प्रापर्टी की इकलौती वारिश बनना था मकसद, प्रेमी-प्रेमिका गिरफ्तार

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PRAYAGRAJ: सब कुछ प्लान के मुताबिक चल रहा था. टारगेट मिल गया था, उसे ठिकाने लगाने की योजना भी आलमोस्ट मूर्त रूप ले चुकी थी. लेकिन, आठ साल का मासूम किस्मत का धनी निकला जिसे खोजते हुए दादी पहुंच गयी. इसके चलते न सिर्फ बच्चे की जान बची बल्कि परिवार से छिपकर आशिक के साथ प्रेम की पिंगे लड़ा रही महिला का चेहरा भी बेनकाब हो गया. पुलिस ने प्रेमी-प्रेमिका को गिरफ्तार किया तो दोनों ने पूरी साजिश बयां कर दी.

पति के साथ रहकर भी लड़ा रही थी इश्क के पेंच

एसएसपी अतुल शर्मा ने घटना का खुलासा करते हुए बताया कि हंडिया क्षेत्र के मुगराव गांव की रहने वाली रेखा अपने पति के साथ मुम्बई में रहती थी. उसका गांव के ही बुधिराम से प्रेम प्रसंग चल रहा था. बुधिराम सूरत में रहकर काम करता है. रेखा ने पति को अपने काबू में कर रखा था लेकिन उसकी प्रापर्टी अपने नाम कराने की राहत में रोड़ा था रेखा की पहली पत्‍‌नी का आठ साल का बेटा जो गांव में ही रहता था. पुलिस के अनुसार प्रापर्टी पर कब्जा जमाने के लिए रेखा ने अपने आशिक बुद्धिराम के साथ मिलकर सौतेले बेटे की हत्या की साजिश रची. होली के पहले दोनों ने फोन पर पूरी योजना प्लान की और उसे अमली जामा पहनाने के लिए अलग-अलग गांव पहुंच गये. आठ साल के संदीप को मौत के घाट उतारने के बाद एक को मुंबई और दूसरे को सूरत लौट जाना था.

18 को पहुंचे थे घर

दोनों 18 मार्च को गांव पहुंचे. योजना के मुताबिक रेखा अपने सौतेले बेटे संदीप को लेकर गांव से करीब पांच सौ मीटर दूर निकल आयी. यहां उसने आशिक के साथ मिलकर संदीप के मुंह में कपड़ा भर दिया. वे मिट्टी में संदीप का मुंह दबाने की कोशिश कर रहे थे तभी संदीप की दादी उससे तलाशते हुए पहुंच गई. उसे देखकर दोनों भाग निकले तो मामला हंडिया थाने तक पहुंच गया. पुलिस ने मंगलवार को दोनों को गिरफ्तार करके मीडिया के सामने पेश करके घटना के खुलासे का दावा किया.