सिंगिंग, डांसिंग के साथ मूवी देख कर भी स्पेंड करें टाइम

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PRAYAGRAJ:

लॉकडाउन में पब्लिक अपने घरों में बंद है। सुबह से लेकर शाम तक काम और न्यूज देख कर लोगों की टेंशन बढ़ना लाजिमी है। ऐसे में लोग खुश रहना भी भूल रहे हैं, लेकिन वे यह नहीं जानते कि लंबे समय तक चलने वाला लॉकडाउन उनके लिए सिरदर्द बन सकता है। वहीं खुश नहीं रहने वाले लोग डिप्रेशन के शिकार हो जायेंगे।

अपनी हॉबी को दें पूरा समय

हर इंसान की अपनी एक हॉबी होती है। जिसे करने में उसे खुशी मिलती है। लेकिन बार-बार एक ही काम करते रहने से थोड़ा अपसेट हो जाता है। ऐसे में घर में रह कर कुछ फिजिकल एक्टिविटी करने की जरूरत है। चूंकि घर में फिजिकल एक्टिविटी पूरी तरह से बंद हो गई है। इसके अलावा लोग अपनी अल्टरनेट हॉबी को भी फॉलो कर सकते हैं। जिससे कि वे डिप्रेशन में नहीं जायेंगे।

दिन में न सोने को करें एवाइड

घर में रहते हुए लोग अपना काम कर रहे हैं, इस दौरान वह ज्यादातर टाइम सोकर गुजारते हैं। ऐसी स्थिति में न तो दिन में वे ठीक से नींद ले पा रहे हैं और न ही रात में। ऐसे में वे अपनी रूटीन को बदल कर सेहत सुधार सकते हैं। इस बीच वह दिन में किसी भी हाल में बेड पर न जाएं। जिससे कि रात में बेड पर जाते ही नींद आ जाए। इसके अलावा नींद भरपूर लेने से एम्युनिटी सिस्टम भी मजबूत होता है।

आंखों को रेस्ट देना भी है जरूरी

- घर पर रहने के दौरान लोग या तो टीवी ज्यादा देख रहे हैं या फिर मोबाइल पर नेट सर्फिंग के साथ ही सोशल साइट पर समय बिता रहे हैं।

- लैपटॉप को भी लोग ज्यादा समय दे रहे हैं।

- ऐसे में आंखें थक जा रही हैं, जिसे रेस्ट देना जरूरी है

- बीच-बीच में कुछ देर के लिए टीवी, मोबाइल, लैपटाप से दूरी बनाएं

- घर वालों से बात करें, हो सके तो इनडोर गेम्स जो दिमाग का स्ट्रेस कम करने में मदद करें, वो खेले

- कोरोना का नाम लोगों के दिमाग पर छा गया है। इसलिए इस फोबिया से बाहर निकलने की जरूरत है।

- नहीं तो आपकी सेहत खराब हो सकती है। खुद अवेयर रहें।

- दूसरों को भी अवेयर करें। बेकार की बातें सोच कर टेंशन न बढ़ाएं।

घर पर अपना पसंदीदा काम करें, जिससे खुशी मिलती है। इसके अलावा फिजिकल एक्सरसाइज जरूर करें। आंखों को भी रेस्ट दें, तो बेहतर होगा। बुक पढ़ें, टीवी देखें और गाने सुनें। दिमाग का स्ट्रेस कम होगा।

डा। अनुराग वर्मा

न्यूरो फीजिशयन