- टीबी मरीजों की खोज के लिए कॉलेज स्टूडेंट्स ने की पहल

- विवि के बीफार्मा विभाग के 84 स्टूडेंट्स ने की पहल

आगरा। वर्ष 2025 तक भारत को टीबी मुक्त बनाने के लिए जहां केन्द्र सरकार मुहिम चला रही है। वहीं, कॉलेज में पढ़ने वाले स्टूडेंट्स भी अपनी अहम भूमिका निभा रहे है। डॉ। भीमराव आंबेडकर यूनिवर्सिटी में फार्मा के करीब 84 स्टूडेंट्स ने 10676 लोगों की स्क्रीनिंग की है। स्क्रीनिंग के दौरान लोगों को चिह्नित करने का कार्य किया गया है। विवि के फार्मेसी डिपार्टमेंट के एचओडी डॉ। बृजेश कुमार तिवारी ने कहा कि जब तक हम हर क्षेत्र, हर गली- मोहल्ले तक जमीनी स्तर पर नहीं खोजबीन करेंगे, तब तक हम किसी भी बीमारी को जड़ से नहीं मिटा पाएंगे। बीफार्मा के स्टूडेंट्स को इसी उद्देश्य से जोड़कर काम करने की पहल की गई है। छात्रों ने लगन और डिवोशन से महज छह दिन में 10,676 लोगों की टीबी की जांच के लिए उनकी स्क्रीनिंग की है।

मोती कटरा में की गई स्क्रीनिंग

आगरा के सबसे घनी बस्ती मोती कटरा जहां अधिकांश लोग स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता से वंचित है। वहां स्टूडेंट्स ने जाकर लोगों से बातचीत की। हर घर का दरवाजा खटखटाया। लोगों की स्क्रीनिंग के साथ ही उनको स्वास्थ्य और पर्सन हाईजीन के लिए जागरूक किया गया।

2192 परिवारों को किया गया शामिल

टीबी खोज मुहिम के लिए हर स्टूडेंट ने अपना शत प्रतिशत दिया। कोई भी परिवार या व्यक्ति न छूटे, इसके लिए पूरी योजना बनाई गई। स्टूडेंट्स को दिशा-निर्देशित करते हुए एचओडी डॉ। तिवारी ने बताया कि एक लंबा आंकड़ा बीफार्मा के 84 स्टूडेंट्स ने कुछ ही दिनों में पूरा कर लिया। इस दौरान मोती कटरा के 2192 परिवारों को शामिल किया गया। दस हजार से अधिक लोगों की टीबी की जांच के लिए स्क्रीनिंग की गई। इस कार्य को करने में स्टूडेंट्स ने छह दिन का समय लिया। इस दौरान हर उम्र के लोगों की जांच की गई। स्वास्थ्य टीम अलर्ट रही। साथ ही लोगों को स्वास्थ्य के प्रति सजग रहने के लिए जागरूक भी किया गया।

स्क्रीनिंग में दो लोगों में मिला टीबी

स्टूडेंट्स द्वारा की गई टीबी की स्क्रीनिंग में दस 10 हजार से अधिक लोगों को शामिल किया गया। स्क्रीनिंग के दौरान जिन लोगों को टीबी की बीमारी का संदिग्ध पाया गया उनके सैंपल जांच के लिए भेजे गए। करीब 170 टीबी संदिग्ध लोगों के सैंपल लेकर जांच के लिए भेजे गए। जिनमें से दो लोगों में टीबी पाई गई है। स्टूडेंट्स जांच के बाद मरीजों का टीबी का इलाज शुरू करा दिया गया है। स्टूडेंट्स की इस मुहिम में स्वास्थ्य विभाग और स्टेट टीबी डिपार्टमेंट ने भी मदद की।