मीटिंग में कोषागार को भी कैशलेस सिस्टम से जोड़ने की उठी मांग

ALLAHABAD: सरकार ने जब से नोटबंदी का आदेश जारी किया है, तब से स्टाम्प की बिक्री शून्य पर पहुंच गई है। कोषागार से केवल कैश पर ही स्टाम्प दिया जा रहा है। अब लोगों के पास भी इतना कैश नहीं कि वे मोटी रकम के स्टाम्प खरीद सकें। इसलिए स्टाम्प वेंडरों को भी कैशलेस की सुविधा प्रदान की जाए। सोमवार को 84 खंभा कंपाउंड में आयोजित स्टाम्प वेंडर्स एसोसिएशन की मीटिंग में यह मांग की गई।

एक पर्सेट से भी कम हुई बिक्री

वेंडरों ने कहा कि नोटबंदी से पहले जहां एक-एक स्टाम्प वेंडर महीने में चार से पांच लाख रुपये का स्टाम्प बेच लेते थे, वहीं अब पांच हजार रुपये का स्टाम्प बेचना भी मुश्किल हो गया है। सेविंग एकाउण्ट की वजह से स्टाम्प वेंडर 24 हजार रुपये से अधिक नहीं निकाल पा रहे हैं। इससे स्टाम्प खरीदने में भी दिक्कत हो रही है।

एडीएम को बताएंगे समस्या

कोषागार कैश पर ही स्टाम्प दे रहा है। यदि कोषागार को भी कैशलेस करते हुए ई-पेमेंट, चेक, आरटीजीएस और मोबाइल बैंकिंग से जोड़ दिया जाए और स्टाम्प वेंडरों को कैशलेस पेमेंट का अधिकार दे दिया जाए तो समस्या सॉल्व हो जाए। वेंडरों ने कहा कि ई-स्टाम्प वेंडरों की तरह सभी स्टाम्प वेंडरों को भी लोगों से चेक, मोबाइल बैंकिंग व आरटीजीएस के थ्रू पेमेंट स्वीकार करने की छूट दी जाए। निर्णय लिया गया कि एडीएम फाइनेंस को समस्या से अवगत कराते हुए उनसे मांग की जाएगी। मीटिंग में आल यूपी स्टाम्प वेंडर एसोसिएशन के सत्येंद्र, शिव मोहन अग्रहरि, डीएल झा, पी लाल आदि मौजूद रहे।