गली यूनिवर्सिटी में पढ़ते हजारों हैं

सिटी को एजुकेशन हब के तौर पर देखा जाता है। सीसीएस के अलावा प्राइवेट यूनिवर्सिटी की सिटी में कोई कमी नहीं है, लेकिन एक ऐसी यूनिवर्सिटी शुरू हो गई है जो हमारे सामने होते हुए भी दिखाई नहीं दे रही है। जी हां, पीएल शर्मा रोड एक ऐसी गली है, जिसमें पूरी यूनिवर्सिटी रन कर रही है। जहां हर तरह के सब्जेक्ट और कॉम्पीटीटिव एग्जाम की तैयारी कराई जाती है। आइए आपको भी बताते हैं कि इस यूनिवर्सिटी के बारे में

800 मीटर का एरिया

वैसे पीएल शर्मा रोड पूरी सिटी में  काफी चर्चित हैं। कंप्यूटर गुड्स के लिए मशहूर ये रोड एक काम के लिए और भी काफी फेमस है और वो है कोचिंग इंस्टीट्यूट के लिए। करीब करीब 1500 मीटर की इस रोड में 700 मीटर को छोड़ दिया जाए तो बाकी 800 मीटर पर कोचिंग सेंटर्स और इंस्टीट्यूट ही नजर आएंगे। सिटी में किसी एक गली में इनसे ज्यादा कहीं भी कोचिंग इंस्टीट्यूट और नहीं है।

पीएल शर्मा रोड 'यूनिवर्सिटी'

इस रोड को इसी नाम से पुकारा जाए तो बेहतर होगा। क्योंकि इस रोड़ पर 40 से ज्यादा छोटे बड़े इंस्टीट्यूट रन कर रहे हैं। अगर इन इंस्टीट्यूट के इंफ्रास्टक्चर के बारे में बात करें तो हरेक में एक में एवरेज तीन कमरे हैं। कैंपस में चालीस इंस्टीट्यूट के 120 कमरे हैं। एक रूम में 40 स्टूडेंट्स के बैठने की व्यवस्था है।

200 स्टूडेंट्स, 5 क्लास

डॉट इंस्टीट्यूट नाम से कोचिंग सेंटर चलाने वाले रिषी त्यागी कि मानें तो हरेक इंस्टीट्यूट में डेली एवरेज 200 स्टूडेंट्स कोचिंग लेने को आते हैं। यानी एक दिन में इन इंस्टीट्यूट में डेली आठ हजार स्टूडेंट पढऩे के लिए आते हैं, जिनमें एक दिन में 5 क्लासेस होती हैं। साथ ही एक क्लास में करीब 40 स्टूडेंट्स होते हैं। नामी इंस्टीट्यूट की क्लास में 60 और 80 तक स्टूडेंट्स पहुंच जाते हैं।

12 घंटे की यूनिवर्सिटी

वैसे तो कोई भी यूनिवर्सिटी 12 घंटे की नहीं होती, लेकिन पीएल शर्मा रोड पर 12 घंटे क्लासेस लगती हैं। सुबह 7 बजे से क्लास शुरू होती है, जो शाम को सात बजे तक चलती है। एक क्लास करीब दो घंटे की होती है। बीच में करीब एक घंटे का ब्रेक भी होता है। वैसे स्टूडेंट्स की सबसे ज्यादा भीड़ दोपहर 12 बजे से लेकर शाम 5 बजे तक होती है।

इनकी कराई जाती है तैयारी

- पीसीएम, एसएससी, बैंक पीओ, क्लैट, आईएएस, पीसीएस, पीसीएसजे, इंग्लिश स्पीकिंग, कॉमर्स सब्जेक्ट्स

इन सब्जेक्ट्स के इतने इंस्टीट्यूट

पीसीएम के इंस्टीट्यूट : 25

कॉम्पीटेटिव एग्जाम के इंस्टीट्यूट : 10

कॉमर्स सब्जेक्ट्स के इंस्टीट्यूट : 04

इंग्लिश स्पीकिंग के इंस्टीट्यूट : 01

इतनी ली जाती है फीस

आईआईटी जेईई के चार महीने की तैयारी : 15 हजार रुपए

आईएएस-पीसीएस-पीसीएसजे की एक साल की तैयारी : 80 हजार रुपए

बाकी कॉम्पटीटिव एग्जाम की तैयारी : 8000-20 हजार रुपए

टीचर्स की कोई कमी नहीं

भले ही किसी सरकारी कॉलेज या यूनिवर्सिटी में टीचर्स की कमी हो सकती है, लेकिन यहां पर टीचर की कोई कमी नहीं है। अगर आंकड़ों की बात करें तो इस इंस्टीट्यूट की मंडी में पूरे दिन में डिफरेंट सब्जेक्ट के करीब 125 टीचर्स मौजूद हैं। इनकी हर महीने में 20 से 25 हजार रुपए कमाई हो जाती है। इनमें अधिकतर इंस्ट्रक्टर ऐसे हैं, जो खुद हायर एजुकेशन ले रहे हैं।

बड़ा सक्सेस रेट

अगर बात यहा के सक्सेस रेट की करें तो कोई बुरा नहीं है। आई स्पीक इंस्टीट्यूट के ऑनर अमित शर्मा की मानें तो इंस्टीट्यूट में आने वाले स्टूडेंट को काफी बेहतर तरीके से पढ़ाई कराई जाती फिर स्टूडेंट के ऊपर डिपेंड करता है कि वो क्या करके आया है। वैसे आंकड़ों में सक्सेस रेट की बात करूं तो यह 70 परसेंट तक है।

'800 मीटर की रेंज में काफी इंस्टीट्यूट हैं। स्कूल गोइंग स्टूडेंट्स से लेकर  कॉलेज और वर्किंग लोग भी पढऩे के लिए आते हैं, जिन्हें क्वालिटी एजुकेशन देने की कोशिश की जाती है.'

- अमित शर्मा, ऑनर, आई स्पीक

'मैं यहां लॉ एग्जाम की तैयारी कराता हूं। दो क्लास लेता हूं 65-65 स्टूडेंट्स की। स्टूडेंट्स की ज्यादा से परेशानी इसलिए नहीं होती है क्योंकि सभी को एक ही सब्जेक्ट पडऩा है। इससे टाइम भी सेव होता है.'

- अनुज शर्मा, इंस्ट्रक्टर, जस्टिस इंस्टीट्यूट ऑफ लॉ

'मैं पिछले पांच सालों से इंस्टीट्यूट चला रहा हूं। और सक्सेस रेट को लगातार वॉच करता हूं। सक्सेस रेट वैसे स्टूडेंट्स की सेल्फ स्टडी और लगन पर डिपेंड करता है। हम सिर्फ उन्हें प्रॉपर तरीके से गाइड कर सकते हैं.'

- रिषी त्यागी, ऑनर, डॉट इंस्टीट्यूट

Fact and Figure

- 800 मीटर की गली में है 40 छोटे-बड़े इंस्टीट्यूट

- एक इंस्टीट्यूट में दिन में 200 स्टूडेंट्स पढऩे आते हैं।

- एक दिन में 5 क्लासेस होती हैं।

- एक क्लास में 40-60 स्टूडेंट्स होते हैं।

- पूरी पीएल शर्मा रोड पर करीब 125 टीचर्स स्टूडेंट्स को पढ़ाते हैं।

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