इन दिनों सिटी में स्टूडेंट लीडर्स स्टूडेंट्स के हित को छोड़कर अपने रसूख का गलत फायदा उठाने में लगे हुए हैं। वे चंद रुपयों और अपने शक्ति प्रदर्शन की खातिर कोचिंग सेंटर के डॉयरेक्टर को फोन कर अपने क्लाइंट को एडमिशन दिलाने के लिए दबाव बना रहे हैं। वहीं इस बिन बुलाई मुसीबत से सिटी के कोचिंग संचालक काफी परेशान हैं। कोचिंग संचालको की माने तो वह इन स्टूडेंट लीडर्स से इतने परेशान हो चुके हैं कि वह इसकी शिकायत पुलिस में करने को तैयार हैं लेकिन, पुलिस के को-ऑपरेेशन न मिलने के कारण उन्हें मजबूरन स्टूडेंट लीडर्स की बात माननी पड़ रही है।

न इधर के न उधर के
वैसे तो सिटी में करीब तीन हजार से ऊपर कोचिंग सेंटर्स हैं। चाहे छोटा कोचिंग संचालक हो या फिर बड़ा। हर कोचिंग डायरेक्टर को स्टूडेंट लीडर्स के दबाव को सहना पड़ रहा है। आलम यह है कि रातों की नींद हराम हो गई है। इंग्लिश स्पीकिंग कोर्स चलाने वाले एक कोचिंग के डायरेक्टर ने बताया कि स्टूडेंट के एडमिशन के लिए उनके यहां कोई ऐसा दिन नहीं होता है जब किसी छात्र नेता का फोन न आए। हर दिन दो से तीन कॉल्स आ ही जाते हैं। उन्होंने बताया कि पहले तो स्टूडेंट लीडर्स अपनी पहचान बताते हैं। उसके बाद फोन पर अपना रसूख झाड़ते हैं फिर अपने क्लाइंट का एडमिशन लेने के लिए दबाव बनाते हैं। अगर एडमिशन देने से मना करो तो कोचिंग पर स्टूडेंट से तोड़फोड़ करवाने का भय बनाते हैं। ऐसे में मजबूरन एडमिशन देना पड़ता है।

जान से मारने की दी जाती है धमकी
बेतियाहाता स्थित मेडिकल और इंजीनियरिंग की तैयारी कराने वाले एक कोचिंग के डायरेक्टर ने बताया कि वैसे तो ज्यादातर बच्चों के एडमिशन टेस्ट के थ्रू होते हैं, लेकिन कुछ बच्चे ऐसे आते हैं जो अपने आप को छात्र नेता का कैंडिडेट बताकर एडमिशन लेते हैं। अगर उनका एडमिशन कर भी लिया जाता है तो उसके बाद 50 परसेंट फीस कम करने के लिए प्रेशर बनाते हैं। कुछ दिन पहले की घटना है कि एक स्टूडेंट ने कोचिंग डायरेक्टर को छात्र नेता से फोन पर बात कराई। जैसे ही डायरेक्टर और छात्र नेता के बीच फोन पर बात शुरू हुई तो छात्र नेता ने अपना रौब झाड़ते हुए कोचिंग के डायरेक्टर को धमकी दी और बोला कि सर एडमिशन ले लीजिएगा। वरना शहर में कभी भी तो अकेले निकलते होंगे।

शुरू कर देते हैं तोड़फोड़  
इसी डर की वजह से सिटी के कुछ कोचिंग संचालकों ने स्टूडेंट लीडर्स से मिलने का अलग समय निर्धारित किया है। सिविल लाइंस स्थित एक कोचिंग संचालक ने बताया कि स्टूडेंट लीडर्स से इतना परेशान हो गए कि मजबूरन स्टूडेंट लीडर्स के लिए अलग से समय निर्धारित करना पड़ा। हमने इन लीडर्स के लिए शाम 7 बजे से मिलने का नोटिस भी चस्पा किया है। अगर इनसे मिलने के लिए अलग से समय निर्धारित नहीं करते तो वह अपने 25-30 के ग्रुप में कोचिंग पर आकर तोड़फोड़ शुरू कर देते हैं।  

एडमिशन कराकर छात्र नेता स्टूडेंट्स का नहीं देते हैं फीस
हैरत की बात यह है कि स्टूडेंट लीडर डरा धमका कर अपने क्लाइंट का एडमिशन तो करा देते हैं, लेकिन एडमिशन के पीछे की हकीकत सुनकर आप भी हैरत में आ जाएंगे। एक कोचिंग के डॉयरेक्टर ने बताया कि एडमिशन तो डर से कर लिए जाते हैं। बाद में जब बच्चा यह बताता है कि मैंने लीडर को फीस जमा करने के लिए दे दी थी, तब सारी पिक्चर क्लीयर होती है। लीडर क्लाइंट एडमिशन के नाम माफियागिरी कर रहे हैं।

पुलिस से शिकायत न करने की देते हैं धमकी
कुछ दिन पहले एक कोचिंग संचालक एक छात्र नेता से परेशान होकर कैंट पुलिस से शिकायत करने की कोशिश की तो उन्हें मिड नाइट में किसी छात्र नेता ने फोन कर धमकी दी कि अगर पुलिस से शिकायत करने की कोशिश की तो खैर नहीं। फिर क्या सुबह तक कोचिंग के संचालक दोबारा कैंट थाने नहीं गए।

अब बड़े लीडर्स का सहारा
तीन हजार कोचिंग सेंटर्स में करीब 50 परसेंट कोचिंग संचालकों ने इन छात्र नेताओं से बचने के लिए सिटी के बड़े लीडर्स की शरण में जाना शुरू कर दिया है, ताकि उन्हें छुटभइए नेता परेशान न कर सके। सिटी के 2-3 बड़े कोचिंग ऐसे हैं जिन पर किसी बड़े नेता का आशीर्वाद है। इसलिए उन पर किसी छोटे छात्र नेता का दबाव नहीं बन पाता है।

आई नेक्स्ट को बताएं
आई नेक्स्ट कोचिंग संचालकों की इस समस्या से निजात दिलाने का प्रयास कर रहा है। अगर आप भी स्टूडेंट लीडर्स के प्रेशर से परेशान है तो आई नेक्स्ट को इसकी जानकारी दें.

 

report by : amarendra.pandey@inext.co.in