रांची:रिम्स और सदर हॉस्पिटल में भी नेशनल मेडिकल काउंसिल बिल के विरोध में शुरू हुई हड़ताल का जबरदस्त असर दिखा। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के आह्वान पर शुरू स्ट्राइक में देश भर के तीन लाख से ज्यादा डॉक्टर शामिल हैं। इसी क्रम में रिम्स में भी बुधवार को जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ। अजीत की अगुआई में सुबह 10 बजे हॉस्पिटल के सभी विभागों के ओपीडी को बंद करा दिया गया। हड़ताल की पूर्व सूचना नहीं होने के कारण रिम्स में इलाज कराने आए मरीजों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा।

सीनियर्स ने भी छोड़ा ओपीडी

रिम्स में जूनियर डॉक्टरों के ओपीडी बंद कराने के बाद सीनियर डॉक्टर भी ओपीडी से उठकर चले गए। रिम्स के मेडिसीन विभाग, शिशु रोग विभाग, ईएंडटी विभाग, आई डिपार्टमेंट आदि में कोई डॉक्टर नहीं था। इससे वहां इलाज की आस में बैठे लोगों को काफी निराशा हुई। हालांकि गंभीर रूप से बीमार लोगों का इलाज इमरजेंसी में किया जा रहा था।

आम जनता के साथ खिलवाड़

स्ट्राइक में शामिल जूनियर डॉक्टरों का कहना था कि सरकार डॉक्टरों व आम जनता के साथ खिलवाड़ कर रही है। सरकार 6 साल तक पढ़ाई कर डॉक्टर बनने वाले स्टूडेंट्स के समक्ष ब्रिज कोर्स करके आए लोगों को बराबर हक दे रही है। जो ब्रिज कोर्स करके आएगा वो छह महीने में इलाज करने के लिए कैसे काबिल होगा। इससे चिकित्सा की गुणवक्ता और स्तर में भारी गिरावट आएगी।

क्या कहना है डॉक्टरों का

रिम्स के जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ। अजीत ने बताया कि सरकार ने पीजी में नामांकन के लिए नीट के एग्जाम को भी हटा दिया है। जो डॉक्टर 5 साल पढ़ाई करके निकलेगा उसे प्रैक्टिस करने के लिए एग्जिट एग्जाम देना होगा। उसके बाद वो कहीं मेडिकल प्रैक्टिस कर पाएगा। इस बिल से मेडिकल शिक्षा के व्यवसायीकरण को बढ़ावा मिलेगा क्योंकि बिल के प्रावधानों से प्राइवेट मेडिकल कॉलेज में मैनेजमेंट सीट 15 परसेंट से बढ़कर 50 परसेंट हो जाएगी।

क्या है एनएमसी बिल 2019

देश की वर्तमान शिक्षा व्यवस्था के तहत मेडिकल शिक्षा, मेडिकल संस्थानों व डॉक्टरों के रजिस्ट्रेशन से संबंधित काम मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया की जिम्मेदारी थी। लेकिन लोकसभा में पास एनएमसी बिल के मुताबिक नेशनल मेडिकल काउंसिल अब मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया की जगह लेगी। अभी मेडिकल काउंसिल में डॉक्टर ही मेंबर होते हैं। अब नॉन मेडिकल लोग भी इसके मेंबर होंगे। इस बिल के तहत 3.5 लाख नॉन मेडिकल लोगों को ब्रिज कोर्स कराकर लाइसेंस दिया जाएगा, सभी प्रकार की दवाइयां लिखने और इलाज करने का कानूनी अधिकार दिया जाएगा।