LUCKNOW : बुधवार को स्कूली वाहनों की हड़ताल से सुबह से ही शहर के प्रतिष्ठित स्कूलों के बाहर वाहनों की कतारें दिखी, जिससे जाम की स्थिति भी बनी। यह वाहन पैरेंट्स के थे, जिससे वे बच्चों को छोड़ने आये थे। इस कारण कई स्कूलों में बच्चे देर से भी पहुंचे। सेवेंथ डे स्कूल ने देर से पहुंचे बच्चों को प्रवेश देने से रोक दिया। कैथेड्रल स्कूल में प्रार्थना सभा के बाद बच्चों को प्रवेश दिया।

बन गई बात

स्कूली वाहनों की हड़ताल बुधवार शाम को खत्म हो गई। अगले दिन गुरूवार सुबह से स्कूली वाहन अपने निर्धारित समय के अनुसार संचालित होंगे। इस बारे में आरटीओ रामफेर द्विवेदी ने बताया कि स्कूली वाहनों के प्रतिनिधियों ने अपनी प्रमुख मांग संबंधी जो प्रत्यावेदन दिया था, उसे परिवहन आयुक्त कार्यालय तक पहुंचा दिया गया है। अब शासन स्तर पर विचार-विमर्श के लिए उस प्रत्यावेदन को भेजा जायेगा, जिसके बाद स्कूली वाहन संचालकों की मांगों पर किसी प्रकार की सहमति बन पायेगी।

इस कारण हुई हड़ताल

लखनऊ स्कूल व्हीकल्स ओनर्स वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष अवतार सिंह के मुताबिक उन लोगों की प्रमुख मांग यही है कि उनके स्कूली वाहनों को 10 साल के बजाय पांच साल बढ़ाकर यानि 15 साल तक के लिये ऑनरोड संचालन की विभागीय अनुमति दी जाये। जबकि इसके विपरीत परिवहन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि शासन द्वारा निर्धारित नयी गाइडलाइन के तहत ही इन स्कूली वाहनों को तभी पांच साल बढ़ाकर संचालन की अनुमति दी जा सकती हैए जब संबंधित वाहन व्यक्तिगत मालिक के नाम पर न होकर स्कूल या उससे जुड़ी संस्था के नाम पंजीकृत हो। बस इसी बात को लेकर स्कूली वाहन संचालकों और परिवहन विभाग के बीच टकराव की स्थिति बनी हुई है।