इसलिए पड़ी लोकपाल की जरूरत
सीबीएसई का मानना है कि स्कूलों में सबसे बड़ी समस्या ट्यूशन की है। सीबीएसई बोर्ड के स्कूल टीचर्स बच्चों को ट्यूशन नहीं पढ़ा सकते। लेकिन इसके बाद भी टीचर्स स्टूडेंट्स को क्लासेस के बाद ट्यूशन पढऩे के लिए फोर्स करते हैं। ऐसा न करने पर स्टूडेंट्स के साथ भेदभाव किया जाता है।
टीचर्स पर पैनी नजर
लोकपाल में टीचर्स पर पैनी नजर रखेगा। स्कूल टीचर अपने क्लास के बच्चों पर ट्यूशन का दवाब बनाकर अच्छी खासी इनकम करते हैं। लोकपाल बच्चों को जागरूक भी करेगा। शिकायत में दोषी पाए गए स्टूडेंट और टीचर की काउंसलिंग की जाएगी और जरूरत पडऩे पर उनके खिलाफ कार्रवाई भी होगी।
हर जिले में बनेगी कमेटी
लोकपाल कमेटी में स्कूल के किसी शिक्षक और प्राचार्य का कोई दखल नहीं होगा। सीबीएसई द्वारा चयनित बाहरी सदस्यों की टीम को ही लोकपाल बनाया जाएगा। प्रत्येक शहर में लोकपाल की एक टीम होगी।
ये आएगा बदलाव

टीचर्स ट्यूशन के लिए फोर्स नहीं कर पाएंगे।

स्कूल स्टूडेंट्स पर अनावश्यक फाइन नहीं लगा सकेंगे।
स्कूल में स्टूडेंट्स की अटेंडेंस बढ़ेगी।
स्टूडेंट्स में नेतृत्व क्षमता का विकास होगा।
ये हैं प्राब्लम्स
टीचर का ट्यूशन के लिए फोर्स करना।  
टीचर द्वारा मिस बिहेव करना।
स्कूल का फाइन लगाकर एक्स्ट्रा फीस वसूलना
पढ़ाई को लेकर स्टूडेंट्स से भेदभाव करना।

संजय तोमर, डायरेक्टर, होली प?िलक स्कूल

सीबीएसई की अच्छी पहल है। इससे स्टूडेंट्स का मानसिक उत्पीडऩ रुकेगा। साथ ही वे अपनी पढ़ाई पर ध्यान दे पाएंगे।

अंबर बनर्जी, प्रिसिंपल, डीपीएस स्कूल

अच्छा प्रयास है। स्टूडेंट्स को अपनी बात कहने की पूरी आजादी है। जहां तक रही ट्यूशन के लिए फोर्स करने की बात अच्छे स्कूलों में ऐसा नहीं होता है।

सुशील गुप्ता, डायरेक्टर, प्रिल्यूड प?िलक स्कूल

स्टूडेंट्स अपनी प्राब्लम्स को लोकपाल पर दर्ज कराएंगे। इससे उनमें मानसिक विकास होगा। लेकिन जांच कमेटी को शिकायत की जांच जरूर करनी चाहिए।

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