-अखिलेश यादव के निष्कासन की खबर के बाद नेताओं और कार्यकर्ताओं में हड़कंप

- शहर समाजवादी पार्टी के पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं में पार्टी संकट को लेकर होती रही चर्चा

>KANPUR: देर रात कानपुर के मौसम ने करवट ली तो शहर कोहरे की चादर में लिपट गया। वहीं राजधानी के सियासी कोहरे ने भी कानपुर को अपनी चपेट में ले लिया। लखनऊ में सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव ने प्रेस कॉफ्रेंस में जैसे ही मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को पार्टी से 6 साल के लिए निष्कासित किया, कानपुर में पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं में हड़कंप मच गया। शहर और प्रदेश पदाधिकारियों के साथ ही कार्यकर्ता भी पल-पल की खबर लेते रहे। लेकिन उनके सामने सबसे बड़ा असमंजस यह है कि जाएं तो किधर जाएं। पदाधिकारियों का कहना है कि वो समाजवादी पार्टी में हैं। सवाल ये है कि अखिलेश यादव ने कहा है कि असली समाजवादी पार्टी उनकी है? जबकि सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव हैं। लेकिन सूत्रों के मुताबिक कानपुर के दो सपा विधायक अखिलेश यादव के साथ जा सकते हैं। जबकि कानपुर में सपा का एक खेमा सपा सुप्रीमो के साथ है।

विकास के नाम पर मिलेगा मौका

नाम न पब्लिश करने की रिक्वेस्ट पर वरिष्ठ सपा नेताओं ने बताया कि मुख्यमंत्री के रूप में अखिलेश यादव ने प्रदेश में जो विकास किया है अगर उसको लेकर जनता के बीच में जाएंगे तो पब्लिक फिर मौका देगी। ऐसे में जो नेता विकास को लेकर चुनाव लड़ना चाहते हैं वो अखिलेश के साथ हैं। नेताओं का कहना है कि 'नेताजी' को भी इस बात को समझना चाहिए। हालांकि, कुछ नेताओं ने ये भी कहने से गुरेज नहीं किया कि अनुशासन का पालन न करने वालों पर जरूर कार्रवाई होनी चाहिए।