इलाहाबाद यूनिवर्सिटी की छात्रसंघ अध्यक्ष ने जारी किया पीएम के नाम खुला पत्र

ALLAHABAD: बीजेपी के फायरब्रांड नेता योगी आदित्यनाथ को इलाहाबाद की सीमा में घुसने से रोकने वाली इलाहाबाद यूनिवर्सिटी छात्रसंघ की अध्यक्ष ऋचा सिंह एक बार फिर पूरे रौ में हैं। भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की रैली से एक दिन पहले सैटरडे को छात्रसंघ अध्यक्ष ने पीएम के नाम खुला पत्र जारी किया है। जिसमें इलाहाबाद यूनिवर्सिटी की अस्मिता से जुड़े कई गंभीर मसले उठाए गए हैं। पीएम से सेंट्रल यूनिवर्सिटी के मामले में अब तक हुई शिकायतों का स्वत: संज्ञान लेकर चुप्पी तोड़ने की अपेक्षा की गई है।

पूछा सवाल कैसे पढ़ें, कैसे बढ़ें बेटियां

इविवि छात्रसंघ की महिला अध्यक्ष ने पीएम के नाम जारी पत्र में बिन्दुवार बातें उठाई हैं। जिसमें उन्होंने कैम्पस में महिला असुरक्षा की बात विशेष तौर पर की है। कहा है कि विवि प्रशासन छात्राओं के प्रति माहौल असुरक्षित करने में लिप्त है। उन्होंने इस बात की ओर बीजेपी के मानिंद नेताओं का ध्यान आकृष्ट कराया है कि इविवि में महत्वपूर्ण प्रशासनिक पदों पर महिला उत्पीड़न के आरोपियों को पदासीन किया गया है। पीएम से सवाल पूछा है कि ऐसे माहौल में आखिर कैसे पढें़गी बेटियां और कैसे बढे़ंगी बेटियां?

वित्तीय अनियमितता पर किया प्रहार

कहा है कि वर्तमान में विश्वविद्यालय भ्रष्टाचार और वित्तीय अनियमितता का गढ़ बन गया है। टेंडर से लेकर भुगतान तक की प्रक्रिया में विवि प्रशासन द्वारा पारदर्शिता न अपनाते हुये भ्रष्टाचारी व्यवस्था को बढ़ावा दिया जा रहा है। सभी वित्तीय लेनदेन की सीबीआई जांच की मांग की गई है। कहा है कि वर्तमान सत्र की स्नातक प्रवेश परीक्षा में विवि की लापरवाही की वजह से बड़ी संख्या में छात्रों की प्रवेश परीक्षा छूट गयी। प्रशासनिक लापरवाही के कारण हजारों विधि छात्रों की डिग्री भी खतरे में पड़ गयी है।

उठाई आवाज तो मिली धमकी

छात्रसंघ अध्यक्ष ने पत्र में कहा है कि विवि प्रशासन का रवैया दलित एवं पिछड़े वर्ग के प्रति भेदभावपूर्ण है। दलित एवं पिछड़े वर्ग के छात्रों और कर्मचारियों के साथ भेदभाव करने एवं उनके हितों को हाशिये पर रखने के आरोपियों को महत्वपूर्ण प्रशासनिक पदों पर बिठाया गया है। छात्रसंघ अध्यक्ष का कहना है कि वाइस चांसलर का रवैया अलोकतांत्रिक एवं तानाशाहीपूर्ण है। जिससे छात्रों, शिक्षकों व कर्मचारियों में अत्यन्त रोष है। जिन छात्रों द्वारा वीसी के निर्णयों पर सवाल उठाया जा रहा है। उनके ऊपर गंभीर धाराओं में मुकदमें दर्ज करवाकर निलम्बित कर दिया गया तथा धमकी भी दी जा रही है जोकि लोकतंत्र की हत्या है।

27 दिन से भूखे प्यासे छात्र अड़े

उधर, उत्तर प्रदेश पब्लिक सर्विस कमीशन की सभी परीक्षाओं और एसएससी की जीडी कांस्टेबल भर्ती परीक्षा 2011 की सीबीआई जांच के लिए प्रतियोगियों ने अंतिम दिन तक अपनी ताकत झोंकी। एसएससी कार्यालय के बाहर 27 दिनों से जमा सैकड़ों की संख्या में अभ्यर्थियों ने आमरण अनशन को अनिश्चितकालीन तक के लिए चलाने का निर्णय लिया। अन्न जल ग्रहण न करने से प्रदर्शन में शामिल कई लड़कों की हालत खराब हो गई है। प्रतियोगी छात्र संघर्ष समिति ने यूपी लोक सेवा आयोग की सीबीआई जांच की मांग को लेकर प्रशासन से संडे को कैंडिल मार्च निकालने की अनुमति मांगी है। इलाहाबाद यूनिवर्सिटी छात्रसंघ भवन पर शाम छह बजे दीप प्रज्जवलन कार्यक्रम रखा गया है।