-बतौर विधि मंत्री रविशंकर के चीफ जस्टिस से खंडपीठ पर राय मांगने पर उबले वकील, हड़ताल जारी

-चीफ जस्टिस को भेजा पत्र, आज मुलाकात भी संभव

केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद के एक पत्र ने फिर तूफान खड़ा कर दिया है। विधि मंत्री के अपने कार्यकाल में उन्होंने चीफ जस्टिस को पत्र भेजकर पश्चिम में खंडपीठ पर उनकी राय मांगी थी। यह लेटर मीडिया में आ जाने के बाद सोमवार को एक बार फिर बार के अधिवक्ता उबल पड़े। हाईकोर्ट बार ने मंडे को स्ट्राइक जारी रखने का ऐलान कर दिया। उन्होंने इस संबंध में चीफ जस्टिस को लेटर भी लिखा है और कानून मंत्रालय के पत्र पर उठाए गए कदमों की जानकारी मांगी है। ट्यूजडे को इस मुद्दे पर बात के लिए अधिवक्ताओं का प्रतिनिधिमंडल उनसे मिलेगा।

गेट नंबर तीन पर हुई सभा

तय कार्यक्रम के अनुसार सोमवार को हाईकोर्ट के गेट के बाहर बार एसोसिएशन की आमसभा हुई। इसमें पूर्व विधि मंत्री का पत्र ही छाया रहा। दिल्ली गए शिष्टमंडल से गृहमंत्री की वार्ता का ब्योरा तक न रखा जा सका। अधिवक्ताओं में रोष था कि केंद्र सरकार की ओर से इलाहाबाद हाईकोर्ट को पत्र भेजा गया और उन्हें नहीं दी गई। अलग बात है कि खंडपीठ के मुद्दे पर एसोसिएशन का प्रतिनिधिमंडल मुख्य न्यायाधीश से वार्ता भी कर चुका है।

क्या है पूर्व विधि मंत्री के लेटर में

पूर्व विधि मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने यह पत्र ख्भ् अगस्त को इलाहाबाद हाईकोर्ट भेजा था। इसमें कहा गया है कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश में खंडपीठ की मांग काफी समय से की जा रही है। इसका समर्थन राज्य सरकार भी कर चुकी है। इसके बावजूद इस मुद्दे का हल निकाला नहीं जा सका है। पश्चिम के बीस जिलों में प्रदेश की पचीस फीसद आबादी रहती है जिन्हें इलाहाबाद हाईकोर्ट में मुकदमे दायर करने में परेशानी हो रही है। इन स्थितियों को देखते हुए इनकी मांग विचारणीय है। ऐसे किसी प्रस्ताव पर विचार के लिए हाईकोर्ट की राय जरूरी है। इसलिए इस पर मुख्य न्यायाधीश से राय मांगी गई है। बता दें कि रविशंकर प्रसाद के बाद विधि मंत्रालय नवंबर में सदानंद गौड़ा के हवाले कर दिया गया है। उन्होंने भी पश्चिम में खंडपीठ को लेकर बयान जारी किया था, हालांकि बाद में इसका खंडन भी कर दिया। इसी क्रम में गृहमंत्री राजनाथ सिंह के बयान पर भी विवाद खड़ा हुआ था जिनसे मिलकर और आश्वस्त होकर एक दिन पहले ही अधिवक्ताओं का शिष्टमंडल आया है। इससे हाईकोर्ट के अधिवक्ताओं में यह बात फैल गई कि केंद्र सरकार 'हिडेन एजेंडे' के तहत खंडपीठ पर काम कर रही है। इसे देखते हुए ही इलाहाबाद हाईकोर्ट बार एसोसिएशन की आमसभा में प्रस्ताव पारित कर मुख्य न्यायाधीश को पत्र भेजकर जानकारी लेने का फैसला किया गया। हाईकोर्ट बार के अध्यक्ष राकेश पांडेय ने बताया कि ब्भ् अधिवक्ताओं का प्रतिनिधिमंडल मंगलवार को चीफ जस्टिस से मिलेगा।