- वीसी ने दिया आंदोलित छात्रों को मांगे पूरी करने का आश्वासन

- यूनिवर्सिटी प्रशासन का दावा कैंपस में नहीं होने दी जाएगी तालाबंदी

- आईसा, एसएफआई, समाजवादी छात्रसभा के साथ आया एनएसयूआई

- गेट नंबर एक से स्टूडेंट्स करेंगे ऐतिहासिक हड़ताल का आगाज

LUCKNOW: लखनऊ यूनिवर्सिटी में शुक्रवार को विभिन्न छात्र संगठनों की ओर से बुलाई गई हड़ताल वीसी के वार्ता के बाद भी समाप्त नहीं होगी। वीसी प्रो। एसबी निमसे ने गुरुवार को अपने आवास पर विभिन्न मुद्दों पर छात्र संगठनों से वार्ता के साथ ही उनकी मांगों को जल्द पूरा करने का आश्वासन दिया। इसके बावजूद छात्र संगठन अपने रुख पर अड़े हुए हैं। उनका कहना है कि सभी स्टूडेंट्स क्लासेस का बहिष्कार करेंगे व हड़ताल को अपना समर्थन देंगे। वहीं यूनिवर्सिटी में तालाबंदी करने के छात्रनेताओं के मंसूबे को कामयाब नहीं होने दिया जाएगा। इसको लेकर यूनिवर्सिटी प्रशासन ने भी पूरी तैयारी कर ली है।

शामिल न होने की दी हिदायत

यूनिवर्सिटी के प्रवक्ता प्रो। एनके पांडे ने बताया कि आम हड़ताल जैसी कोई भी गतिविधि का संचालन यूनिवर्सिटी कैंपस में नहीं होने दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि प्रत्येक कार्य दिवस की तहत सभी कक्षाओं का संचालन होगा और किसी भी तरह से कोई छात्र इस प्रकार की गतिविधि में खुद को शामिल न करने की हिदायत दी गई। शिक्षकों को भी पूर्व की भांति ही अपनी कक्षाओं का संचालन करने के निर्देश दिए गए हैं।

सभी मांगो पर बनी सहमति

यूनिवर्सिटी के प्रवक्ता प्रो। पांडेय ने बताया कि छात्रों की प्रत्येक मांग पर वीसी प्रो। एसबी निमसे ने अपनी सहमति जताई है। उन्होंने कहा कि कमेटी का गठन कर पारदर्शी तरीके से पूरे कैंपस को दस चरणों में पूरी तरह से वाईफाई करने की योजना पर काम किया जाएगा। इसमें तकरीबन 8 से 9 करोड़ रुपए का खर्च आएगा। प्रो। पांडेय ने बताया कि आंदोलित छात्रों की मांग थी कि कई मदों में बढ़ी हुई फीस को कम करने का आदेश यूनिवर्सिटी वीसी की ओर से दिया जाए। इसको लेकर वीसी ने बताया कि यूनिवर्सिटी राज्य यूनिवर्सिटी के नियमों के अंर्तगत आता है। राज्य यूनिवर्सिटीज में फीस निर्धारण को लेकर एक राज्य स्तरीय कमेटी का गठन किया गया है। इस कमेटी के माध्यम से ही फीस का निर्धारण संभव है।

बढ़ेगा सीएलएल का बजट

यूनिवर्सिटी में छात्रों द्वारा कोर्स से संबंधित किताबों को उपलब्ध कराने की मांग बीते काफी समय से की जा रही है। इसको लेकर वीसी ने कहा कि यूनिवर्सिटी में संचालित कोऑपरेटिव लेंडिंग लाइब्रेरी (सीएलएल) का बजट बढ़ाया जाएगा। साथ ही सभी कोर्स के विभागाध्यक्षों व डीन से इसको लेकर कोर्स में संचालित किताबों को लाइब्रेरी में शामिल किए जाने को लेकर जानकारी और सूची भी मांगी जाएगी।

एनएसयूआई ने किया हड़ताल का समर्थन

दूसरी ओर यूनिवर्सिटी में भगवाकरण को रोकने और छात्रों से जुड़ी समस्याओं को लेकर दूसरे छात्र संगठनों की ओर से बुलाए गए हड़ताल को कांग्रेस के छात्र विंग एनएसयूआई ने भी अपना समर्थन दिया है। वह भी आईएस, एसएफआई और समाजवादी छात्र सभा के साथ शुक्रवार को यूनिवर्सिटी में हो रहे हड़ताल में शामिल होंगे।

कैंपस के अंदर किसी भी प्रकार के प्रदर्शन की अनुमति नहीं दी जाएगी। अगर कोई अपना विरोध दर्ज कराता है तो वह कैंपस के बाहर इसे कर सकता है। वीसी से छात्र नेताओं की वार्ता सार्थक रही है। इसके बाद हड़ताल का कोई औचित्य नहीं है।

- प्रो। निशी पांडेय,

चीफ प्रॉक्टर