- एसपी सिटी रह चुके हैं दिलीप कुमार

- नये कप्तान के सामने खड़ी हैं तमाम चुनौतियां

GORAKHPUR : गोरखपुर के एसएसपी फिर बदले गए। वेंस्डे को फरमान जारी हुआ। एसएसपी रामकृष्ण भारद्वाज का तबादला जीआरपी, इलाहाबाद कर दिया गया। उनकी जगह एसपी जीआरपी, इलाहाबाद रहे दिलीप कुमार को नया कप्तान बनाया गया है। नये कप्तान इसके पहले पुलिस अधीक्षक नगर के रूप में दो साल काम कर चुके हैं। नये कप्तान के स्वागत में पुराने मातहत जहां तैयारी कर रहे हैं। वहीं लोग यह भी कह रहे हैं कि धड़ाधड़ तबादलों से काफी नुकसान हो रहा है। गोरखपुर जिले में क्राइम कंट्रोल में कामयाबी नहीं मिल पा रही।

पांच माह भी नहीं रह पाए आरके भारद्वाज

क्म् अगस्त को रामकृष्ण भारद्वाज की तैनाती बतौर एसएसपी हुई। जिले में आने के बाद उन्होंने बड़े माफियाओं पर शिकंजा कसा। भू माफिया के रूप में चर्चित अजीत शाही पर लगाम लगाई। चंदन सिंह गैंग को नेस्तानाबूद करने के लिए काम किया। सिटी के अन्य माफियाओं को जेल भेजने की कोशिश की। कुछ नेताओं ने गलत पैरवी की जिसको आरके भारद्वाज ने मना कर दिया। इस वजह से एक जिलाध्यक्ष से कप्तान की ठन गई। बातचीत में कप्तान उनसे यहां तक कह दिया कि पांच माह होने को हैं। जल्द ही मेरा तबादला हो जाएगा इसलिए मैं आप के दबाव में काम नहीं कर पाउंगा।

सहयोग के लिए जाने जाएंगे आरके भारद्वाज

ट्रैफिक कंट्रोल के लिए आरके भारद्वाज ने एक अभियान चलाया। उन्होंने व्हाट्सअप के जरिए आम आदमी को पुलिस कर्मचारी बनने का मौका दिया। ट्रैफिक मंथ में एसएसपी ने सहयोग की शुरूआत की। जिसके माध्यम से ट्रैफिक तोड़ने वालों को चालान किया जा रहा है। सहयोग के माध्यम से कभी भी कोई व्यक्ति, किसी भी स्थान से मोबाइल की मदद से फोटो खींचकर भेज सकता है। जांच के बाद पुलिस ट्रैफिक नियम तोड़ने के आरोप में कार्रवाई करती है।

किसी एसएसपी को समय तो देते सरकार

ख्0क्ख् के विधानसभा चुनावों में सपा की गवर्नमेंट आई। अखिलेश सिंह यादव यूपी के चीफ मिनिस्टर बने तो उन्होंने एक महत्वपूर्ण फैसला लिया। उन्होंने जिलों में एसएसपी की तैनाती वाली पुरानी व्यवस्था को बहाल कर दिया। इलेक्शन के बाद पहली बार गोरखपुर में बतौर एसएसपी आशुतोष कुमार को जिम्मेदारी सौंपी गई। एक अप्रैल ख्0क्ख् को आशुतोष कुमार गोरखपुर ने कार्यभार ग्रहण किया, लेकिन वह अपनी कुर्सी पर क्0 माह ही टिक सके। अचानक उनको हटाकर डीके चौधरी को तैनात किया गया। गोरखपुर में बतौर एसपी सिटी काम कर चुके डीके चौधरी ने चंदन सिंह जैसे शातिर को धूल चटा दी। एक माह ही बीता था कि उनका तबादला हो गया। इसके बाद शलभ माथुर को एसएसपी बनाया गया। चार महीने के भीतर शलभ माथुर भी चले गए। उनकी जगह प्रदीप कुमार आ गए। सात माह के भीतर प्रदीप कुमार हटाकर आकाश कुलहरि को एसएसपी बनाया गया। उनके आद आए आरके भारद्वाज को काम करने के लिए पांच माह भी नहीं मिल सके।

