- 16 तीर्थयात्री भी हुए घायल, दो की हालत गंभीर

- मौसम खराब होने के कारण नहीं हो पाया हेली रेस्क्यू

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DEHRADUNथर्सडे को यहां पहाड़ी से गिरे पत्थरों की चपेट में आकर एक घोड़े और उसके संचालक की मौत हो गई, जबकि 16 तीर्थयात्री चोटिल हो गए। इनमें दो को गंभीर चोटें आई हैं। मौसम की खराबी की वजह से इन्हें हेली रेस्क्यू नहीं किया जा सका। दोनों को पालकी से गौरीकुंड लाया जा रहा है। इधर, सुरक्षा के लिहाज से यात्रियों को विभिन्न पैदल पड़ावों पर रोक दिया गया है।

पहाड़ी से गिरे पत्थर
वेडनसडे मध्यरात्रि से ही केदारघाटी में बारिश का हो रही थी। भीमबलि और लिनचोली के बीच भूस्खलन होने पर जिला प्रशासन ने दोपहर ढाई बजे यात्रा आधा घंटे के लिए रोक दी थी। तीन बजे इसे फिर से चालू कर दिया गया। करीब चार बजे लिनचोली और भीमबलि के बीच अचानक पहाड़ी से पत्थर गिरने लगे। यह देख तीर्थयात्रियों में अफरा-तफरी मच गई। दोनों तरफ खड़े यात्री पत्थर गिरने का सिलसिला थमने का इंतजार करने लगे। तभी एक घोड़ा संचालक, उसका घोड़ा और 16 तीर्थयात्री पत्थरों की चपेट में आ गए।

मौसम साफ रहने पर यात्रा शुरू की जाएगी
घोडे़ और उसके संचालक ने वहीं दम तोड़ दिया। उसकी शिनाख्त प्रदीप (30)पुत्र बसंत निवासी नागनाथ, चमोली के रूप में हुई। वह मूल रूप से नेपाल का रहने वाला था। घायल यात्रियों को एसडीआरएफ और पुलिस की टीम ने लिनचोली और भीमबलि में प्राथमिक उपचार दिलवाया। दो यात्रियों को गंभीर चोटें आई हैं। कोहरे के कारण इन दोनों को हेली रेस्क्यू नहीं किया जा सका। दोनों के सिर और पैरों में चोटें आई हैं। रुद्रप्रयाग के डीएम मंगेश घिल्डियाल ने बताया कि इस घटनाक्रम के बाद केदारनाथ जा रहे और दर्शन कर धाम से लौट रहे तीर्थयात्रियों को सुरक्षा की दृष्टि से विभिन्न पड़ावों पर रोक दिया गया। फ्राइडे को मौसम साफ रहने पर यात्रा शुरू की जाएगी।