-आरटीओ, एआरटीओ, ड्राइवर, सिपाहियों को जाता था पैसा

-एसटीएफ ने दर्ज कराई एफआईआर, आरटीओ में मचा हड़कंप

GORAKHPUR: पूर्वाचल में ओवरलोडिंग ट्रकों से अवैध कमाई का खेल आरटीओ, एआरटीओ, उनके ड्राइवर-सिपाहियों और बिचौलियों की मिलीभगत से चलता था। शुक्रवार को बेलीपार एरिया में पकड़े गए गैंग के छह सदस्यों को अरेस्ट कर एसटीएफ ने कोर्ट में पेश किया। पुलिस ने उनको कस्टडी रिमांड पर लेते हुए जेल भेजने का आदेश दिया। इसके पूर्व एफआईआर दर्ज कराई गई। करीब 24 पन्ने में मुकदमे में फर्द लिखी गई। थाने पर केस डीजी में आमद करते-करते सुबह हो गई। लगातार 24 घंटे की मशक्कत के बाद एसटीएफ की कार्रवाई हो पूरी हो सकी। जांच में गोरखपुर में तैनात एआरटीओ, कुशीनगर, महराजगंज सहित कई जिलों के अफसरों, उनके ड्राइवर, हमराही सिपाही सहित अन्य के नाम का जिक्र किया गया है।

तीन माह से जांच में जुटी थी एसटीएफ

ट्रकों पर अवैध लोडिंग का माल पास कराने के बदले करीब 18 जिलों के आरटीओ, उनके एआरटीओ सहित अन्य कर्मचारी रुपए कमा रहे थे। इसकी शिकायत प्रदेश सरकार के प्रमुख सचिव हुई। उन्होंने इसकी जांच का निर्देश दिया। शिकायतकर्ताओं ने बेलीपार, मेहरौली निवासी ढाबा संचालक धर्मपाल सिंह और मनीष सिंह उर्फ शिब्बू सिंह के बारे में जानकारी दी। शिकायत में कहा था कि दोनों दिखावे के लिए ढाबे चलाते हैं। उनका मूल काम पूर्वाचल के ट्रक और ट्रांसपोर्टर से ओवरलोड गाड़ी चलवाने के लिए आरटीओ से लेनदेन करना है। ओवरलोड ट्रकों के लिए ट्रक मालिकों, ट्रांसपोर्टर का नंबर मैसेज और व्हाट्सअप किया जाता है। रात में आठ बजे से लेकर पांच बजे तक निर्धारित रूट ओवरलोड गाडि़यां आराम से निकल जाती हैं। जहां पर ओवरलोड ट्रक चलने पर सख्ती होती थी।

होटल में सोते थे अधिकारी, पैक होता था खाना

जांच मिलने पर इंस्पेक्टर सत्य प्रकाश सिंह, एसआई एसएन सिंह, एसआई आलोक राय, यशवंत सिंह, अनूप राय और राजीव शुक्ला की टीम ने काम करना शुरू किया। तीन माह की जांच में पता लगा कि आरटीओ-एआरटीओ की मिलीभगत से सारा खेल चल रहा है। पुख्ता सबूत और ठोस जानकारी मिलने पर टीम एसटीएफ ने शुक्रवार को कार्रवाई की। मधुबन होटल के मालिक, बेलीपार के मेहरौली निवासी धर्मपाल सिंह, मनीष सिंह उर्फ सिब्बू सिंह पुत्र बम बहादुर सिंह, विवेक सिंह उर्फ सिक्कू सिंह पुत्र स्व। लाट बहादुर सिंह, श्रवण कुमार गौड़ पुत्र सोमई प्रसाद, रामसजन पुत्र राम देव तथा देवरिया जिले के कपरवारघाट निवासी शैलेष मल्ल पुत्र श्रशिकेश्वर मल्ल को अरेस्ट किया। धर्मपाल सिंह उर्फ डीपी सिंह ओवरलोडिंग गाडि़यों को एंट्री कराने का किंग है। मंत्रियों, नेताओं से संपर्क होने की वजह से कोई उस पर हाथ नहीं डाल रहा था। उसके होटल में पुलिस अधिकारियों, थानेदारों और दरोगाओं की खूब खातिरदारी होती थी। वर्तमान में तैनात कुछ पुलिस अधिकारियों के अलावा पूर्व के कई अधिकारी वहां पर कमरे में सोते थे। उसी होटल से उनका खाना पैक होकर जाता था। मेहमानवाजी के लिए भी होटल पर पुलिस कर्मचारी अक्सर पहुंचते रहते थे। हाइवे के लवब‌र्ड्स के लिए भी होटल फेमस हो रहा था।

