LUCKNOW: भविष्य के लिए खुद को तैयार करने और खुद को परखने के लिए प्लेटफॉर्म मिला तो बच्चों ने कोई कसर नहीं छोड़ी। हर बच्चा भविष्य में क्या बनेगा व वह भविष्य में किस बड़े कंप्टीशन को बीट कर सकता है। उनका कांफिडेंस लेवल कैसा है, बच्चों के पास करेंट में जो नॉलेज है, क्या उसके सहारे भविष्य की दिशा तय की जा सकती है। इस तरह के कई सवालों से पार पाने के लिए बड़ी संख्या में स्टूडेंट्स रविवार को हजरतगंज स्थित ग्रेविटी क्लासेस में आयोजित इंडियन इंटेलिजेंस टेस्ट सीजन-7 का हिस्सा बने। दैनिक जागरण, इंकलाब और दैनिक जागरण आईनेक्स्ट इंडियन इंटेलिजेंस टेस्ट का नॉलेज पार्टनर है एक्सिस कॉलेज और पाई एजुकेशन। पावर्ड बॉय डाबर शंखपुष्पी और इन एसोसिएशन विद डाबर बादाम तेल व स्नैकिंग पार्टनर सतमोला और मैनेज्ड बाई आई डायरेक्ट हैं।

करियर संवारने की फ्रिक

दैनिक जागरण समूह की ओर से आयोजित इंडियन इंटेलिजेंस टेस्ट में शामिल बच्चों के अंदर करियर संवारने की फ्रिक साफ चेहरे पर देखने को मिल रही थी। उनका उत्साह भी सातवें आसमान पर था, इस मेगा इवेंट को लेकर स्टूडेंट्स के पैरेंट्स भी पूरे उत्साह से लबरेज दिखे। बच्चों के भविष्य की चिंता के साथ ही ऐसे आयोजन के प्रति पैरेंट्स भी काफी संजीदा दिखे। सेंटर के बाहर अपने बच्चों के इंतजार में खड़े पैरेंट्स पर अपने बच्चों के भविष्य की तैयारियों को जानने का क्रेज साफ तौर पर देखने को मिल रहा था। उनका तर्क था कि बच्चे इसके जरिए अपना एनालिसिस कर सकते हैं। ये चीजें आगे भी काम आएंगी।

हर सवाल में बच्चों ने खूब लगाया दिमाग

आईआईटी में क्लास फि फ्थ से ट्वेल्थ तक के स्टूडेंट्स को शामिल होना था। पेपर भी इसी ढंग से तैयार कराया गया था कि स्टूडेंट्स के आई क्यू लेवल के साथ उसके इंट्रेस्ट के पार्टिकुलर सब्जेक्ट को भी परखा जा सके। इसमें माइनस मार्किंग भी रखी गई थी। इसके चलते स्टूडेंट्स ने इंट्रेस्टिंग सवालों को हल करने में खूब दिमाग का इस्तेमाल किया। टेस्ट के दौरान स्टूडेंट्स कई प्रश्नों को सॉल्व करते समय अपनी ओर से पूरी सावधानी बरतते दिखाई दिये।

आंकलन से बढ़ा हौसला

टेस्ट देकर निकले बच्चों ने बातचीत में बताया कि उन्होंने आज के पहले कभी भी ओएमआर शीट का यूज नहीं किया था। इसके साथ ही आईक्यू लेवल के प्रश्नों की भी बच्चों ने खूब तारीफ की। उनका तर्क था कि इस टेस्ट में शामिल होने के बाद खुद का आंकलन करने में आसानी होगी। उन्हें एहसास हुआ कि आगे की तैयारी किस पैटर्न पर की जा सकती है।