- छह माह से यूनिवर्सिटी को नहीं मिल सका टॉल फ्री नंबर

- वहीं कैंपस में सिक्योरिटी कैमरों को लगने का है इंतजार

- वहीं वॉकी-टॉकी का सपना भी अब तक हवा-हवाई

GORAKHPUR: डीडीयू गोरखपुर यूनिवर्सिटी में सुरक्षा व्यवस्था अब भी हवा-हवाई है। कागजों में सिक्योरिटी चकाचक है, लेकिन हकीकत में नजर दौड़ाएं, तो यहां लूप होल हर जगह नजर आ जाएंगे। यूनिवर्सिटी गेट से लेकर अंदर तक ग‌र्ल्स सेफ्टी के नाम पर सिर्फ चंद सिक्योरिटी गा‌र्ड्स के अलावा कुछ नहीं है। जबकि यूनिवर्सिटी के दावों के मुताबिक लगने वाले सीसीटीवी कैमरे, टॉल फ्री हेल्प लाइन और वॉकी-टॉकी की व्यवस्था का सभी को इंतजार है। बावजूद इसके यूनिवर्सिटी सुरक्षा के हजारों दावे कर रही है, जबकि किसी से भी छिपी नहीं है।

टॉल फ्री नंबर का छह माह से इंतजार

गोरखपुर यूनिवर्सिटी में स्टूडेंट्स को सिक्योर महसूस कराने के लिए सबसे पहले टॉल फ्री नंबर की व्यवस्था की जानी थी। इसके लिए जिम्मेदारों ने बताया कि बीएसएनएल को अप्लीकेशन देकर टॉल फ्री के लिए अप्लाई भी कर दिया गया है। मगर जब बीएसएनएल में इसकी हकीकत पता की गई, तो मालूम यह हुआ कि यूनिवर्सिटी के जिम्मेदारों ने टॉल फ्री नंबर की जगह लैंडलाइन फोन अप्लाई किया है। छह माह से ज्यादा का वक्त बीत चुका है, लेकिन लोगों को अब भी टॉल फ्री नंबर का इंतजार है।

गा‌र्ड्स को भी नहीं मिला वॉकी-टॉकी

यूनिवर्सिटी का सिक्योरिटी सिस्टम और मजबूत करने के लिए सभी अहम स्पॉट्स पर मौजूद गा‌र्ड्स को वॉकी-टॉकी देने की भी योजना थी। इसके पीछे मंशा यह थी कि कंट्रोल रूम में कोई भी इंफॉर्मेशन आने पर इमिडिएट एक्शन लिया जा सके। इसमें यूनिवर्सिटी कैंपस के अलावा, हॉस्टल, टीचर्स और वीसी आवास, फैकेल्टीज और एडी बिल्डिंग पर मौजूद रहने वाले 20 गा‌र्ड्स को वॉकी-टॉकी मिलना था। जिससे सूचनाएं फौरन ही जिम्मेदारों तक पहुंच सके। इसकी रेंज एक किलोमीटर थी। मगर इस कवायद के लिए भी करीब छह माह से ज्यादा का वक्त बीत चुका है, लेकिन अब भी वॉकी-टॉकी का इंतजार है।

सीसीटीवी से निगाहबानी का इंतजार

ग‌र्ल्स स्टूडेंट्स की सिक्योरिटी को बेहतर करने के लिए सीसीटीवी कैमरे भी लगवाए जाने थे, लेकिन कुछ स्पॉट्स पर लगने के बाद इसका काम फिर ठप पड़ गया। हालत यह है कि अब नए एडमिशन के बाद सीसीटीवी कैमरों से निगरानी की जरूरत है, लेकिन यूनिवर्सिटी में अब तक यह इंस्टॉल नहीं हो सके हैं। प्राइमरी फेज में यह दीक्षा भवन, जहां ग‌र्ल्स की क्लासेज कंडक्ट होती हैं, वहां कैमरे लगाए जाने का प्लान है। इसकी एक अहम वजह यह भी थी कि यूनिवर्सिटी ने सभी कॉलेजेज को एग्जामिनेशन रूम में सीसीटीवी कैमरा लगाने के बाद ही एग्जामिनेशन सेंटर अप्रूव्ड करने की बात कही थी।