मोहर से बनाया सीएम-डीएम को मोहरा

स्टैंप मैन की गाड़ी में थी नीली बत्ती, अब निकली हवालात में हेकड़ी

-------

- राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के रजिस्ट्रार बनकर हड़का चुका था एसपी सिटी को

- लालकुर्ती थाने में छह लोगों के खिलाफ दर्ज करवा चुका है लूट का मुकदमा

मेरठ : लालकुर्ती पुलिस ने गंगा नगर से एक ऐसे व्यक्ति को गिरफ्तार किया, जो दिल्ली हाईकोर्ट का रिटायर्ड जज और राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग का रजिस्ट्रार बनकर बड़े-बड़े पुलिस अधिकारियों को भी हड़का लेता था। उसके लेटरहेड पर थाना लालकुर्ती में छह लोगों के खिलाफ लूट का मुकदमा भी दर्ज हो चुका है।

फोन के बाद एक्शन

एक मामले में अजय कुमार गर्ग से बातचीत के बाद इंस्पेक्टर सुधीर कुमार ने फोन रिकार्डिग सुनी तो मामला संदिग्ध लगा। उन्होंने आरोपी निवासी अजय कुमार गर्ग के मोबाइल नंबर की सीडीआर निकलवाई। मोबाइल नंबर गंगानगर के पते पर था। आरोपी के बारे में आसपास के लोगों से पूछताछ की तो पता चला कि यह लोगों से रुपये लेकर पुलिस अधिकारियों को मुकदमों में गिरफ्तारी के लिए रिटायर्ड जज बनकर सिफारिश के लिए फोन करता है। पुलिस ने उसे दबोच लिया।

लेटर हेड पर मुकदमा

इंस्पेक्टर लालकुर्ती ने बताया कि दो जुलाई को उनके पास एक महिला का शिकायती पत्र आया। उसके साथ राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग रजिस्ट्रार का लेटर हेड लगा हुआ था। उसमें लिखा हुआ था कि बीते एक जुलाई को रजबन निवासी महिला ओमवती के साथ 20 हजार की लूट हो गई है। छह आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जाए। लेटर हेड होने के कारण इंस्पेक्टर लालकुर्ती ने छह लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कर दिया।

50 लोगों से ठगी

इलाहाबाद हाईकोर्ट व सुप्रीम कोर्ट का रिटायर्ड जज बनकर लाखों रुपये की ठगी करने वाले आरोपी ने पुलिस के सामने कई बड़े खुलासे किए। उसने कहा कि उसके गैंग में 50 लोग शामिल हैं, जो लोगों को फंसाकर उसके पास लाते थे। उनसे रुपए ऐंठते थे।

केजरीवाल का लेटरहेड

पुलिस के मुताबिक अजय कुमार गर्ग ने बताया कि वह दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का लेटर पेड का इस्तेमाल करता था। सरकारी विभागों में वह लोगों का काम करवाता था।

डीजीपी को किया फोन

पुलिस पूछताछ में आरोपी ने बताया कि वह डीजीपी सुलखान सिंह समेत कई पूर्व डीजीपी को रिटायर्ड जज बनकर फोन कर चुका है। कई पुलिस अधिकारियों के ट्रांसफर व मुकदमें दर्ज करवा चुका है।

भर्ती के नाम पर वसूली

पुलिस ने बताया कि रिटायर्ड जज बनकर ठग अजय कुमार गर्ग ने युवकों से पुलिस में भर्ती कराने के नाम पर लाखों रुपये ठगे थे। कई युवक अजय कुमार गर्ग की गिरफ्तारी की सूचना पर थाने में पहुंचे आरोपी ठग के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई।

किराए का मकान

इंस्पेक्टर लालकुर्ती ने बताया कि रिटायर्ड जज बताने वाला आरोपी गंगा नगर एम ब्लाक मकान नंबर 155 में किराए के मकान में रहता है। वहीं से वह पूरा गैंग चला रहा था।

रजिस्ट्रार का भी रोल

पुलिस ने बताया कि वह कई लोगों से राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के रजिस्ट्रार बनकर लोगों से वसूली करता था। अब तक वह सैकड़ों लोगों से 50 लाख रुपये की ठगी कर चुका है। इंस्पेक्टर लालकुर्ती का कहना है कि वह अपने घर से राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग का कार्यालय चल रहा था।

नीली बत्ती की गाड़ी

इंस्पेक्टर का कहना है कि पहले तो वह एक उसकी नीली बत्ती लगी गाड़ी देखकर चकमा खा गए, लेकिन उन्होंने हिम्मत करके उससे पूछताछ की तो उसने सारी सच्चाई पुलिस के सामने आ गई। पुलिस ने उसकी नीली बत्ती लगी गाड़ी भी सीज कर दी। गैंग लीडर की गिरफ्तारी के बाग गैंग के अन्य सदस्य फरार हो गए। सभी को चिह्नित किया जा रहा है।

----------

इंस्पेक्टर लालकुर्ती व आरोपी के बीच फोन पर बातचीत के अंश

आरोपी : हैलो, मैं राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग का रजिस्ट्रार अजय कुमार गर्ग दिल्ली से बोल रहा हूं। अभी तक आपने ओमवती के मुकदमें में आरोपियों की गिरफ्तारी क्यों नहीं की है? आप मुझे जानते नहीं हो। मैने ही मंजिल सैनी को एसएसपी मेरठ का चार्ज दिलाया है।

इंस्पेक्टर - सर, सर।

आरोपी : अगर मैंने मंजिल सैनी से शिकायत कर दी तो बचना मुश्किल हो जाएगा।

इंस्पेक्टर : सर, सर लगातार दबिश डाली जा रही है। सर, प्लीज दो दिन का समय दीजिए।

आरोपी : दो दिन के भीतर गिरफ्तारी नहीं हुई तो अंजाम क्या होगा, जानते हो ना?

इंस्पेक्टर : सर, सर

-----------

बरामदगी

86 मिले लेटरहेड

150- स्टैंप

59 सुप्रीम कोर्ट की स्टैंप

25- जिलों के एसएसपी की स्टैंप

40- जिलों के डीएम की स्टैंप

26- जिलों की तहसीलदार की स्टैंप