-एसटीएफ के हत्थे चढ़े तीन शार्प शूटर, कत्ल की वारदात के बाद फरार था एक शातिर

PRAYAGRAJ: तीन शार्प शूटरों को एसटीएफ ने करछना पुलिस के साथ धर दबोचा। इनके कब्जे से कई तमंचे व कारतूस आदि बरामद किए गए हैं। यह तीनों करछना एरिया में बड़ी घटना को अंजाम देने के फिराक में थे। पकड़े गए अभियुक्तों में से एक कौशलेश यादव हत्याकांड का वांछित अभियुक्त है। घटना के बाद से ही वह फरार चल रहा था। करछना पुलिस को उसकी शिद्दत से तलाश थी। गिरफ्तारी न हो पाने के कारण मामले में एसटीएफ को भी लगाया गया था। पुलिस के मुताबिक तीनों शार्प शूटर भाड़े के हत्यारे हैं।

हत्याकांड का था वांटेड

करछना एरिया में तीस जुलाई को कौशलेश यादव की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। कत्ल के बाद परिजनों और ग्रामीणों ने जमकर हंगामा किया था। वारदात के बाद मामले में तीन लोग नामजद किए गए थे। रिपोर्ट दर्ज करने के बाद करछना पुलिस ने दो आरोपितों को अरेस्ट कर लिया था। एक दिनेश कुमार यादव पुत्र स्व। कल्लूराम यादव निवासी मड़वा वीरपुर थाना करछना फरार चल रहा था। करछना पुलिस को इसकी शिद्दत से तलाश थी। उसकी गिरफ्तारी में एसटीएफ टीम भी जुटी हुई थी। रविवार रात पुलिस उपाधीक्षक एसटीएफ नावेंदु कुमार को उसकी सटी खबर मिली। मुखबिर ने बताया कि कौशलेश हत्या कांड का फरार आरोपित दिनेश भीरपुर रेलवे स्टेशन के पास दोस्तों संग खड़ा है। वह किसी बड़ी घटना को अंजाम देने की चर्चा कर रहे हैं। खबर मिलते ही एसटीएफ टीम ने करछना पुलिस के साथ मौके पर पहुंच गई। वहां मौजूद दिनेश कुमार यादव व उसके दो साथी शशिकांत पाल उर्फ बब्बे पुत्र राम लखनपाल निवासी नेदुला जंघई सरायममरेज व निर्मल कुमार यादव पुत्र धर्मराज यादव निवासी असवां जंघई थाना मीरगंज जिला जौनपुर को भी गिरफ्तार कर लिया। इनके कब्जे से टीम को तीन तमंचे, छह जिंदा कारतूस, दो मोबाइल, दो आधार कार्ड, 380 रुपये नकद एवं एक पैनकार्ड मिले हैं।

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दामन पर हैं कई कत्ल के दाग

गिरफ्तार किए गए अभियुक्तों ने पूछताछ में कई चौंकाने वाले रहस्यों का पर्दाफाश किया। पुलिस उपाधीक्षक एसटीएम नावेंदु तीनों ने बताया कि वे शातिर क्रिमिनल विजय पांडेय निवासी बीरपुर करछना के शागिर्द हैं। पांच वर्ष विजय के प्रॉपर्टी डीलर चचेरे भाई विमल पांडेय की हत्या की थी। दिनेश ने बताया कि इस घटना को अंजाम देने में उसके साथ करन पांडेय, व प्रांजल एवं हिमांशु शुक्ल उर्फ बत्ती भी था। घटना में मुख्य गवाह विजय पांडेय है। जेल जाने के बाद कातिलों की मुलाकात पूर्व में बंद राजा पांडेय से हुई। राजा विजय पांडेय पर विमल हत्याकांड में गवाही न देने का दबाव बना रहा था। जेल से छूटने के बाद राजा ने विजय पांडेय की गोली मारकर हत्या कर दी थी। इसके बाद विजय की क्षेत्र में धाक बन गई। राजा भी विजय की तरह वाहन स्टैंड से लेकर बालू आदि से वसूली करना चाहता था। राजा ने विजय पर हमला करा दिया था। विजय के कहने पर ही तीनों राजा से निपटने का प्लान बना रहे थे कि पकड़ लिए गए।