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जनवरी को चैम्बर के भीतर घुसकर मारी गई थी गोली

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गोलियां लगी थीं कुल डॉक्टर बंसल को

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अपराधियों के शामिल होने का अंदेशा

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सीसीटीवी कैमरे लगे हैं जीवन ज्योति हॉस्पिटल में

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कैमरे घटना के दिन खराब मिले थे

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संदिग्धों का स्केच जारी कर चुकी है पुलिस

पांच माह बीत चुके, न मारने वाले का सुराग, न मरवाने वाले का पता

एसटीएफ से लेकर क्राइम ब्रांच तक के लगने के बाद भी हाथ खाली

स्केच जारी करने का भी नहीं हुआ कोई फायदा

ALLAHABAD: सूबे के चर्चित और हाईप्रोफाइल डॉ। एके बंसल मर्डर मिस्ट्री आज भी जांच एजेंसियों व पुलिस के लिए अबूझ पहेली बनी हुई है। जांच में जुटी एसटीएफ व पुलिस फोर्स को कई बार ऐसा लगा कि मर्डर मिस्ट्री सॉल्व होने के कगार पर है, लेकिन अगले ही पल जांच टीमें फिर से शून्य पर आ जा रही हैं। यहीं कारण है कि आज तक पूरे घटना को लेकर पुलिस को कोई अहम सुराग नहीं मिल सका है। पुलिस इसे मर्डर केस को पूरी तरह ब्लाइंड केस के पैटर्न पर सॉल्व करने की कोशिश में जुटी हुई है। सीसीटीवी फुटेज व चश्मदीदों के बताए हुलिए के आधार पर पुलिस ने स्केच भी तैयार किया लेकिन इससे कोई सुराग नहीं मिला।

अब आलोक है प्राइम सस्पेक्ट

डॉ। बंसल की हत्या के खुलासे को लेकर पुलिस की टीमें कई एंगल पर वर्क कर रही हैं। डॉ। बसंल से जुड़े सभी पहलुओं और पूर्व में हुई घटनाओं पर भी लगातार निगाह बनाए हुए हैं। इसके बाद भी जांच की सूई अटकी हुई है। पूर्व में घटित विवादों को लेकर कई लोगों ने पुलिस की टीमों ने पूछताछ की। सिर्फ आलोक सिन्हा ही एक ऐसा शख्स बाकी है जिससे पुलिस को पूछताछ करना बाकी है। पुलिस को अभी तक उसकी लोकेशन के बारे में कोई जानकारी नहीं मिली है। फिलहाल पुलिस का पूरा कंसंट्रेशन आलोक सिनहा ही है। एक बार वह ट्रेस हो जाए और पूछताछ का मौका मिले तो शायद जांच कुछ आगे बढ़े, इसी उम्मीद में पुलिस उसकी तलाश में दिन-रात एक किए हुए है। डॉ। एके बंसल के बेटे डॉ। अर्पित बंसल ने बातचीत कहा कि पुलिस को पूरे घटना क्रम में और अधिक सक्रियता दिखानी चाहिए। अब तक घटना का खुलासा न होना चिंता विषय है।

बेटे ने संभाली पिता की विरासत

अपने जीवन काल में ही डॉ। अश्वनी कुमार बंसल ने बेटे डॉ। अर्पित बंसल को अपने उत्तराधिकारी के रूप में तैयार कर दिया था। डॉ। बंसल सर्जरी के स्पेशलिस्ट थे और बेटे को भी उन्होंने इसी फील्ड में तैयार किया था। अलग बात है कि जब तक वह जिंदा थे बेटा बाहर रहकर ट्रेनिंग ले रहा था। पिता के असमय साथ छोड़कर चले जाने के बाद बेटे ने हॉस्पिटल को संभाल लिया। वह उसी चैंबर में बैठता है जिसमें डॉ। बंसल बैठा करते थे। डॉ। अर्पित ने बताया कि हॉस्पिटल का काम संभालने में मां डॉ। वंदना बंसल भी पूरा साथ देती हैं। दोनो की कोशिश है कि अस्पताल को फिर से वही बुलंदी और मुकाम दिया जाय जो डॉ। बंसल के जमाने में था। मरीजों को किसी प्रकार की दिक्कत का सामना न करना पड़े।

डॉक्टर्स भी हो गए खामोश

12 जनवरी की शाम सात बजे के करीब डॉक्टर एके बंसल की उनके ही चैम्बर में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इस घटना से प्रदेश भर के डॉक्टर सन्नाटे में आ गए थे। जिले में डॉक्टर्स ने ओपीडी सेवाएं ठप करके आंदोलन किया था। एएमए से लेकर आईएमए तक ने आंदोलन में हिस्सा लिया। लेकिन, वक्त बीतने के साथ ही डॉक्टर्स भी इस घटना को भूल गए। शुरुआती प्रेशर हटा तो पुलिस भी रिलैक्श हो गई। शायद यही कारण है कि आज केस आज भी उतना ही ब्लाइंड है जितना घटना के दिन था।

डॉ। बंसल मर्डर केस में अभी तक कोई नया अपडेट नहीं है। जांच में लगी पुलिस की टीमें लगातार प्रयास कर रही हैं। बस एक लीड की तलाश है। इसे हम अभी भी मॉनीटर कर रहे हैं। हमारा पूरा प्रयास है कि इस मामले का खुलासा जल्द से जल्द कर दिया जाय।

-सिद्धार्थ शंकर मीणा

एसपी सिटी