्या किया जाये? किसी भी आवेदन से रिलेटेड कंप्लीट जानकारी के लिए सही तरीका क्या है? ये सब ऐसे मसले हैं, जिन्हें समझने में ही छात्रों का अच्छा खासा समय जाया हो जाता है। इसे देखते हुए एसएससी ने राजभाषा हिंदी को बढ़ावा देने की पहल की है।

हिन्दी बेल्ट की टेंशन रही है इंग्लिश

यह सर्वमान्य अवधारणा है कि किसी भी नौकरी से रिलेटेड आवेदन से पहले उसके नोटिफिकेशन को पूरी तरह से स्टडी कर लिया जाये। जिससे आवेदन, परीक्षा और परिणाम की जानकारी हो सके। फिर भी यह देखने में आता है कि नोटिफिकेशन के पूरी तरह से अंग्रेजी में होने के कारण आम प्रतियोगी इन्हें पढ़ने से बचते हैं। ऑफिशियल वेबसाइट पर जाकर इन्हें देखना और पढ़ना उनके लिए टफ काम होता है।

रीजनल वेबसाइट पर भी होगा लिंक

ऐसे में स्टॉफ सेलेक्शन कमीशन ने हिन्दी भाषी प्रतियोगी छात्रों की प्रॉब्लम को देखते हुए सभी जानकारी उपलब्ध कराने का फैसला किया है। इसके लिए एसएससी ने इंग्लिश के साथ अपनी हिन्दी माध्यम की वेबसाइट को भी अपडेट करने का निर्णय किया है। इसमें छात्रों को संबंधित वैकेंसीज से जुड़े नोटिफिकेशन, आवेदन की प्रक्रिया, आंसर की, परिणाम आदि जानकारी पूरी तरह से हिन्दी में दी जाएगी। हिन्दी वेबसाइट का लिंक एसएससी मुख्यालय की वेबसाइट पर दिया गया है। कमीशन की पूरी कोशिश है कि तकनीकी विशेषज्ञों की हेल्प से ऐसा ही लिंक रिजनल वेबसाइट पर भी अवलेबल करवाया जाये।

हर तरीके से हिंदी को देंगे बढ़ावा

इस बावत एसएससी चेयरमैन अशीम खुराना की ओर से छात्रों के नाम जारी मैसेज में कहा गया है कि हिन्दी को भारतीय संघ की राजभाषा का दर्जा दिया गया है। हिन्दी भाषा राष्ट्रीय पहचान और एकता की मजबूत कड़ी के रूप में लगातार विशेष भूमिका निभाती आ रही है। चूंकि, कमीशन का काम सीधे तौर पर आम लोगों से जुड़ा है। ऐसे में राजभाषा हिन्दी में काम करने के लिए जिम्मेदारी और बढ़ जाती है। सरकारी कामकाज में हिन्दी के प्रयोग को हर तरह से बढ़ावा दिया जाएगा।