इन परिवहन कर्मचारियों की भी हुई थी शिकायत

सिपाही ऋषिकेश मालवीय, योगेंद्र सिंह, आनंद सिंह, दुर्गा श्रीवास्तव, चंद्र प्रकाश यादव, केके तिवारी, अनिल यादव, सीबी ंिसंह, मनोज सिंह, नृपेंद्र ंिसंह, पकंज सिंह, प्राइवेट कर्मचारी देवेंद्र सिंह और दुर्ग ि1वजय यादव

इनके खिलाफ होगी जांच

गोरखपुर के एआरटीओ एसपी श्रीवास्तव, संजय सिंह उर्फ मंटू सिपाही, इरसाद अली जो सिपाही नृपेंद्र सिंह के जरिए सेटिंग करते थे। अनूप सिंह और अवधेश सिंह उर्फ बबलू कुशीनगर के संदीप कुमार पंकज, महराजगंज के आरएस भारती जिनका काम मान सिंह देखता था। संतकबीर नगर के संदीप कुमार सहित 50 से अधिक अधिकारियों, उनके कर्मचारियों और प्राइवेट लोगों का सीधा जुड़ाव इस नेक्सेस से पाया गया है। इनमें कुछ लोग सीधे रुपए लेते थे। तो कुछ लोग किसी न किसी माध्यम के जरिए रुपए का ट्रांजेक्शन करते थे। गोरखपुर में तैनात आरटीओ के आरोपित सिपाही ने शहर में तीन जगहों पर मकान बनवाया है। जबकि कई अन्य के पास लखनऊ सहित अन्य शहरों में मकान, भूमि और भारी प्रापर्टी है। लंबे समय से चल रहे खेल में शामिल लोगों तक पहुंचने के लिए हाई लेवल से नजर रखी जा रही है।

सन्नाटे में रहे ट्रक मालिक

एसटीएफ की कार्रवाई की भनक लगने पर कई अधिकारियों और कर्मचारियों ने ठौर-ठिकाना बदल दिया है। उनके मोबाइल फोन डायवर्ट और नाट रिचेबल बताने लगे हैं। शनिवार को मामले की जानकारी होने पर नेक्सेस से जुड़े ट्रक मालिक साइलेंट हो गए। शनिवार की देर रात हाइवे पर ट्रकों की आवाजाही पर असर नजर आया। ट्रांसपोर्ट से जुड़े लोगों ने बताया कि ओवलोडिंग के खेल में शामिल लोगों ने अपने केा समेट लिया है। एसटीएफ की कार्रवाई से बचने के लिए ट्रक मालिकों ने वाहन को सड़क पर ले जाने से परहेज किया।

डायरी और रजिस्टर देखकर दर्ज किया इनका नाम

गोरखपुर

गोरखपुर एआरटीओ एसपी श्रीवास्तव, पीटीओ इरसाद अली, के पास पैसा उनका ड्राइवर संजय सिंह उर्फ मंटू सिंह, कर्मचारी अवधेश सिंह उर्फ बबलू, आरटीओ सिपाही निपेन्द्र सिंह, अनूप सिंह के जरिये जाता है। मंटू सिंह गोरखपुर के अलावा बस्ती और कुशीनगर में भी आरटीओ विभाग को पैसा पहुंचाता था।

