- 1997 में गोरखपुर यूनिवर्सिटी को मिला था बीसवीं सदी के मौलिक चिंतक पंडित दीनदयाल का नाम

- 25 सितंबर को दीन दयाल जयंती पर गवर्नर राम नाईक करेंगे मूर्ति का अनावरण

GORAKHPUR: बीसवीं सदी के मौलिक चिंतकों में शुमार पंडित दीनदयाल उपाध्याय को गोरखपुर यूनिवर्सिटी में 20 साल बाद जाकर जगह मिल सकी। 1997 में गोरखपुर यूनिवर्सिटी को उनका नाम मिला, लेकिन उनकी प्रतिमा 2017 में जाकर यूनिवर्सिटी पहुंच सकी। 25 सितंबर को उनकी जयंती पर गवर्नर राम नाईक मूर्ति का अनावरण करेंगे। एक साल पहले 25 सितंबर 2016 में गनर्वर ने ही मूर्ति स्थापना की आधारशिला रखी थी। ठीक एक साल बार मूर्ति का अनावरण ि1कया जाएगा।

12 फीट ऊंची प्रितमा स्थापित

पंडित दीनदयाल की कांस्य प्रतिमा बुधवार को गोरखपुर यूनिवर्सिटी के प्रशासनिक भवन पहुंचे। यहां उसके लिए तैयार मंच पर उसे स्थापित कर दिया गया। बारह फीट ऊंचाई और 1100 किग्रा वजन वाली इस प्रतिमा को देश के फेमस मूर्तिकार उत्तम पाचारने ने खुद अपनी निगरानी में मूर्ति को प्लेटफार्म पर स्थापित कराया। इस प्लेटफॉर्म का निर्माण यूपी प्रोजेक्ट कारपोरेशन लिमिटेड ने कराया है। मौके पर वीसी प्रो। विजयकृष्ण सिंह, मूर्ति स्थापना समिति के संयोजक प्रो। श्रीप्रकाश मणि त्रिपाठी, मेंबर प्रो। हर्ष कुमार सिन्हा के साथ ही प्रो। दिनेश यादव, एफओ पीएन सिंह, परीक्षा नियंत्रक डॉ। अमरेन्द्र सिंह, इंजीनियर श्रवण कुमार, कौशलेंद्र आदि थे।

24 लाख की बनी प्रतिमा

यूनिवर्सिटी के पीआरओ प्रो। हर्ष सिन्हा ने बताया कि अगले चरण में अब मूर्ति के ऊपर एक गुंबद बनाया जाएगा, जिसका कुछ काम पूरा किया जा चुका है। चौबीस लाख की लागत वाली यह प्रतिमा देश में पंडित जी की भव्यतम मूर्तियों में से एक होगी। प्रतिमा स्थापित होने के साथ ही यूनिवर्सिटी ने प्रतिमा अनावरण प्रोग्राम को लेकर तैयारियां तेज कर दी हैं। वीसी प्रो। वीके सिंह ने समारोह के लिए गठित समितियों के संयोजकों के साथ एक बैठक की और तैयारियों के संबंध में जरूरी दिशा निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि दो हफ्ते में अनावरण स्थल की सफाई और उसके सौंदर्यीकरण का कार्य पूरा कर लिया जाए। मौके पर मूर्ति स्थापना कमेटी से जुड़े लोग मौजूद रहे।