-शून्य अंक से आहत स्टूडेंट ने ब्लेड से खुद को मारने की कोशिश

-यूनिवर्सिटी गेट पर खड़े लोगों ने स्टूडेंट से छिना ब्लेड

-स्टूडेंट ने कोर्ट में भी की थी कम्प्लेन

GORAKHPUR: गोरखपुर यूनिवर्सिटी गेट पर गुरुवार को जूलॉजी में फेल स्टूडेंट ने ब्लेड से जान देने की कोशिश की। वहां मौजूद स्टूडेंट्स ने उसके हाथ से ब्लेड छिनकर उसकी जान बचाई। इसके बाद फेल स्टूडेंट जूलॉजी डिपार्टमेंट से प्रशासनिक भवन तक अपना अप्लीकेशन लेकर दौड़ता रहा। स्टूडेंट ने दीनदयाल उपाध्याय यूनिवर्सिटी के वीसी प्रो। वीके सिंह से भी मुलाकात की। वीसी ने फेल स्टूडेंट को फिर से पढ़ाई करने के लिए समझाकर वापस भेज दिया।

हाथ में ब्लेड लेकर पहुंचा यूनिवर्सिटी

प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, सुबह 11.30 बजे के करीब एक स्टूडेंट हाथ में ब्लेड लेकर पहुंचा। वहां खड़े स्टूडेंट्स को लगा कि ब्लेड से वे अपनी जान ले लेगा तो वे तुरंत एक्टिव हो गए। कई लड़कों ने पकड़कर उसके हाथ से ब्लेड छिना।

'कोर्ट गया तब चेक की कॉपी'

सरस्वती देवी महाविद्यालय नंदापार का बीएससी सेकेंड ईयर का स्टूडेंट सुधीर रविन्द्र यादव 2019 एग्जाम में फेल हो गया। सुधीर का आरोप है कि जूलॉजी सेकेंड पेपर में उसे शून्य अंक दिया गया था। जबकि, उसने सारे क्वेश्चन का आंसर सही से दिया था। आरोप है कि सितंबर माह से दौड़ते-दौड़ते वे परेशान हो गया। इसके बाद उसने कोर्ट की शरण ली। कोर्ट ने गोरखपुर यूनिवर्सिटी को जूलॉजी सेकेंड पेपर की कॉपी को रिचेक करने का आदेश दिया। तब जाकर कॉपी कॉपी रिचेक हुई।

चेक हुई कॉपी तो 8 नंबर दिया

सुधीर का आरोप है कि कोर्ट के आदेश पर कॉपी चेक हुई तो यूनिवर्सिटी के जिम्मेदारों ने उसे शून्य से 8 नंबर दे दिए। इसके बाद भी वो पास नहीं हो सका। सुधीर का कहना है कि अगर 10 नंबर दे दिए होते तो वो पास हो गया होता।

फंस जाती गर्दन

सुधीर का कहना है कि यूनिवर्सिटी के जिम्मेदार उसे जानबुझकर केवल 8 नम्बर दिए हैं। क्योंकि अगर वे 10 नम्बर दे देते तो उनकी गलती सबके सामने आ जाती। इसलिए उन्होंने ऐसा नहीं किया।

जूलॉजी डिपार्टमेंट भी हल्ला गुल्ला

गुरुवार को यूनिवर्सिटी पहुंचा सुधीर काफी देर तक जूलॉजी डिपार्टमेंट में विभागाध्यक्ष प्रो। अजय सिंह से गुहार लगाता रहा। इस दौरान उसके साथ अन्य लड़के भी उसके साथ थे। डिपार्टमेंट में थोड़ी देर तक गरमा गरमी हुई। इसके बाद विभागाध्यक्ष ने साफ-साफ कहा कि इस मामले में वे कुछ नहीं कर सकते। तब स्टूडेंट बाहर निकले।

कोट-

कोर्ट के आदेश के बाद सुधीर रविन्द्र यादव की कॉपी रिचेक की गई थी। जो सही था उतना नंबर मिला। अब इस मामले में कुछ नहीं हो सकता है।

वीके सिंह, वीसी, यूनिवर्सिटी