कुछ यूं रहा जिले में एसएसपी का कार्यकाल

नाम तैनाती तबादला

आशुतोष कुमार क्.ब्.ख्0क्ख् क्ख्.0ख्.ख्0क्फ्

डीके चौधरी क्ख्.0ख्.ख्0क्फ् क्ख्.0फ्.ख्0क्फ्

शलभ माथुर क्ख्.0फ्.ख्0क्फ् ख्म्.07.ख्0क्फ्

प्रदीप कुमार ख्म्.7.ख्0क्फ् 08.0ख्.ख्0क्ब्

आकाश कुलहरि क्0.0ख्.ख्0क्ब् क्म्.08. ख्0क्ब्

आरके भारद्वाज क्म्.08.ख्0क्ब् ख्ब्.क्ख्.ख्0क्ब्

दिलीप कुमार ख्ब्.क्ख्.ख्0क्ब्

अफसरों के अचानक तबादलों से पड़ता है फर्क

पुलिस ऑफिस के कर्मचारियों का कहना है कि एसएसपी की तैनाती एक जिले में अधिकतम तीन साल हो सकती है। लेकिन न्यूनतम वह कितने दिनों तक तैनात रह सकते हैं, इसका कोई निर्धारण नहीं है। ऐसे में गवर्नमेंट की मर्जी पर सारा काम चलता है। अचानक तबादलों से कानून व्यवस्था पर असर पड़ता है। नये कप्तान को जिले की परिस्थितियों को समझने में कम से कम छह मंथ का समय लग जाता है। पब्लिक से जुड़कर क्राइम कंट्रोल करने, विभागीय कर्मचारियों और अधिकारियों का भरोसा जीतने में मशक्कत करनी पड़ती है। कानून व्यवस्था को सुधारने को लेकर आने वाली कमी की परख होते ही अफसर का तबादला हो जाता है। ऐसे में नये अफसर को कुर्सी संभालते ही पुरानी चीजों को नये सिरे से जानने-समझने की जरूरत पड़ती है। गोरखपुर में एक साथ एसएसपी, एसपी सिटी और एसपीआरए का बदलाव होने से नये अफसरों के सामने तमाम चुनौतियां खड़ी हैं।

पूरा हुआ दिलीप कुमार का ख्वाब

बताया जाता है कि गोरखपुर में एसपी सिटी रहे दिलीप कुमार ने एसएसपी बनने का ख्वाब देखा था। उनकी तमन्ना थी कि एक बार गोरखपुर का एसएसपी बनने का मौका मिले। नये एसएसपी के शुभचितंकों को जैसे ही तबादले की जानकारी मिली। उनकेबीच यह चर्चा शुरू हो गई। कई लोगों ने कहा कि ख्वाब भी पूरे होते हैं, इसको दिलीप कुमार ने साबित कर दिया। यहां बता दें कि वाराणसी जिले के मूल निवासी दिलीप कुमार महराजगंज जिले के भी एसपी रह चुके हैं। बातचीत में उन्होंने बताया कि फ्राइडे को कार्यभार ग्रहण करेंगे।

नये कप्तान के सामने खड़ी है चुनौतियां

- चंदन सिंह के गैंग पर शिकंजा कसने की प्रक्रिया

- सिटी के भू माफियाओं पर लगाम लगाने की कार्रवाई

- फरार बदमाश पिंकू उर्फ राणा सिंह की तलाश

- गगहा, बेलघाट में पेट्रोल पंप लूटकांड का खुलासा

- बेलीपार एरिया में मर्डर के बाद सिर काटने की घटना का खुलासा

- खिचड़ी मेला को सकुशल संपन्न कराना

- रंगदारी की घटनाओं पर लगाम कसना

फ्राइडे को गोरखपुर पहुंचकर कार्यभार ग्रहण करेंगे। अन्य मुद्दों पर तभी बातचीत की जाएगी।

दिलीप कुमार, नवागत एसएसपी