कैबिनेट के अहम फैसले

- पीएम आवास योजना में एग्रीकल्चर लैंड का लैंड यूज बदलने की नियमावली को मंजूरी

-एग्रीकल्चर लैंड यूज बदलने पर सीएस की अध्यक्षता में कमेटी को भी हरी झंडी, देगी रिपोर्ट

-आपदा संवेदनशील भवनों के सर्वे को 3.73 करोड़ बजट को मंजूरी

-अर्थक्वेक मिटिगेशन के लिए पंचवर्षीय एकीकृत सुरक्षा प्रोग्राम को 150 करोड़

-यूपी जमींदारी विनाश अधिनियम में संशोधन के तहत एग्रीकल्चर, हार्टिकल्चर, प्लांटेशन, फिशरीज में 30 वर्षो को दिया जाएगा पट्टा

-प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के गैर टैक्नीकल निस्संवर्गीय पोस्ट समेत ग्राम्य विकास विभाग में 604 पोस्ट का होगा समायोजन

-उत्तराखंड जैविक कृषि विधेयक मंजूर

-उत्तराखंड नर्सरी एक्ट, फल पौधशाला विधेयक के तहत निरीक्षण जांच एवं प्रोत्साहन पर भी मुहर

- 2019 तक टीईटी क्वालिफाई शिक्षा आचायरें को परमानेंट अप्वॉइंटमेंट, सचिवालय के डीएमएमसी के कर्मचारियों को आपदा प्रबंध अथॉरिटी में मर्ज करने पर मुहर

देहरादून,

अर्थक्वेक के लिहाज से खतरनाक सरकारी बिल्डिंग्स को स्टेट गवर्नमेंट 150 करोड़ रुपए खर्च कर अर्थक्वेक प्रूफ बनाएगी। स्टेट कैबिनेट मीटिंग में यह डिसिजन लिया गया। जल्द ही सेंसेटिव सरकारी स्कूल, हॉस्पिटल, कलक्ट्रेट, तहसील भवन व पुलिस स्टेशंस की बिल्िडग का सर्वे कराया जाएगा। खतरनाक बिल्डिंग्स को मार्क किया जाएगा और उन्हें योजना में शामिल कर सिक्योर बनाया जाएगा। पांच वर्षीय इस स्कीम में 150 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे।

11 माह लगेंगे बिल्डिंग्स के सर्वे में

कैबिनेट का सबसे अहम फैसला आपदा के लिहाज से पुरानी सरकारी बिल्डिंग्स को सेफ व स्ट्रॉन्ग बनाने की पांच वर्षीय प्लानिंग को माना जा रहा है। इसके तहत आपदा व भूकंप प्रभावित सरकारी बिल्डिंग्स का सर्वे कराया जाएगा। सर्वे के लिए 11 माह में 3.73 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। सर्वे के लिए 62 पदों के स्ट्रक्चर को भी मंजूरी दी गई है। कैबिनेट मंत्री ने बताया कि इसके लिए पंडित दीनदयाल उपाध्याय एकीकृत भूकंप सुरक्षा कार्यक्रम को मंजूरी दी गई। पांच वर्षीय इस प्लानिंग पर 150 करोड़ रुपये खर्च होंगे। जिसमें से 100 करोड़ बिल्डिंग्स की मरम्मत व 50 करोड़ स्टाफ की सैलरी पर खर्च किया जाएगा।

लैंड यूज चेंज कर आवासों के लिए जमीन

वेडनसडे को हुई कैबिनेट मीटिंग में कई अहम फैसले लिए गए। कैबिनेट मिनिस्टर व सरकार के प्रवक्ता मदन कौशिक ने बताया कि कैबिनेट ने जरूरतमंदों को पीएम आवास योजना के तहत 47993 आवास मुहैया कराने के लिए जमीन की कमी का समाधान निकाल लिया है। बताया कि एग्रीकल्चर लैंड का लैंड यूज चेंज कर आवासों के लिए जमीन अवेलेबल कराई जाएगी। कैबिनेट ने उत्तराखंड नगर नियोजन एवं विकास (पीएम आवास प्रोजेक्ट के तहत चयनित प्रोजेक्ट में लैंड यूज) नियमावली को मंजूरी दे दी है।

20 हजार ईडब्ल्यूएस आवासों की बंधी उम्मीद

कैबिनेट के फैसले के बाद स्टेट में अधर में लटके 20 हजार ईडब्ल्यूएस के निर्माण की उम्मीद बढ़ गई है। आवास निर्माण के लिए एग्रीकल्चर लैंड पर हाईकोर्ट की रोक के बाद आवास विभाग द्वारा आवास नीति में संशोधन किया गया, जिसे कैबिनेट के समक्ष पेश किया गया। पीएम आवास के तहत 2022 तक 62 हजार ईडब्ल्यूएस आवासों के निर्माण का टारगेट रखा गया है। अब तक गवर्नमेंट के पास 20 हजार आवासों के निर्माण के प्रपोजल्स आ चुके हैं। इनमें से करीब 13 हजार आवास निर्माण के प्रोजेक्ट को केंद्र से अनुमति मिल चुकी है। लेकिन लैंड यूज पर हाईकोर्ट की रोक के बाद इनका निर्माण शुरू नहीं पा सका था। जबकि सरकार ने हाईकोर्ट की रोक को हटाने के लिए सुप्रीम कोर्ट में अर्जी भी दायर की है।

30 में से 28 प्वॉइंट्स पर मंथन

स्टेट कैबिनेट मीटिंग में कुल 30 प्वाइंट्स पर विचार किया जाना था। दो प्वॉइंट्स को पोस्टपॉड करते हुए 28 पर मंथन हुआ व फैसले लिए गए। दो प्वॉइंट्स पर अगली कैबिनेट मीटिंग में मंथन किया जाएगा।

क्रशर को माइनिंग लाइसेंस भी

माइनिंग से रेवेन्यू बढ़ाने के लिए सरकार उत्तराखंड स्टोन क्रशर, स्क्रीनिंग प्लांट, मोबाइल स्टोन क्रशर, मोबाइल स्क्रीनिंग प्लांट, हॉट मिक्स प्लांट, रेडिमिक्स प्लांट अनुज्ञा नीति 2016 के स्थान पर न्यू पॉलिसी लाई है। नई पॉलिसी में नए स्टोन क्रशर के लाइसेंस अब 5 की जगह 10 साल के लिए होंगे। हालांकि इसके लिए पहले से दोगुना फीस ली जाएगी। मैदानी इलाके के लिए 20 लाख व हिल एरियाज के लिए 10 लाख रुपये जमा करने होंगे। इसके अलावा नए स्टोन क्रशर नदी तट से 3 किमी की दूरी पर बनेंगे और हिल में ये दूरी 250 मीटर तय की गई है। क्रशर प्लांट को अब माइनिंग का लाइसेंस भी दिया जा सकेगा। क्रशर प्लांट के पास या तो अपना खनन पट्टा होना चाहिए या फिर उसे प्राइवेट पट्टाधारक के साथ अनुबंध करना होगा।