- भूकंप से मेडिकल कॉलेज व जिला अस्पताल में अफरा-तफरी

- ओपीडी और विभिन्न वार्ड से बाहर दौड़े डॉक्टर्स, पेशेंट्स व तीमारदार

<- भूकंप से मेडिकल कॉलेज व जिला अस्पताल में अफरा-तफरी

- ओपीडी और विभिन्न वार्ड से बाहर दौड़े डॉक्टर्स, पेशेंट्स व तीमारदार

GORAKHPUR : GORAKHPUR : एक बार फिर भूकंप के झटके ने सिटी के लोगों को हिलाकर रख दिया। मेडिकल कॉलेज और जिला अस्पताल में भूकंप के झटके से हड़कंप मच गया। इलाज कराने आए लोग 'भूकंप फिर आया' कह कर बाहर की तरफ दौड़ पड़े। डॉक्टर्स और एंप्लाईज भी बाहर पहुंच गए। चंद मिनटों में पूरा हॉस्पिटल खाली हो गया। हर किसी के चेहरे पर भूकंप का खौफ साफ देखा जा सकता था।

चल रही थी ओपीडी, अचानक मची भगदड़

डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल की ओपीडी में पेशेंट्स की लंबी कतारें लगी थीं। करीब क्ख्.फ्भ् बजे अचानक आए भूकंप के झटकों से हड़कंप मच गया। पूरे कैंपस में भगदड़ सा माहौल हो गया। सभी सुरक्षित स्थान की तलाश में इधर-उधर भागने लगे।

भगदड़ में टूट गया पैर

भूकंप के झटकों से मची भगदड़ में बरगदही गांव के महरी टोला की निवासी सोनमती देवी मकान से बाहर निकलकर भागने लगीे। तभी उनका पैर फिसल गया जिसमें उनका बायां पैर फैक्चर हो गया। फैमिली मेंबर्स ने उन्हें इलाज के लिए मेडिकल कॉलेज में एडमिट करवाया है। इसके अलावा गांधी गली में रहने वाले फिरोज भूकंप आने पर घबराहट में कूद पड़े। उन्हें डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल में एडमिट कराया गया है।

फीमेल आर्थो वार्ड में बेड पर लेटी थी। तभी बेड हिलने लगा। मेरे पति ने किसी तरह से मुझे गोद में उठाकर बाहर निकाला। मैं सहम गई थी।

कौशल्या, झगहां

बेड पर बैठी। इसी बीच बगल के एक व्यक्ति ने कहा कि भागो भूकंप आया। अपने छोटे बेटे के साथ किसी तरह वार्ड से बाहर निकल पाई।

मालती देवी, टड़वाकला

हादसे में मेरा पैर टूट गया था। जिला अस्पताल के आर्थो वार्ड में इलाज चल रहा है। जब वार्ड के अन्य पेशेंट्स भागने लगे तो मैं भी साथ हो लिया।

आदित्य, खोराबार

जब भूकंप का झटका आया तो मुझे महसूस ही नहीं हुआ। जानकारी हुई तो मेरे सहयोगियों ने मुझे बेड से उठाकर बाहर सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया।

रजनीश, बेलीपार

मैं अपने मकान के छत की रेलिंग के पास खड़ा था। इसी दौरान भूकंप का झटका महसूस हुआ। डर के मारे मैंने छत से नीचे छलांग लगा दी।

फिरोज अहमद, गांधी गली

मेडिकल कॉलेज के इमरजेंसी वार्ड मेरा इलाज चल रहा है। डॉक्टर्स राउंड पर थे। इसी दौरान अचानक झटका महसूस हुआ। सभी वार्ड से बाहर चले गए।

बिस्मिल्लाह, गोरखनाथ

सुबह दवा लेने के बाद आराम फरमा रहा था। इसी बीच भूकंप का झटका आया, मैं डर गया और घरवालों के साथ बाहर निकला। अब हिम्मत नहीं हो रही कि वार्ड?में वापस जाएं।

तसब्बुर अहमद, खलीलाबाद