- श्रवण कुमार राणा को थमाया नारखी थाना, फरिहा में भेजे जीसी यादव

फीरोजाबाद: नारखी थाने की हवालात में इंटर के छात्र की मौत के बाद निलंबित हुए पुलिसकर्मियों की जांच चुनाव के मद़देनजर तेज कर दी गई है। इसके साथ ही प्रारंभिक जांच में दोषी न पाए जाने पर इंस्पेक्टर श्रृवण कुमार राणा को बहाल कर दिया गया है। साथ ही उनको नारखी जैसे बड़े थाने की जिम्मेदारी सौंपी गई है।

शुक्रवार की रात ग्रामीणों ने भैंस चोरी के संदेह में पकड़ कर फरिहा के साहूमई निवासी पवन पुत्र कुमरपाल को थाना नारखी पुलिस को सौंपा था। पुलिस ने इंटर के छात्र पवन पर तमंचा लगाते हुए उसे हवालात में बंद कर दिया। इसके बाद पवन की जमकर पिटाई की गई। शनिवार सुबह पवन हवालात के अंदर फांसी के फंदे पर लटका मिला। हवालात में मौत की जानकारी होते ही थाना पुलिस में हड़कंप मच गया था। इंस्पेक्टर थाना छोड़ कर भाग गए। पुलिस ने मृतक के पिता की तहरीर पर दो इंस्पेक्टर श्रवण कुमार राणा, ध्यान सिंह समेत पांच पुलिस कर्मियों के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज कराया लेकिन अन्य कोई कार्रवाई नहीं की। रविवार को जब परिजनों ने आरोपी पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर हंगामा किया। तब लखनऊ से आए फोन के बाद एसपी पीयूष श्रीवास्तव ने पांचों आरोपी पुलिस कर्मियों को निलंबित कर दिया। मामले की जांच एएसपी सिटी उदय शंकर सिंह को दी। दो इंस्पेक्टर समेत पांच पुलिसकर्मियों के खिलाफ रविवार को शुरू हुई यह प्रारंभिक जांच मंगलवार को लगभग पूरी हो गई। जिसमें फरिहा इंस्पेक्टर श्रृवण कुमार राणा को बेकसूर पाया गया। इसके बाद पुलिस अधीक्षक पीयूष श्रीवास्तव ने उनको नारखी थाने का चार्ज सौंपा है। वहीं पुलिस लाइन से इंस्पेक्टर जीसी यादव को फरिहा भेजा गया है। इस संबंध में एसपी का कहना है कि प्रारंभिक जांच में दोषी न पाए जाने पर श्रवण कुमार राणा को बहाल करते हुए नारखी थाने की जिम्मेदारी सौंपी गई है।