देवरिया

देवरिया, एआरटीओ चतुर्वेदी के नाम पर दीवान शुक्ला के माध्यम से पैसा भेजा जाता था। एआरटीओ की भूमिका यहां कम है। लेकिन यह साबित नहीं हुआ कि दीवान उनको पैसा देता था। या फिर खुद ही वसूली की रकम रख लेता था। चेकिंग के दौरान दीवान ही लोकेशन भेजता था।

महराजगंज

महराजगंज, एआरटीओ आरएस भारती को सिपाही मान सिंह के माध्यम से पैसा जाता है। दोनो लोगों की भूमिका संदिग्ध मिली है।

कुशीनगर

एआरटीओ संदीप कुमार पंकज के नाम पैसा जाता था, मंटू सिंह गोरखपुर का कर्मचारी पैसा पहुंचाता है। दोनों की भूमिका संदिग्ध पाई गई है।

मऊ

मऊ एआरटीओ अवधेश प्रसाद और पीटीओ मानवेन्द्र सिंह के पास सिपाही चंद्रजीत और प्राइवेट चालक कमालू, तथा सिपाही रमेश पटेल, चंद्रपाल यादव पैसा पहुंचाते थे। सभी की भूमिका संदिग्ध मिली है।

आजमगढ़

एआरटीओ संतोष सिंह के पास सिपाही लल्लन गौड के माध्यम से पैसा जाता था दोनों की भूमिका संदिग्ध है। इनकी जांच चल रही है।

जौनपुर

जौनपुर में सिपाही अनिल पटेल, सिपाही पाठक, पंकज सिंह के माध्यम से पैसा जाता है यही नाम रजिस्टर में दर्ज हैं।

भांजा वसूलता था पैसा

अम्बेडरनगर एआरटीओ केएन सिंह का भांजा बबलू सिंह पैसा वसूलता था। उसकी भूमिका की जांच चल रही है।

बस्ती में ड्राइवर वसूलता था पैसा

बस्ती में एआरटीओ के प्राइवेट चालक राजेश के माध्यम से यहां वसूली का पैसा जाता था। दोनों को संदिग्ध मानकर जांच की जा रही है।

संतकबीरनगर

संतकबीरनगर में आरटीओ चालक अशोक द्विवेदी उर्फ दूबे जी के माध्यम से पैसा जाता था। यहां पीटीओ /एआरटीओ संदीप कुमार चौधरी को भी पैसा जाने की बात सामने आई है।

गाजीपुर

गाजीपुर में एआरटीओ राम सिंह यादव खुद ही पैसा लेते थे, कभी ड्राइवर दुर्गविजय के माध्यम से पैसा लेते थे। सभी की भूमिका संदिग्ध है।

सोनभद्र

आरटीओ सिपाही आशूतोष उर्फ सोनू सिंह वसूली करता था, इन्हीं का नाम डायरी में दर्ज है।

फैजल और सैफ वसूलते थे पैसा

इलाहाबाद-सुल्तानपुर में सैफ और फैजल नाम के दो प्राइवेट लड़के वसूली करते हैं। फैजल खान का नेटवर्क गोंडा और बहराइच तक फैला हुआ है।

भदोही

भदोही में आरटीओ सिपाही योगेन्द्र सिंह का नाम डायरी में शामिल है। इसी के नाम से पैसा लिया जाता था।

तीन जिले संभालता था पिंटू

चंदौली में पिंटू यादव प्राइवेट काम करता था। आरटीओ सिपाही, विपीन चौधरी के आदेश पर वसूली करता था। मिर्जापुर चंदौली बाराणसी में काम बंद होने पर यह गाडि़यां पार कराने का ठेका लेने लगा थ्ा।

वर्जन

मुकदमा दर्ज कर सभी अभियुक्तों को कोर्ट में पेश किया गया। कोर्ट के आदेश पर उनको जेल भेज दिया गया। इस मामले में जिनके भी नाम सामने आए हैं। उनके भूमिका की जांच जारी है। इसकी रिपोर्ट सीनियर अधिकारियों को भेज दी गई है।

सत्य प्रकाश सिंह, इंस्पेक्टर, एसटीएफ गोरखपुर